सावधान : स्कूल संचालकों के लालच के आगे फीकी बच्चों की जिंदगी, मौत के सफर वाली स्कूल बसें सड़कों पर

Photo 1741237354982.png

Caution: Children’s lives fade away in front of the greed of school operators

बच्चों की जान से खिलवाड़, नियमों को ठेंगा दिखा दौड़ती स्कूल बसें, मियाद समाप्त होने के बाद भी बच्चों को भरकर सड़कों पर दौड़ रही स्कूल बसें

KPS Haryana News :

हरियाणा में हजारों की संख्या में प्राइवेट स्कूल है और इन स्कूलों के पास हजारों की संख्या में ही प्राइवेट बसें भी हैं। यह स्कूल बस कितनी फिट है इसका कोई लेखा जोखा अभी पूरा प्रशासन के पास मौजूद नहीं है। क्योंकि काफी निजी स्कूल संचालक सरकारी नियमों को ठेंगा दिखाते हुए अपने रसुख का इस्तेमाल करते हुए धडेले से इन स्कूल बसों में छात्रों को लाने ले जाने के लिए प्रयोग कर रहे हैं। अगर ऐसा कहें तो गलत नहीं होगा कि स्कूल संचालक अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए मासूम बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ भी कर रहे हैं। वही इस बात से अनजान बच्चों के अभिभावक अज्ञानता के कारण अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए इन स्कूलों में भेजने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

करनाल जिले में 510 निजी स्कूल हैं। इनमें दो हजार के करीब स्कूल बसें हैं। ये कितनी फिट हैं इसका कोई लेखा-जोखा नहीं। नियमों की धज्जियां उड़ा रही बसों पर आरटीए की टीमें अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही हैं, स्कूल के रसूखदार बच्चों की जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं। पिछले सात माह में आरटीए ने 851 बसों की चेकिंग की, जिनमें से 41 में कमियां पाई गई। जिन पर चालान कर जुर्माना भी ठोका गया। क्योंकि स्कूल बसों की फिटनेस समयसीमा पूरी होने के बाद भी जेएमडी अकादमी करनाल और बुद्धा कालेज की बसें धड़ेले से सड़कों पर दौड़ रही थी जिनको इंपाउंड किया गया है।

प्राइवेट वैन और आटो करते हायरः

निजी स्कूल संचालक अभिभावकों को आकर्षित करने के लिए सभी सुविधाओं का गीत अलापते हैं। दाखिले और सुविधाओं के नाम पर अभिभावकों को लूटने का काम करते हैं। पर दाखिले के बाद संचालक निजी फायदे के लिए प्राइवेट वैन और आटो को हायर कर लेते हैं। इनमें स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार का नियम पूरा नहीं होता। इससे स्कूल संचालकों को आर्थिक रूप से लाभजरूर होता है। जबकि इनमें बच्चों को क्षमता से अधिक बैठाया जाता है और आटो आदि के जल्द पलटने का खतरा भी बना रहता है।

करनाल आरटीओ प्रशासन द्वारा जुलाई 2024 में कुल 59 स्कूल बसों की जांच की गई। जिनमें सभी बसें फिटनेस पर खरीद पाई गई। वही अगस्त में कल 69 बसों की चेकिंग की गई जिनमें से तीन बसें फिटनेस पर खरी नहीं पाई। इसी प्रकार सितंबर में 41 स्कूल बसों की फिटनेस जांची गई। जिनमें से दो बसों में कमी पाई गई। वहीं अक्टूबर महीने में 31 स्कूल बसों को फिटनेस जांच के लिए बुलाया गया था जिन में से चार बसें फिटनेस पर खरी नहीं उतरी। नवंबर 2024 में स्कूल बसों की जांच की गई जिनमें से 21 स्कूल बसों में कमी मिली। वहीं दिसंबर 2024 में ही चेकिंग के दौरान 44 स्कूल बसों में से दो स्कूल बसों में खामी मिली। जनवरी 2025 में भी प्रशासन द्वारा स्कूल बसों की जांच पर रखी गई तो 516 स्कूल बस जांचने के बाद 9 बसों में कमियां मिलीं।

स्कूल बस के लिए नियम

  • बस में कैमरा होना चाहिए
  • जीपीआरएस ट्रैकर
  • फायर सेफ्टी उपकरण
  • वाहन में मेडिकल किट
  • बस के परमिट होने चाहिए
  • बस की फिटनेस सर्टिफिकेट
  • एक पुरुष और महिला हेल्पर
  • वाहन में सीट बेल्ट की व्यवस्था
  • बस के पीछे स्कूल के नाम और नंबर
  • स्पीड गवर्नर होना
  • बस की वैधता

ड्राइवर का पुलिस वेरिफिकेशन

आरटीए की सख्ती से स्कूल संचालकों में हड़कंप

बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन गंभीर दिखाई दे रहा है। जनवरी माह की बात करें तो 516 बसों की जांच की गई। कमी पाए जाने पर नौ पर कार्रवाई की गई। इन बसों में खिड़की पर पांच के बजाय तीन ही विंडो ग्रिल, स्कूल की जानकारी और फोन नंबर, परिचालक व फायर सुरक्षा न होने समेत अन्य कमियां पाई गई। अभिभावक भी ध्यान रखें कि जब बस खड़ी हो जाएं तभी बच्चों को उत्तरने या चढ़ने दें। चालक पर नजर रखें कि वह नशे में तो नहीं। हेल्पर के व्यवहार पर भी बच्चों से फीडबैक लें। अधिक बच्चे वाहन में बैठाए जाएं तो विरोध करें।

लापरवाही बर्दाश्त नहीं : देसवाल

आरटीए विजय देसवाल का कहना है कि अभियान के तहत प्रत्येक स्कूल बस की चेकिंग जारी है। कमी मिलने पर कार्रवाई के साथ सख्त चेतावनी भी दी जा रही है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर किसी भी सूरत में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

Share this content:


Discover more from KPS Haryana News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related posts

Leave a Comment