Haryana News Today : mandiyon mein lage dhaan ke ambaar, narwana mein lagaaya jaam, and kisaanon ne kiya pradarshan
राइस मिल संचालकों पर मनमर्जी के रेट में धान खरीद का आरोप
Haryana News : हरियाणा में धान की फसल की आवक तेज हो गई है लेकिन खरीदने होने से मंदिरों में धान के अंबार लगे हुए हैं। सरकारी खरीद न करके राइस मिल मालिक मनमर्जी रेटों पर धान की फसल खरीदना चाहते हैं लेकिन इससे गुसाए किसानों ने हरियाणा के अलग-अलग शहरों में कहीं पर जाम लगाया तो कहीं पर प्रदर्शन किया। वही कुरुक्षेत्र की शाहाबाद की सब्जी मंडी मैं लगे धान के बड़े-बड़े ढेरों के कारण स्थानीय व्यापारियों का जीना दुश्वार हो गया है। धान की फसल की खरीदना होने के कारण हरियाणा के जींद कुरुक्षेत्र में किसानों ने जाम लगा दिया तो करनाल और रोहतक में प्रदर्शन किया।
धमतान में धान की खरीद न होने पर किसानों ने नरवाना-टोहाना रोड पर लगाया जाम

Narwana Jind News: नरवाना उपमंडल के धमतान साहिब गांव में वीरवार शाम धमतान अनाज मंडी में धान की खरीद न होने से नाराज किसानों ने नरवाना-टोहाना रोड पर जाम लगा दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। जाम लगने के कारण इस रोड पर चलने वाले वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जाम लगने की मौके पर पहुंची और सूचना मिलने पर धमतान चौकी पुलिस पुलिस ने जाम लगाए बैठे किसानों से बातचीत कर उनकी बात एस.डी.एम. नरवाना से करवाई।
एस.डी.एम. नरवाना ने किसानों को आश्वासन दिया कि शुक्रवार से मंडी में खरीद शुरू हो जाएगी। एस.डी.एम. से आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने जाम खोल दिया।
रोहतक में धान की खरीद सुचारू रूप से न होने से किसान परेशान, जताया आक्रोश
Rohtak News Today : संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा ने प्रदेश भर में धान की फसल की खरीद सुचारू रूप से न करने के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया है सरकार जल्द से जल्द खरीद को शुरू कर किसानों की दिक्कतों को कम करें अन्यथा मोर्चा जल्द प्रदेश स्तरीय मीटिंग कर आगमी आंदोलन की योजना बनाएगा ।
वीरवार को प्रेस बयान जारी करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा के घटक संगठन किसान सभा के प्रदेश महासचिव सुमित सिंह ने बताया की पिछले कई दिनों से सरकार धान की खरीद के दावे कर रही है लेकिन सच्चाई में खरीद नहीं हो रही।
मंडियों में जीरी के ढेर लगे हुए हैं, नमी आदि का बहाना बना किसान की फसल नहीं खरीदी जा रही। दूसरी तरफ प्राइवेट खरीददार 2000 और 2100 प्रति क्विंटल खरीद जिसके चलते किसान को एम. एस. पी. नहीं मिल रही है और प्रति क्विंटल हजारों रुपए का घाटा उठाने पर मजबूर हैं। मंडियों में हर रोज किसान पहुंच रहे है लेकिन फसल का उठान नहीं होने से मंडियों में जगह नहीं बची ।
मांग : एम.एस.पी. पर खरीद की जाए
संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा ने सरकार से मांग की है की जल्द से जल्द धान समेत अन्य फसलों की भी सरकारी खरीद सुचारू रूप से शुरू करवाई जाए, नमी, क्वालिटी, ऑनलाइन आदि की शर्तों के नाम पर किसान को परेशान न किया जाए, एम.एस.पी. पर फसल खरीद की जाए।
करनाल में धान की खरीद ना होने से परेशान किसानों ने किया प्रदर्शन
इंस्पैक्टरों की अदला-बदली में लगा विभाग, अनाज से अटी मंडी
Karnal News Today : करनाल की जुंडला अनाज मंडी में किसानों ने धान की खरीद न होने से मार्कीट कमेटी के कार्यालय में रोष प्रदर्शन किया। किसानों ने आरोप लगाया कि व्यापारी किसानों की धान को मिलीभगत कर मनमाने दामों पर खरीद रहे हैं।
किसान भाल सिंह, दलवीर सिंह, सोहन सिंह, रोहताश ने बताया कि पिछले कई दिनों से जुडला अनाज मंडी धान से अटी पड़ी है, किसान दिन रात अपने धान का पहरा देने पर मजबूर हैं लेकिन जिम्मेदार विभाग और मंडी प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। दूसरी ओर जिम्मेदार विभाग डी.एफ.एस.सी. अभी तक मंडी में अपने सिपहसालारों की अदला-बदली में लगा हुआ है।

