Case of murder of a couple in their house, six days before the murder they had gone to Chulkana Dham to pray for a child
संजय गर्ग और पारुल हत्याकांड बच्चा गोद लेने की थी तैयारी, उससे पहले ही हत्यारों ने उतार दिया दोनों को मौत के घाट
अंबाला शहर में फाइनेंसर संजय गर्ग उर्फ संजय जोशी और पारुल ब्लाइंड ( Ambala couple murder case ) हत्याकांड में पुलिस शनिवार को भी संजय के घर और दुकान से बरामद फाइलों को खंगालने में जुटी है। साथ ही साइबर एक्सपर्ट की मदद से कैमरों की चिप में कैद रिकार्डिंग भी प्राप्त करने के प्रयास में टीमें जुटी रही हैं। सीसीटीवी हत्यारोपित उतारकर ले जा चुके हैं और यह सीसीटीवी वाई- फाई थी लिहाजा सारी रिकार्डिंग जिन मोबाइल में होती थी वह भी आरोपित साथ ले गए। लेकिन अब पुलिस क्लाउड स्टोरेज या गूगल बैकअप स्टोरेज के जरिए रिकार्ड हासिल करने का प्रयास कर रही है। लेकिन इतना तय है कि इस हत्याकांड को रंजिशन ही अंजाम दिया गया।
दंपती की हत्या के पीछे का मुख्य कारण भी वित्तीय ही माना जा रहा है। उधर हत्या से छह दिन पहले पारुल उसका पति संजय और पारुल के सभी स्वजन परिवार सहित समालखा पानीपत के करीब चुलकाना धाम में बाबा खाटूश्याम के दर्शन और संतान की मन्नत मांगने के लिए गए थे। इतना ही नहीं परिवार के सदस्यों ने अब यह विचार बनाया था कि किसी बच्चे को ही गोद ले लेंगे। इतना ही नहीं पारुल का इलाज भी चल रहा था क्योंकि उसको रसोली थी। इसी कारण संतान नहीं हो रही थी। लेकिन बच्चा गोद लेने और मन्नत पूरी होने से पहले ही हत्यारों ने दोनों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया।
हत्याकांड से पहले खाना बनाने की तैयारी में थी पारुल
बता दें कि वारदात के दिन शाम के समय करीब साढे 7 बजे पारुल ने संजय को फोन कर पूछा था कि घर कब तक आ रहे हो। संजय ने 10 मिनट में निकलने की बात कही थी। अकसर संजय घर पर रात आठ बजे तक आ जाता था। वह घर आने के बाद खाना खाता था और दोनों घूमने हर्बल पार्क में जाते थे। रसोई में सब्जी बनी रखी थी और आटा गूंथा हुआ रखा था। लेकिन वह खाना नहीं खा सके न ही घूमने जा पाए क्योंकि हत्यारोपितों ने उससे पहले ही दोनों को मार दिया।
पारुल व संजय दोनों पर पीछे से ही वार
करने का अंदेशा : माना जा रहा है कि हत्यारोपितों ने पारुल और संजय को पहले पीछे से ही मारा। पारुल और संजय दोनों के सिर पर पीछे भारी वस्तु से वार किया गया है। पारुल बेड रूम में काम कर रही थी वहां पर उसका लेपटाप भी चेयर पर रखा हुआ था।
इतना ही नहीं ड्राइंग रूम में प्रेस किया हुआ सूट भी रखा था। ऐसे में यह भी माना जा सकता है कि हत्या से कुछ देर पहले पारुल प्रेस ही कर रही होगी। ऐसा भी हो सकता है कि पारुल ने हत्यारों की मंशा को समझ लिया होगा और वह उनसे वचने के लिए टायलेट की तरफ भागी हो। चूंकि वेडरूम के दरवाजों को बंद करने में पर्दों की वाधा वीच में थी।इसीलिए आनन-फानन में यह भी हो सकता है कि वह वेड रूम में वेड के साथ वने टायलेट की तरफ भागी हो।
चूंकि पारुल का शव वेड रूम में वेड और टायलेट के दरवाजे के वीच ही पड़ा था और गले में प्रेस की तार लिपटी थी। यह भी संभव है कि हत्यारोपितों ने सिर पर वार करने के बाद पीछे से गले में प्रेस की तार डालकर गला घोंट दिया हो। इसी तरह संजय के सिर पर चोट थी और गले को चाकू से रेता गया था। संजय का शव ड्राइंग रूम में सोफों के पास पड़ था और खून वह रहा था। जिस चाकू से वारदात को अंजाम दिया गया और जिस वस्तु से सिर पर वार किया गया दोनों को हत्यारोपित साथ ही ले गए।
