PMFBY : PM फसल बीमा योजना ; रबी फसल का बीमा करवाने की अंतिम तिथि क्या है? / Haryana News Today
PMFBY : PM फसल बीमा योजना ; रबी फसल का बीमा करवाने की अंतिम तिथि क्या है?

PMFBY : PM फसल बीमा योजना ; रबी फसल का बीमा करवाने की अंतिम तिथि क्या है?

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PMFBY: PM Crop Insurance Scheme; What is the last date for getting Rabi crop insurance?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना है। यह योजना फसलों की नुकसान की भरपाई करने में मदद करती है। भारत में खेती मुख्यतः रबी और खरीफ सीजन में होती है। रबी फसलें सर्दी के मौसम में उगाई जाती हैं और देश की खाद्य सुरक्षा में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में किसानों के लिए अपनी रबी फसलों का बीमा कराना बेहद जरूरी है ताकि किसी प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से बचा जा सके।

रबी फसल का बीमा करवाने की अंतिम तिथि

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को हर साल बीमा करवाने का अवसर मिलता है। यह योजना खरीफ और रबी दोनों सीजनों की फसलों को कवर करती है।

2024-25 के लिए अंतिम तिथि

सरकार ने 2024-25 में रबी फसलों के लिए बीमा करवाने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 रखी है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे समय सीमा के भीतर अपनी फसलों का बीमा सुनिश्चित करें। इस तिथि के बाद बीमा कराने का कोई अवसर नहीं मिलता।

पंजीकरण प्रक्रिया

रबी फसलों का बीमा करवाने की प्रक्रिया काफी सरल है। किसान डिजिटल और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पंजीकरण कर सकते हैं।

  1. ऑनलाइन पंजीकरण: किसान pmfby.gov.in वेबसाइट पर जाकर अपने फसल बीमा का ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। उन्हें अपने क्षेत्र, फसल, और व्यक्तिगत विवरण भरने होंगे।
  2. ऑफलाइन पद्धति: जो किसान ऑनलाइन माध्यम का उपयोग नहीं कर सकते, वे नजदीकी CSC (Customer Service Center) या बैंक शाखा के माध्यम से फॉर्म भर सकते हैं।
  3. समय पर प्रीमियम भुगतान: बीमा का लाभ पाने के लिए किसानों को प्रीमियम राशि तय समय पर जमा करनी होगी।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ

यह योजना किसानों के लिए कई तरह के लाभ प्रदान करती है। भारतीय कृषि को प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव से बचाने के लिए इस योजना का मकसद आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।

आर्थिक सुरक्षा

किसान अक्सर बेमौसम बारिश, सूखा, ओलावृष्टि और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से परेशान होते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इन किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। इससे किसानों को अपनी मेहनत का फल खराब होने पर भी वित्तीय सहायता मिलती है और वे भविष्य की फसलों के लिए तैयारी कर सकते हैं।

फसल हानि के लिए मुआवजा

अगर फसल को किसी कारणवश नुकसान होता है, तो बीमा योजना के तहत मुआवजा प्रदान किया जाता है।

  • मौसम आधारित नुकसान: असमय बारिश या सूखे की स्थिति में सहायता।
  • प्राकृतिक आपदा: बाढ़, भूकंप या अन्य कारणों से फसल खराब होने पर भी कवरेज मिलता है।
    इस मुआवजे का सीधा लाभ किसानों को मिलता है, जिससे उन्हें दोबारा खेती करने में मदद मिलती है।

किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज

फसल बीमा पंजीकरण प्रक्रिया में कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।

  1. पहचान पत्र (आधार कार्ड)
  2. जमीन का दस्तावेज (पैट्टा या अन्य)
  3. फसल का विवरण
  4. बैंक खाता नंबर
  5. पासपोर्ट साइज फोटो

संपर्क जानकारी और सहायता

किसानों की सुविधा के लिए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर और अन्य संपर्क माध्यम उपलब्ध कराए हैं।

  • टोल फ्री नंबर: 1800-180-1551
  • कृषि अधिकारी और बैंक शाखा से संपर्क: किसान अपने क्षेत्र के कृषि अधिकारी या बैंक से सहायता ले सकते हैं।
  • मोबाइल ऐप: PMFBY का मोबाइल ऐप भी उपलब्ध है, जो किसानों को ताजा जानकारी और सहायता प्रदान करता है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। यह योजना न केवल फसल की सुरक्षा करती है बल्कि उनकी आय और जीवन को स्थिरता देती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे 31 दिसंबर 2024 से पहले अपनी रबी फसलों का बीमा कराएं। यह कदम उन्हें न केवल प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाएगा, बल्कि उनके भविष्य को भी सुरक्षित करेगा। समय रहते बीमा कराएं और इस योजना का अधिकतम लाभ उठाएं।

 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठाएं किसान: अतिरिक्त उपायुक्त सी. जयाश्रद्धा  

अतिरिक्त उपायुक्त सी. जयाश्रद्धा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि रबी सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की स्कीम चलाई जा रही है, जिसकी आखिरी तारीख 31 दिसंबर तक है। उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल के लिए किसान को 459.2 रुपए प्रति एकड़, सरसों के लिए 308.2 रुपए प्रति एकड़, जौ के लिए 292.67 रुपए प्रति एकड़ और सूरजमुखी की फसल के लिए किसान को 311.35 रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रीमियम जमा करवाना होगा।

अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि सहकारी बैंकों में ऋणी किसान का प्रीमियम फसल बीमा योजना के लिए स्वत: उसके खाते से काट लिया जाता है। यदि कोई सहकारी बैंक का उपभोक्ता किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल नहीं होना चाहता है तो वह 24 दिसंबर तक अपना असहमति पत्र बैंक को दे सकता है। निजी व राष्ट्रीयकृत बैंकों में फसल बीमा योजना के लिए किसान को खुद अपने खाते से बीमा प्रीमियम की राशि कटवानी होगी। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना में किसान की फसल किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा जैसे ओलावृष्टि, फसल की महामारी, जलभराव या आकाशीय बिजली के कारण खराब हो जाती है तो उसे क्षतिपूर्ति राशि कंपनी की ओर से दी जाएगी।

अतिरिक्त उपायुक्त सी. जयाश्रद्धा ने बताया कि किसान को फसल खराब होने के बाद 72 घंटे में इसकी सूचना क्रॉप इंश्योरेंस एप, अपने क्षेत्र के कृषि अधिकारी या फिर टोल फ्री नंबर 14447 पर देनी होगी। इस योजना के बारे में किसान कृषि विभाग से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह स्कीम सभी किसानों के लिए उपलब्ध है।


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