Tension on Haryana-Punjab border, and police fired tear gas shells on farmers marching towards Delhi
किसानों ने दिल्ली कूच का फैसला टाला, काफी किसान घायल होने के कारण किसान पीछे हटे
Haryana News Today : किसान अपनी मांगों को लेकर पिछले काफी लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। पंजाब के किसानों ने जैसे ही दिल्ली का कूच किया तो किसाने और पुलिस के बीच तनातनी का माहौल हो गया। किसानों का पहला जत्था जैसे ही आगे बढ़ा तो पुलिस ने चेतावनी दी। लेकिन किसानों ने पुलिस के बैरिकेट्स और कंट्री लेटरों को हटा दिया और आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले दाग दिए। पुलिस और किसानों के आमने-सामने होने से काफी किसान घायल हो गए तो किसानों ने दिल्ली जाने का फैसला फिलहाल के लिए टाल दिया और पीछे हट गए।
सरकार ने नहीं दी दिल्ली जाने की इजाजत, किसान अड़े
13 फरवरी से पंजाब के किसान हरियाणा के शंभू बॉर्डर और खनोरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने हरियाणा पंजाब की सीमाओं के बार्डर को सील किया हुआ है। अपनी मांगों को लेकर किसान एक बार फिर दिल्ली का रुख कर रहे थे और किसानों ने शुक्रवार को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया हुआ था। लेकिन सरकार द्वारा दिल्ली जाने की इजाजत नहीं दी जाने पर भी किसान अपनी बातों पर अड़े हुए थे।
101 किसानों का जत्था रवाना हुआ तो पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
शुक्रवार को किसानों का एक 101 सदस्यों का दल दिल्ली कूच कर रहा था कि पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इसको लेकर हरियाणा पुलिस ने पहले ही अपनी तैयारियां मुकम्मल की हुई थी और हरियाणा पुलिस के साथ-साथ पैरामिलिट्री की कई टुकड़ियों हरियाणा पंजाब के बार्डरों पर तैनात की गई है। किसानों ने पुलिस द्वारा की गई बैरिकेट्स को तोड़ दिया और कंट्री लेता हूं को भी हटा दिया। किसान आगे बढ़ रहे थे कि पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी कि आगे बढ़े तो पुलिस को कार्रवाई करनी होगी लेकिन किसान नहीं रुके तो पुलिस ने उनके ऊपर आंसू गैस के गले छोड़ दिए।
किसानों पर आंसू गैस छोड़ने से किसान घायल, आगामी फैसले तक किसान पीछे हटे
पुलिस और किसानों के बीच हो रहे इस महासंग्राम में कई किसान घायल हो गए जिन्हें उपचार के लिए आसपास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। किसान नेट सरदार सरवन सिंह ने कहा कि फिलहाल दिल्ली जाने का फैसला टाल दिया गया है क्योंकि काफी किसान घायल हो गए हैं। किसान नेताओं की बैठक में आगमी रणनीति पर चर्चा की जाएगी। उसके बाद ही अगले फैसले का ऐलान किया जाएगा।
शंभू बॉर्डर पर किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस के पुख्ता प्रबंध
शंभू बॉर्डर पर किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए तीन लेयर की बैरिकइटिंग की गई है। यहां पर पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए सीमेंट की बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी की हुई है ताकि किसान अपने साधनों को लेकर आगे ना बढ़ सके साथ ही हरियाणा पुलिस के साथ-साथ पैरामिलिट्री की फोर्स को यहां पर तैनात किया गया है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए प्रशासन ने यहां पर वज्र वाहन , एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को भी लगाया गया है। इस बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस के जवानों के साथ-साथ पैरामिलिट्री के करीब 1000 जवान तैनात है।
जींद में किसानों को रोकने के लिए थ्री लेयर बेरिकेटिंग
खनोरी बॉर्डर पर भी हरियाणा पुलिस की 13 टुकड़ियों के साथ-साथ सीआरपीएफ और बीएसएफ के जवानों को तैनात किया गया है। पंजाब के साथ लगते जींद जिले में 30 किलोमीटर के दायरे में तीन जगह कड़ी बैरिकेट्स लगाए गए हैं। इसके अलावा तीन जेसीबी मशीन वज्र वाहन, एंबुलेंस फायर ब्रिगेड सहित रोडवेज की बसों को कर्मचारियों को इधर से उधार ले जाने के लिए लगाया गया है।
भाजपा सरकार को ट्रैक्टर ट्राली से नहीं किसानों से दिक्कत – बजरंग पूनिया
किसानों पर आंसू गैस के गोली छोड़ने पर कांग्रेस नेता बजरंग पूनिया ने कहा कि जब किसान ट्रैक्टर ट्राली लेकर दिल्ली जा रहे थे तो सरकार कह रही थी कि ट्रैक्टर खेतों में चलने का साधन है और इसे दिल्ली ले जाने की इजाजत नहीं है अगर किसानों को कोई समस्या है तो वह पैदल या ट्रांसपोर्ट के साधनों में दिल्ली जा सकता है। लेकिन जब अब किसान पैदल दिल्ली जा रहे हैं तो सरकार को फिर से दिक्कत हो गई और कहा कि किस पैदल भी दिल्ली नहीं जा सकते। बजरंग पूनिया ने कहा कि भाजपा सरकार को असल दिक्कत ना ट्रैक्टर से है ना और किसी चीज से है और दिक्कत है तो उसे केवल किसानों से है। उन्होंने कहा कि किसान अपने हकों के लिए लड़ना भी जानता है और हक लेना भी जानता है।
शांति पूर्ण तरीके से अपनी बात रखने से तानाशाही से रोक रही भाजपा सरकार – पंधेर
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों की लड़ाई किसी एक प्रदेश की सरकार से नहीं है और ना ही किस किसी से कोई लड़ाई झगड़ा करना चाहते हैं। किसान शांति पूर्ण तरीके से अपनी मांगे रखना चाहते हैं लेकिन भाजपा सरकार तानाशाही दिखाते हुए उन्हें ना दिल्ली जाने दे रही और ना ही बातचीत के दरवाजे खोल रही है । वह दिल्ली के जंतर मंतर या रामलीला मैदान में जाकर अपनी बात रखना चाहते हैं परंतु सरकार उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दे रही। अगर सरकार ने शाम तक बातचीत के दरवाजे नहीं खोले तो शाम को किसान नेताओं की मीटिंग में आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। किसान नेता ने कहा कि हमारे केंद्र और राज्य सरकारें किसानों के साथ क्या कर रही है और किस तरह से हमारे ऊपर जुल्म ढाए जा रहे हैं यह पूरी दुनिया देख रही है।
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