राखी गढ़ी के ऐतिहासिक टीलों पर पुरातत्व विभाग नहीं ग्रामीणों का है कब्जा / Haryana News Today

राखी गढ़ी के ऐतिहासिक टीलों पर पुरातत्व विभाग नहीं ग्रामीणों का है कब्जा

0 minutes, 6 seconds Read

The historical mounds of Rakhi Garhi are occupied by the villagers and not the Archaeological Department

राखी गढ़ी के टीलें छह और सात की खोदाई में मिले थे महत्वपूर्ण अवशेष इन टीलों पर है किसानों का कब्जा

हरियाणा न्यूज नारनौंद : आईकॉनिक साइट राखीगढ़ी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस पर नो टीलें चिन्हित किए  गए हैं। सात टीलों पर खोदाई हो चुकी है। खोदाई के दौरान ऐसे अवशेष मिल चुके हैं जो की काफी चौंकाने वाले हैं। गांव से शहरीकरण इसी सभ्यता की शुरुआत है। हजारों साल पहले व्यापार करने के भी काफी सबूत मिल चुके हैं। ऐतिहासिक सभ्यता होने के बावजूद भी अभी तक सरकार इन टीलों को सुरक्षित नहीं कर सकी। टीलें नंबर चार पर अधिकतर ग्रामीण के मकान है। सरकार ने करीब 7 साल पहले 100- 100 गज में 200 मकान बनाकर ग्रामीणों को देने की योजना तैयार की थी लेकिन अभी तक उन मकानों में ग्रामीण रहने के लिए नहीं आए हैं।

       टीलें नंबर एक पर पुरातत्व विभाग ने चारों तरफ ग्रिल लगाई हुई है लेकिन उसके बावजूद भी ग्रामीणों ने इस टीले पर श्मशान घाट बनाया हुआ है और वह यहीं पर संस्कार करते हैं जब भी कोई देश-विदेश का पर्यटक वहां पर पहुंचता है तो शमशान घाट देकर चौक जाता है। टीलें नंबर दो पर भी ग्रामीणों के मकान है। टीलें नंबर तीन पर भी एक समुदाय के लोग वहां पर अपने मुर्दों को दफनाते हैं। टीला नंबर चार ओर पांच पर अधिकतर ग्रामीण के मकान हैं। और ग्रामीण इन्हीं मकान में रहते हैं।

राखीगढ़ी में टीला नंबर छह और सात काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन टीलों पर सबसे पहले 1997 – 98 में खोदाई भारतीय पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर अमरेंद्र नाथ की अगुवाई में खोदाई की गई थी। दूसरी बार डेक्कन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर वसंत शिंदे के नेतृत्व में वर्ष 2013-14 में की गई थी। तीसरी बार भारतीय पुरातत्व विभाग ने 2023- 24 में की थी। फिलहाल इन टीलों पर खोदाई बंद है।

टीला नंबर छह 20 हेक्टेयर में फैला हुआ है। और यह जमीन किसानों के नाम पर है। इसलिए काफी समय से भारतीय पुरातत्व विभाग इस जमीन को संरक्षित करने की योजना पर काम कर रहा है। किसानों को नोटिस भी दिए जा चुके हैं। दिल्ली नंबर 6 पर खोदाई के दौरान काफी महत्वपूर्ण अवशेष मिले थे। जिम मकान की दीवार कच्ची ईंटें, बर्तन, तांबा, पत्थर के मनके, शील, शंख की चूड़ियां इत्यादि काफी अवशेष मिले थे। जब उनकी कार्बन डेटिंग करवाई गई तो यह करीब साढ़े छह हजार वर्ष पुराने थे। जो की हड़प्पन की शुरुआत यहीं से मानी जाती हैं।

टीला नंबर सात करीब साढ़े तीन हेक्टेयर में फैला हुआ है। इस टीले पर भी तीन बार खोदाई हो चुकी है। टीले पर मिले कंकाल के डीएनए से ही यह साबित हुआ था कि वह साढ़े चार हजार वर्ष पुराने है। स्टील पर अब तक करीब 80 कंकाल मिल चुके है।


Discover more from Haryana News Today

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

अब घर बैठे पैसे कमाएं 

 Automatic Robot trading



Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Discover more from Haryana News Today

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading