Strong earthquake jolts Haryana at 12:28
हरियाणा के कई जिलों में दोपहर 12:28 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता ने लोगों को घरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया और कुछ समय के लिए दहशत का माहौल बन गया। भूकंप का केंद्र सोनीपत में बताया जा रहा है। इस घटना ने इलाके में हलचल मचा दी।
भूकंप की तीव्रता और केंद्रित स्थान
हरियाणा के रोहतक, सोनीपत और पानीपत जिलों में भूकंप का प्रभाव गहराई से महसूस किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 4.3 रिक्टर स्केल पर मापी गई। यह भूकंप अपेक्षाकृत हल्का था, लेकिन झटके इतने तेज थे कि लोगों को सतर्क रहना पड़ा।
रिक्टर स्केल पर माप
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 बताई गई है, जो मध्यम श्रेणी में आती है। इस तीव्रता के भूकंप में इमारतें हिल सकती हैं और हल्के नुकसान की संभावना होती है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि इस बार गैरमहत्वपूर्ण नुकसान होने की सूचना नहीं मिली।
केंद्र का स्थान
इस भूकंप का केंद्र सोनीपत बताया गया है, जो भूकंप का मुख्य स्रोत था। सोनीपत के आसपास के जिलों जैसे पानीपत और रोहतक में भी इसके प्रभाव दिखाई दिए। स्थानीय लोग झटकों के कारण घरों से बाहर निकल आए।
लोगों की प्रतिक्रिया
हरियाणा में भूकंप के झटकों ने लोगों को डराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जैसे ही झटके महसूस हुए, लोग सुरक्षित स्थान की ओर भागे।
घरों से बाहर निकलना
भूकंप के झटके महसूस होते ही कई लोग इमारतों और घरों से बाहर निकलकर खुले स्थानों पर चले गए। सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें सामने आईं, जिनमें लोग एकत्रित होकर बात करते दिखे। इस तरह की आपातस्थितियों में लोगों का सतर्क रहना स्वाभाविक है।
स्थानीय प्रशासन का उपाय
स्थानीय प्रशासन ने तुरंत सतर्कता बरती। संवेदनशील इलाकों की निगरानी के लिए आपातकालीन सेवाएँ तैनात की गईं। साथ ही, प्रशासन ने अपील की कि लोग घबराएं नहीं और अफवाहों पर ध्यान न दें।
भूकंप के पीछे के कारण
भूकंप भूगर्भीय गतिविधियों के कारण होते हैं। यह प्राकृतिक घटना पृथ्वी की परतों के खिसकने से उत्पन्न होती है।
भूगर्भीय गतिविधियाँ
भूकंप का मुख्य कारण पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट्स का खिसकना है। यह प्रक्रिया ऊर्जा उत्पन्न करती है, जिससे जमीन हिलने लगती है। हरियाणा क्षेत्र में इसकी तीव्रता अपेक्षाकृत कम रही, लेकिन इसका केंद्र प्रभावित क्षेत्र था।
अन्य भूकंप घटनाएँ
हाल के दिनों में अन्य भूकंपों की घटनाएँ भी सामने आई हैं। कुछ दिन पहले ही दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भी मध्यम तीव्रता के झटके महसूस किए गए। यह दर्शाता है कि उत्तर भारत में भूगर्भीय गतिविधियाँ तेज़ हैं।
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