Unique examples of Uklana area: Due to these, Uklana area got recognition at national and international levelराष्ट्रीय खेल दिवस पर विशेष :
साइकिलिंग हैंडबॉल खो खो आदि खेलों के अनेक खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उकलाना क्षेत्र किया नाम ऊंचा
जगदीश असीजा |हरियाणा न्यूज, उकलाना : हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का नाम खेल जगत में अहम स्थान रखता है और उनके दिवस पर राष्ट्रीय खेल दिवस29 अगस्त को मनाया जाता है चाहे वह खिलाड़ी हॉकी के हो लेकिन उनके जन्मदिन पर सरकार वह संगठन अलग-अलग खेलों की प्रतियोगिताएं करवाते हैं और उन्हीं के जन्मदिन पर उकलाना क्षेत्र के खेलों की उपलब्धियां की बात करें तो आज खेल प्रतिभा में पिछड़ा हुआ नहीं है।खेल के क्षेत्र में अपना एक नाम रखता है और विभिन्न खेलों में अपना वर्चस्व कायम करते हुए राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र के खिलाड़ी भी है उसी का हम जिक्र कर रहे हैं क्षेत्र के अनेक गांव खेलों का अपना एक विशेष महत्व है साइकिलिंग, कबड्डी, कुश्ती, हैंडबॉल, फुटबॉल, तीरंदाजी के आदि खेलों के खिलाड़ी अपना होंदा प्रदर्शन कर चुके हैं। चमार खेड़ा में एशियाड कबड्डी खिलाड़ी सुरेश छिरंग जिनके नाम से आदर्श गांव भी बना और खेल स्टेडियम का निर्माण हुआ।
मुगलपुरा में साइकिलिंग खिलाड़ी सुभाष ने एशियाई चैंपियनशिप प्रतियोगिता में भाग लिया और राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते साइकिलिंग में मदनपुरा शंकरपुरा उकलाना गांव के अनेक खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बन चुके हैं। डीसीएम बिठमड़ा की खिलाड़ी मीनू तथा समिति ने खो-खो में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व किया है।
तीरंदाजी में भी मुगलपुरा वह भेरी अकबरपुर का नाम है कबड्डी की बात करें तो सूरेवाला का विशेष महत्व है सूरेवाला के तो सरपंच भी जयपाल उर्फ बनी पहलवान राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे हैं बिठमडा गांव में कबड्डी को को को को हैंडबॉल एथलेटिक्स के अनेक खिलाड़ी हैं और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ही चुके हैं ।प्रभुवाला गांव जो फुटबॉल के कई खिलाड़ियों को राष्ट्रीय क्षेत्र पर पहचान दे चुका है हालांकि शंकरपुरा दौलतपुर में अनेक खिलाड़ी फुटबॉल के भी हैं वहीं एथलेटिक्स में भी अपना रुतबा दौलतपुर की बेटियां रखती हैं। हालांकि सरकार द्वारा अब तो खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल नरर्सिया भी दी गई है जिससे खिलाड़ी कुछ अपना अच्छा प्रदर्शन करें लेकिन हम पूर्व की बात करें तो गांव के वरिष्ठ खिलाड़ी ही खेल को जिंदा रखते थे और बिना प्रशिक्षक के ही खेलो की तैयारी करवाते थे। प्रभु वाला में साइकिलिंग प्रशिक्षक की नियुक्ति है जो अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को तैयार कर चुका है जिनमें ग्रामीण का भी अहम योगदान रहता था आज तो सरकार की योजना है।
वहीं पाबड़ा में एथलेटिक्स भेरी अकबरपुर में कबड्डी, लितानी में हैंडबॉल डीसीएम बिठमडा में हैंडबॉल, भेरी अकबरपुर में कबडडी, न्यू सी आर में तीरंदाजी, चमार खेड़ा में फुटबॉल सहित विभिन्न खेलों की नर्सरियां भी अलाट की गई है जिससे खिलाड़ियों को मासिक रूप से छात्रवृत्ति भी सरकार द्वारा दी जाती है तथा प्रशिक्षक को सरकार द्वारा ही मानदेय भी दिया जाता है ताकि वह खिलाड़ी निशुल्क उनसे प्रशिक्षण प्राप्त कर सके इन सब सुविधाओं के बिना भी पूर्व के खिलाड़ियों ने उकलाना क्षेत्र से अनेक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए। ऐसा तभी संभव हो पता है जब एक खिलाड़ी दूसरे को आगे बढ़ाने की बात करें और गांव वह क्षेत्र का नाम ऊंचा करने की सोच के साथ काम करते हैं तभी आज इतने खिलाड़ी मैदान में देखे जा सकते हैं जहां सैकड़ो की संख्या में विभिन्न खेलों के खिलाड़ी मैदान में पसीना बहा रहे हैं।
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