कल तक जिन इंस्पैक्टरों की ड्यूटी मंडी में लगाई गई थी, चुनाव नतीजे आने और आकाओं का संरक्षण प्राप्त होने से उनकी ड्यूटी में फेरबदल किया जा रहा है। 1 अक्तूबर से सुचारू रूप से खरीद व्यवस्था का दम भरने वाला प्रशासन अभी तक मंडी के हालात नहीं सुधार पाया।
बुधवार तक जिले की सभी मंडियों में 9 अक्तूबर तक 23 लाख क्विंटल की आवक हो चुकी है। इसमें से 8.40 लाख क्विंटल की खरीद की गई है जबकि 21 प्रतिशत धान का उठान किया जा चुका है। यह खरीद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हैफेड, हरियाणा वेयर हाऊसिंग कार्पोरेशन द्वारा की गई। किसानों का आरोप है कि पूरी मंडी में धान सूखने के लिए फैलाई जा रही है। उसके बाद बोरियों में भरकर मंडी में ही स्टैक लगाए जा रहे हैं। यही हाल रहा तो अगले एक-दो दिनों में मंडी की व्यवस्था और बिगड़ सकती है।
वहीं दूसरी ओर सरकार के आश्वासन के बाद मिलर्स भी धान खरीद के लिए मैदान में उत्तर चुके हैं। वीरवार तक 150 मिलर्स ने सी.एम. आर. के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा लिया है जो शुक्रवार को मंडी में पहुंचकर धान खरीद करेंगे बाकी मिलर्स भी रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं।
डैमेज व नमी के नाम पर लग रहा कट
किसानों ने आरोप लगाए कि उनकी धान में नमी मात्रा अधिक और डैमेज के नाम पर कट लगाया जा रहा है। किसान सुखपाल, सतीश, नीरज का कहना है कि अभी तक मंडी में निजी व्यापारी ही धान की खरीद कर रहे थे जबकि सरकार द्वारा धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2320 रुपए निर्धारित किया गया है यानी किसानों को 300-400 रुपए प्रति क्विंटल का नुक्सान उठाना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि अब धान में नमी की मात्रा भी 17-18 तक मिल रही है फिर भी नमी के नाम पर दाम कम लगाया जा रहा है।उन्होंने कहा कि किसानों के धान को या तो खरीद का पूरा मूल्य दिया जाए नहीं तो कम दाम पर खरीदी गई धान का पक्का बिल दें।
जुंडला मंडी में धान की खरीद सुचारू रूप से की जा रही है। वीरवार को कुछ मिलर्स ने धान उठान करवाया है। शुक्रवार तक सभी मिलर्स रजिस्ट्रेशन करवा कर मंडी में धान खरीदना शुरू कर देंगे। मंडी में किसानों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी। – बलवान सिंह मार्कीट कमेटी सचिव जुंडला ।
अभी तक 150 राइस मिलर्स सी.एम. आर. का काम करने के लिए डी.एफ.एस.सी. कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। विधायक ने पूरा आश्वासन दिया है कि उनके रहते हुए किसी प्रकार की कोई परेशानी व्यापारियों, किसानों को नहीं होने दी जाएगी। कागजी प्रक्रिया में कुछ समय लगता है। शुक्रवार तक सभी मिलर्स रजिस्ट्रेशन करवा लेंगे।
सौरभ गुप्ता प्रधान, राइस मिल।
मंडी प्रशासन के खिलाफ जमकर निकाला गुस्सा, प्रधान बोले अनाज मंडी में तब्दील हुई सब्जी मंडी, जीना हुआ दुश्वार

kurukshetra News : शाहाबाद मारकंडा अनाज मंडी में धान का व्यापक उठान न होने की वजह से किसानों द्वारा अनाज मंडी में जगह न मिलने के चलते सब्जी मंडी में ही धान के अंबार लगा दिए गए। सब्जी मंडी में चहुंओर बिछी धान की ढेरियों एवं चट्ठों की वजह से वहां से निकलना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में सब्जी मंडी के आढ़तियों को प्रातः काल से लेकर दिनभर काम करना तो दूर सब्जी मंडी में आने-जाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आज आढ़तियों के सब्र का बांध टूटा और सब्जी मंडी के आढ़तियों ने मंडी प्रशासन के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। सब्जी मंडी एसोसिएशन के प्रधान काला आहूजा ने बताया कि जब से किसानों एवं अनाज मंडी के कुछ आढ़तियों ने सब्जी मंडी में धान की फसल गिराई है, मंडी में काम करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा न केवल सब्जी मंडी में फसल सूखने के लिए बिछाई गई है अपितु जब फसल की सफाई के लिए पंखा लगाया जाता है तो फसल का सारा कबाड़ सब्जियों एवं फलों पर आकर जम जाता है, जिससे सब्जी मंडी के आढ़तियों के साथ सब्जी एवं फल विक्रेताओं को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रधान ने बताया कि सब्जी मंडी में जगह-जगह धान बिछी होने के कारण सब्जी मंडी का ग्राहक फल
