There is a shortage of employees in the fire brigade in Narnaund, if there is a fire somewhere then how will it be extinguished
Narnaund News : नारनौंद में फायर ब्रिगेड कर्मचारियों का भारी टोटा है। कहीं आग लग गई तो वह राम भरोसे ही है। साथ गांव की सुरक्षा सिर्फ दो गाड़ियों से ही हो रही है। अगर तंग गली में आग लगी तो फायर ब्रिगेड की छोटी गाड़ी भी यहां पर नहीं है। करीब एक साल पहले डिमांड भेजी थी लेकिन सरकार की धीमी चाल की वजह से आज तक नहीं पहुंच पाई।
नारनौंद की फायर ब्रिगेड इन दोनों राम भरोसे ही है बिल्डिंग भी पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। हल्की सी बारिश में ही यहां पानी पानी हो जाता है। रही बात कर्मचारियों की तो कर्मचारी भी ना के बराबर हैं फायर ब्रिगेड में टोटल 21 पोस्ट हैं। लीडिंग फायरमैन की दो पोस्ट है। जबकि एक कर्मचारी है। फायर ऑपरेटर की 18 पोस्ट है। जिनमें से नो खाली पड़ी हुई है। तीन शिफ्ट में काम होता है। ऐसे में एक गाड़ी पर ड्राइवर सहित तीन लोगों की ड्यूटी लगाई जाती है। कहीं बड़ा हादसा हो जाए तो आग पर काबू पाने में यह काफी कम कर्मचारी हैं। नारनौंद सहित 30 गांव में सिर्फ एक गाड़ी है। गेहूं के सीजन में एक गाड़ी गांव बास के क्षेत्र में भेजी गई थी जो कि अब तक वापस नहीं मंगवाई गई है। कस्बे में काफी तंग गलियां है। अगर कोई बड़ा हादसा हो जाए तो बड़ी गाड़ी वहां तक नहीं पहुंच सकती एक साल पहले छोटी गाड़ी की डिमांड भेजी गई थी लेकिन आज तक नहीं आ पाई है।
यहां के इंचार्ज लीडिंग फायरमैन संदीप कुमार ने बताया कि छोटी गाड़ी की पिछली साल डिमांड भेजी गई थी अब तक नहीं आई है।कम कर्मचारियों को लेकर भी विभाग को पत्र लिखा गया है। बिल्डिंग भी काफी जर्जर हो चुकी है। कर्मचारी हादसे के साए में रह कर काम कर रहे हैं।
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