Tricolor lights in Kaithal shed light on the scam, investigation lost in darkness
तिरंगा लइटों की खरीद फरोख्त में गोलमाल, जांच ठंडे बस्ते में
कैथल शहर में कई सड़कों पर लगाई गई तिरंगा लाइटों की खरीद-फरोख्त में हुए गोलमाल की जांच ठंडे बस्ते में है। करीब नौ लाख रुपये का गोलमाल इन लाइटों में किया गया है, लेकिन आज तक भी इसकी जांच पूरी नहीं हो पाई है। वार्ड नंबर चार के पार्षद महेश गोगिया, वार्ड नंबर 28 से पार्षद मोहन लाल शर्मा, वार्ड नंबर 11 से पार्षद सुशीला शर्मा, वार्ड नंबर 18 से पार्षद रामनिवास मित्तल, वार्ड नंबर 21 से पार्षद अनिल खुरानिया ने बताया कि लाइटों की खरीद-फरोख्त में हुए गोलमाल की जांच की मांग को लेकर ईओ कुलदीप मलिक व पालिका आयुक्त को शिकायत दी थी, लेकिन आज तक भी इसकी जांच को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। पार्षद का कहना है कि तिरंगा लाइट का बिल 19 लाख रुपये दिखाया गया है, जबकि पिहोवा में यही लाइट का बिल करीब सात लाख रुपये का है।
ये था मामला
बता दें कि वर्ष 2022 में कैथल शहर के मुख्य मार्गों पर ये लाइट लगाई गई थी। 300 लाइटों में से 250 लाइट लगी हैं, इनमें से भी करीब 100 लाइट खराब पड़ी हुई हैं। तिरंगा लाइट की खरीद में हुए घोटाले के आरोप नगर परिषद के कई पार्षदों ने लगाए थे। पार्षदों का आरोप था कि लाइटों की खरीद-फरोख्त में गोलमाल हुआ है। पार्षदों ने बताया कि जल्द ही नप हाउस की बैठक होनी है, इसमें यह मुद्दा उठाया जाएगा। यदि इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हुई तो डीसी को शिकायत दी जाएगी।
कीमत से ज्यादा बनाया गया बिल गोगिया
वार्ड नंबर चार से पार्षद महेश गोगिया ने आरोप लगाया था कि तिरंगा लाइटों की खरीद-फरोख्त में भारी गोलमाल किया गया। जिस एजेंसी ने पिहोवा में ये लाइट लगाई हैं, उसकी एजेंसी ने कैथल में भी यही लाइट लगाई है। पिहोवा में 250 तिरंगा लाइट लगाई गई हैं। इन लाइटों का बिल करीब सात लाख पांच हजार 179 बनाया गया है। एक लाइट की कीमत 3134 रुपये दिखाई गई है, लेकिन कैथल में 300 लाइट मंगवाई गई हैं। इनमें से 250 लाइट लगी हुई हैं। कैथल में एक लाइट की कीमत 6300 रुपये लगाई है। लाइटों का कुल बिल 19 लाख रुपये से ज्यादा बनाया गया है। जबकि यह बिल दस लाख के करीब होना चाहिए था।
फरोख्त से संबंधित मामला पहले भी पार्षद हाउस की बैठक में उठा चुके हैं। इस बारे में पार्षदों को जानकारी दी जा रही है। अगर कोई शिकायत अब इस बारे में आती है तो संबंधित शाखा के अधिकारियों से बातचीत कर जानकारी दी जाएगी। जिन वार्डों में लाइट खराब हैं, उन्हें ठीक करने का कार्य जारी है। कुलदीप मलिक, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद।
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