चंडीगढ़ के बाद गुरुग्राम बम धमाके के तार हिसार से जुड़े, पानीपत से मिला बम फेंकने का ऑर्डर, आरोपित के परिजन हैरान

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After Chandigarh, Gurugram bomb blasts’ strings linked to Hisar, and order to throw bomb received from Panipat, accused family shocked

Gurugram News Today : गुरुग्राम के सेक्टर-29 स्थित दो क्लबों के बाहर देसी सुतली बम से किए गए हमले के तार चंडीगढ़ बम धमाके के साथ साथ हिसार और पानीपत से जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार सामने आया है कि गुरुग्राम में बम फेंकने आए तीनों आरोपित हिसार से बम लेकर आए थे और बम फेंकने की जिम्मेदारी लगाने वाला पानीपत का बताया जा रहा है। उन्हें दुबई या फिर किसी दूसरे देशों में बम धमाके करने का टारगेट दिया गया था।

हालांकि गुरुग्राम पुलिस के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। लेकिन पुलिस मामले की गहनता से जांच करने में लगी हुई है। गुरुग्राम के सेक्टर-29 स्थित वेयर हाउस और टाय बाक्स क्लब को 15 दिन पहले लारेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़ गिरोह से गैंगस्टर रोहित गोदारा ने फोन कर एक-एक करोड़ रुपये और 30 प्रतिशत हिस्सा मांगा गया था। नहीं देने पर बम से हमला करने की धमकी भी दी गई थी। इससे पहले इसी तरह की धमकी चंडीगढ़ के दो क्लबों को दी गई थी। रंगदारी नहीं देने पर वहां 26 नवंबर की सुबह इसी तरह बम धमाके किए गए थे।

हरियाणा एसटीएफ ने हिसार से दो आरोपितों विनय और अजीत को गिरफ्तार किया था। ये दोनों गोल्डी बराड़ और लारेंस बिश्नोई गिरोह के थे। दोनों को पानीपत के रहने वाले रणदीप मलिक ने बम फेंकने का जिम्मा सौंपा था। रणदीप गोल्डी बराड़ के संपर्क में था। विनय और अजीत से पूछताछ में पता चला था कि ये दोनों करनाल से बम लेकर चंडीगढ़ गए थे। वहां दो बम दगाकर वापस हिसार चले गए थे। उनका एक और साथी था, जो तीन-चार बम लेकर फरार हो गया था।

सूत्रों के अनुसार जो तीन आरोपित बम लेकर गुरुग्राम आए थे, उनमें से एक वह भी था जो हिसार से फरार हुआ था। उसी आरोपित ने सचिन व एक अन्य को इस वारदात के लिए तैयार किया। तीनों सोमवार रात गुरुग्राम आए। यहां रेकी करने के बाद मंगलवार सुबह पांच बजे तीनों एक बाइक से सेक्टर-29 स्थित क्लबों के बाहर पहुंचे।

उन्होंने देखा कि टाय बाक्स के बाहर पुलिस तैनात है तो दूर से ही हेलमेट पहनकर आए आरोपित सचिन ने वेयर हाउस और ह्यूमन क्लब को निशाना बनाते हुए बम फेंक दिया। धमाके के बाद पुलिस टीम ने सचिन को पकड़ लिया, जबकि दो आरोपित फरार हो गए। क्राइम ब्रांच की टीम इन दोनों आरोपितों की तलाश में छापेमारी कर रही है।

पुलिस ने गुरुग्राम धमाके को आतंकी घटना माना, दस धाराओं में मामला दर्ज

सेक्टर-29 स्थित क्लबों के बाहर देसी बम से धमाका करने के बाद वहां पहले से तैनात क्राइम ब्रांच की टीम ने एक आरोपित मेरठ के सरधना के छूर गांव के सचिन तालियान को गिरफ्तार कर लिया था। डीएलएफ थाने में दर्ज मुकदमे में बताया गया कि जब आरोपित को पकड़ा गया तो वह जोर-जोर से यह कह रहा था कि वह गोल्डी बराड़ का आदमी है। इन्होंने हमारे बास गोल्डी बराड़ की बात नहीं मानी, इसलिए अंजाम भुगतना पड़ा। पुलिस ने एफआइआर में लिखा कि पकड़ा गया आरोपित घोषित आतंकी सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ का है। गोल्डी बराड़ आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा के लिए काम करता है। ऐसी आतंकी घटनाओं से समाज में दहशत फैलाकर आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा की अन्य आतंकी गतिविधियों के लिए वसूली कर पैसा इकट्ठा करता है। पुलिस ने इसे आतंकी घटना मानकर एफआइआर में आरोपित के विरुद्ध एक्सप्लोसिव और आर्म्स एक्ट की दस धाराएं लगाई गई हैं। सचिन को बुधवार को कोर्ट में पेश कर सात दिनों के रिमांड पर लिया गया है। इस दौरान उससे गिरोह के अन्य साथियों के बारे में पूछताछ की जाएगी। आरोपित के पास से एक बैग में दो बम, एक पिस्टल, पांच कारतूस और एक फोन भी बरामद किया गया था।

आरोपित को सात दिन के रिमांड पर लिया गया है। गुरुग्राम क्राइम ब्रांच की टीम इससे पूछताछ कर रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, जानकारी दी जाएगी।

  • राजेश फौगाट, डीसीपी क्राइम

लारेंस गिरोह से सचिन के जुड़ाव को लेकर स्वजन हैरान

मेरठ : गुरुग्राम में क्लब के बाहर बम फेंकने के मामले में सरधना के छूर गांव के आरोपित सचिन को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके परिजनों ने बताया कि छूर गांव के किसान वेदपाल उर्फ वेदू के बेटा सचिन दसवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद सेना में भर्ती की तैयारी के साथ साथ खेती-बाड़ी के काम में अपने पिता का हाथ बंटवाता था। परिजनों का कहना है कि सचिन ज्यादातर बागपत के काठा गांव के जितेंद्र के यहां पर आता जाता रहता था। आशंका है कि वहीं से वह किसी अपराधी के संपर्क में आया है। सोमवार को भी मौसा के पास जाने के लिए वह घर से कहकर निकला था। उसके बाद रात 11 बजे गुरुग्राम पुलिस की काल आने के बाद सचिन के इस मामले में शामिल होने की जानकारी मिली।

परिवार के लोग भी हैरान हैं कि सचिन लारेंस बिश्नोई गिरोह के संपर्क में कैसे आ गया। एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया कि सचिन के खिलाफ जनपद में कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। कंकरखेड़ा में भी लारेंस गिरोह ने अपना ठिकाना बना रखा था। सुभाष पुरी के गिरोह से जुड़े राजू ने गिरोह के बदमाश राजस्थान के राहुल कुमार और महेंद्र का फर्जी आइडी पर पासपोर्ट भी बनवाया था। पुलिस जांच कर रही है कि यहां से तो सचिन का जुड़ाव इस गिरोह से नहीं हुआ। विस्तार से गुरुग्राम पुलिस की टीम इस मामले में जांच कर रही है।

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