संजय ने पारुल के मामा कृष्ण के लिए सिलवाए थे सुपारी सूट संजय ने पारुल के मामा कृष्ण सिंगला जोकि कोर्ट में मुनीम हैं के लिए 5500 रुपये में सुपारी सूट सिलवाए थे। कृष्ण सिंगला के पास टेलर ने फोन कर कहा था कि सूट तैयार हैं उन्हें ले जाना। इस पर कृष्ण ने टेलर को कहा था कि सूट संजय को दे देना उसी से मैं ले लूंगा। वारदात वाले दिन कृष्ण सिंगला ने संजय के पास जाना भी था। लेकिन यह संयोग था कि अचानक वह जाते-जाते रुक गए। यदि वह दुकान पर जाते तो वह घर भी पारुल से मिलने जरूर जाते। ऐसे में या तो दोनों हत्याएं ही नहीं होती या हत्यारोपित कृष्ण सिंगला को भी मौत के घाट उतार सकते थे।
कृष्ण सिंगला का पारुल और संजय से लगभग दो-चार दिनों में मिलना-जुलना लगा रहता था।हत्यारे चार मोबाइल ले गए अपने साथ :पारुल के पास दो मोबाइल थे और संजय जोशी के पास भी दो ही मोबाइल थे। संजय एक मोबाइल फोन अकसर अपनी दुकान पर रखता था और दूसरा अपने साथ। लेकिन यह भी संयोग की बात है कि वारदात के दिन संजय दोनों मोबाइल फोन अपने साथ घर ही ले आया था। यदि संजय रोजाना की तरह इस मोबाइल को दुकान पर ही छोड़ देता तो भी हत्यारोपितों को सुराग हाथ लग जाता लेकिन हत्यारोपित चारों मोबाइल फोन अपने साथ ले गए। आज अस्थियों को किया जाएगा गंगा में प्रवाहितरविवार सुबह 7 बजे दोनों के फूल चुगे जाएंगे। इसके बाद सुबह 9 बजे परिवार के सदस्य दोनों की अस्थियों को विसर्जित करने हरिद्वार जाएंगे।
बता दें कि कमल विहार में पारुल और संजय ने मिलकर 2019 में मकान बनाया था। यह मकान पारुल के नाम ही था। इसी मकान में दोनों की हत्या की गई। हत्यारोपित हत्या के बाद गेट को ताला लगाकर चले गए थे।वीरवार को पारुल की मां अनीता का जन्मदिन था। बेटी ने शुभकामनाओं के लिए फोन नहीं किया था इसीलिए मां को अनहोनी का डर सताया और उसने अपने भाई कृष्ण सिंगला जोकि शहर में ही रहता है तो घर जाकर देखने के लिए कहा था। यदि ऐसा न होता तो दोनों के शव घर में ही पड़े रहते और किसी को हत्या की कई दिनों तक भनक तक न लगती। घर के बाहर ताला लगा देखकर कृष्ण सिंगला ने अपने भांजे हन्नी को फोन किया था।हन्नी ने पूछा कि क्या घर के भीतर कार खड़ी है सिंगला ने हां में जवाब दिया और बताया कि मोटरसाइकिल भी खड़ी है। इस पर हन्नी ने कहा कि यदि दोनों ही वाहन घर पर खड़े हैं तो वह घर के भीतर ही हैं। क्योंकि बाहर जाते तो वाहन पर ही जाते। इसीलिए आप दरवाजा के ऊपर से कूदकर जाकर देखें।
कृष्ण अंदर गए तो दोनों की लाश उन्हें मिली।घर पर कौन करती थी काम अभी नहीं पतावहीं पुलिस इस मामले में घर पर काम करने वाली नौकरानी की भी तलाश में जुटी है। बताया जा रहा है कि हत्या से तीन-चार दिन पहले से ही नौकरानी नहीं आ रही थी। लेकिन यह किसी को नहीं पता कि जो काम करने आती थी वह कौन थी। चूंकि कभी किसी ने पारुल से इस बारे में नहीं पूछा था।पुलिस मामले की जांच में जुटी है। । हम हर पहलू की जांच कर रहे हैं। ज्यादा संभावनाएं वित्तीय लेनदेन की ही लग रही हैं। उम्मीद है जल्द ही इस गुत्थी को सुलझाकर हत्यारोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। – धर्मवीर, शहर थाना प्रभारी।
Share this content:
Discover more from KPS Haryana News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.