Fraud of 80 lakhs in the name of profit in share trading, Hisar police took major action in MP and Mussoorie
निवेश के लिए कभी भी अंजान सोशल मिडिया ग्रुप पर न करे भरोसा :- शंशाक कुमार सावन, आईपीएस — पुलिस अधीक्षक हिसार
Hisar News Today : साइबर ठग आए दिन ठगी करने के नए-नए तरीके अपना आकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं हिसार साइबर पुलिस ने शेयर मार्केट में बड़े मुनाफे का हालत देखकर एक व्यक्ति से 80 लख रुपए की ठगी करने के मामले में कार्रवाई करते हुए MP (मध्य प्रदेश) और मंसूरी से दो आरोपितों को पकड़ने में सफलता हासिल की है। इस मामले में पुलिस दो आरोपितों को पहले भी गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है और अन्य आरोपितों की धर पकड़ के लिए उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
हिसार पुलिस अधीक्षक शंशाक कुमार सावन के निर्देशानुसार कार्रवाई करते हुए थाना साइबर पुलिस ने शेयर ट्रेडिंग में बड़े मुनाफे का लालच दिखा 80 लाख रुपए की ठगी मामले में दो और आरोपियों नया गांव नीमच मध्यप्रदेश निवासी अमानुदीन उर्फ अमन मंसूरी और मोहम्मद काजी उर्फ छोटू को गिरफ्तार किया गया है।
मामले में जांच अधिकारी उप निरीक्षक सौरभ बंसल ने बताया कि शिकायतकर्ता से शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे के नाम पर ठगी गई धनराशि जिन बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की गई, उन बैंक अकाउंट को उपरोक्त दोनो आरोपी ऑपरेट करते थे। गौरतलब है कि 25 जुलाई 2024 को थाना साइबर हिसार में हिसार निवासी एक व्यक्ति ने शेयर ट्रेडिंग में बड़े मुनाफे का लालच दिखा 80 लाख रुपए की ठगी होने के बारे में सूचना दी थी।
थाना साइबर में सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया था। उपरोक्त मामले में पहले दो आरोपियों कोटा राजस्थान निवासी राजकुमार उर्फ आयुष और शोभित उर्फ आशु को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। आरोपी अमानुदीन उर्फ अमन मंसूरी और मोहम्मद काजी उर्फ छोटू से आगामी गहन पूछताछ जारी है।
केवल SEBI पंजीकृत ऐप्स के माध्यम से ही करे निवेश,- पुलिस अधीक्षक हिसार
पुलिस अधीक्षक शंशाक कुमार सावन ने कहा है कि स्टॉक खरीदने, बेचने के लिए मुफ्त ट्रेडिंग टिप्स की पेशकश कर निवेश करने के लिए प्रेरित करने वाले विज्ञापनों पर विश्वास न करे। इन विज्ञापनों में नागरिकों को स्टॉक ट्रेडिंग में आगे के मार्गदर्शन और भारी मुनाफा कमाने के लिए धोखेबाजों द्वारा एक ट्रेडिंग ऐप इंस्टॉल करने के लिए कहा जाता है। ये एप्लीकेशन भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के तहत पंजीकृत नहीं होते। उन पर धोखेबाज सिफारिशों के आधार पर पंजीकरण करते हैं और स्टॉक ट्रेडिंग शुरू करते हैं।
शेयर खरीदने की रकम धोखेबाजो द्वारा बताए गए बैंक खातों में जमा की जाती है और डिजिटल वॉलेट में नकली मुनाफ़ा दिखाया जाता है। जब पीड़ित डिजिटल वॉलेट से अपना ‘मुनाफ़ा’ निकालने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें बताया जाता है कि यह तभी संभव है जब उनका मुनाफ़ा एक तय रकम या उससे ऊपर पहुँच जाए। इसे कंपनी की पॉलिसी मानकर पीड़ित धोखेबाजों के निर्देशानुसार लगातार निवेश करते रहते हैं।
धोखेबाजों द्वारा एक समय पर पीड़ित नागरिक को उनके शेयर पर मिले अर्जित लाभ के लिए किसी चार्ज और टैक्स राशि का भुगतान करने के लिए कहा जाता है। यदि वे इनकार करते हैं, तो सभी संचार माध्यम बंद कर दिए जाते है या उपयोगकर्ता को ब्लॉक कर दिया जाता है। उस समय अधिकांश नागरिकों को एहसास होता है कि उनके साथ धोखा हुआ है।
पुलिस अधीक्षक ने नागरिकों को निवेश धोखाधड़ी के बारे में जागरूक रहने और उन्हें अज्ञात नंबरों से संदिग्ध लिंक, व्हाट्सएप कॉल और संदेशों से बचने के लिए कहा है। शेयर बाजार में निवेश से पहले सेबी रजिस्टर्ड सलाहकारों से सलाह ले या https://www.sebi.gov.in पर जानकारी जुटाए। केवल SEBI पंजीकृत ऐप्स के माध्यम से ही निवेश करे। निवेश के लिए कभी भी अंजान सोशल मिडिया ग्रुप पर भरोसा न करे। डोमैट / डिपोज्टरी फ्राड या किसी की प्रकार के स्टॉक मार्केट ट्रेड धोखाधडी की रिपोर्ट www.cybercrime.gov.in पर करें और बिना संपूर्ण जानकारी के कही भी निवेश ना करें।
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