एवं सब्जी विक्रेता की दुकान तक ही नहीं पहुंच पा रहा। उन्होंने कहा कि प्रशासन की नाकामियों की वजह से सब्जी मंडी अब अनाज मंडी में तब्दील हो गई है और सब्जी मंडी में काम करने वालों का जीना दुश्वार हो गया है। बार-बार कहने के बावजूद प्रशासन की तरफ से उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। प्रधान ने मार्कीट कमेटी के सचिव कृष्ण कुमार मलिक पर उनकी बात न सुनने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मार्कीट कमेटी के सचिव को कुछ भी कहो, उनके पास बात को घुमाने के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। कार्रवाई के नाम पर मार्कीट कमेटी कार्यालय कभी कुछ नहीं करता। प्रधान काला आहूजा ने सब्जी मंडी के आढ़तियों की बात न सुनने पर मार्कीट कमेटी के कार्यालय के खिलाफ आंदोलन करने की भी चेतावनी दी। इस अवसर पर नरेंद्र सेठी, गुरदीप सिंह, रमेश चंद्र, विक्की सेठी, सुरेंद्र सिंदी, ईशान, शन्टी, राज कुमार, मोहित आहूजा, प्रिंस सिंह, सुरेंद्र छिंदा, कृष्ण लाल, अनिल कुमार, राजेंद्र सिंह एवं गुरबख्श सिंह सहित सब्जी मंडी के अन्य आढ़ती, सब्जी एवं फल विक्रेता भी उपस्थित थे।
प्रशासन कहे तो मंडी बंद करके घर चले जाएं: विक्की सेठी
सब्जी मंडी के आढ़ती विक्की सेठी ने मंडी प्रशासन पर जमकर भड़ास निकलते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से सब्जी मंडी के आढ़तियों की दुकानों के आगे धान की बोरियों के बड़े-बड़े चट्टे लगा दिए गए हैं। ऐसे में सब्जी मंडी के आढ़ती अपनी दुकान के अंदर भी नहीं जा सकते। विक्की सेठी ने मार्कीट कमेटी कार्यालय के प्रति रोष प्रकट करते हुए कहा कि अगर मंडी प्रशासन कहे तो सब्जी मंडी के आढ़ती आगामी 10-15 दिनों के लिए अपने काम-धंधे बंद करके अपने घरों में चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि मंडी प्रशासन द्वारा मुद्दे को लेकर दोनों कान बंद करके बैठना सब्जी मंडी के आढ़तियों तथा फल व सब्जी विक्रेताओं के साथ घोर अन्याय है।
घंटों बनी रहती है जाम की स्थिति
अनाज मंडी, सब्जी मंडी एवं मंडी के दोनों मुख्य द्वारों सहित लाडवा रोड व बराड़ा रोड पर जगह-जगह लगे धान के ढेर धान के सीजन में प्रशासनिक व्यवस्थाओं की बदहाली की कहानी स्पष्ट रूप से बयां करते दिखाई देते हैं। उठान न होने के चलते मंडी में ट्राली और ट्रकों के अतिरिक्त आने-जाने वाले वाहन घंटों जाम में फंसे दिखाई देते हैं। और तो और मंडी के अंदर की सड़कों पर तो दोपहिया वाहनों का चलना भी बेहद मुश्किल है। कुल मिलाकर इस बार धान के सीजन में प्रशासनिक दृष्टिकोण से अनाज मंडी में पूरी तरह से अव्यवस्थाओं का आलम है।
मार्कीट कमेटी के सचिव का कथन
उपरोक्त विषय पर जब मार्कीट कमेटी के सचिव कृष्ण कुमार मलिक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अनाज मंडी के कुछ आढ़ती ऐसे हैं जो किसान भी हैं और सब्जी मंडी में भी आढ़त का काम करते हैं। सब्जी मंडी में पसरी धान किसी और कि नहीं बल्कि उन्हीं आढ़तियों की है। सचिव ने कहा कि उन्होंने कल उन आढ़तियों को सब्जी मंडी को क्लियर करने का नोटिस दे दिया है। कृष्ण मलिक ने बताया कि उठान सुचारु न होने से मंडी में कुछ व्यवस्था बाधित अवश्य हुई है लेकिन अब राइस मिलर्स से बात चल रही है, जल्द ही उठान सुचारू होगा और मंडी दिन-प्रतिदिन क्लियर होती जाएगी।