Safe School Vehicle Policy – Haryana Transport
सुरक्षित स्कूल वाहन नीति – हरियाणा परिवहन
आज के समय में बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता है। हरियाणा सरकार ने सुरक्षित स्कूल वाहन नीति (Safe School Vehicle Policy) लागू की है, जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों का परिवहन सुरक्षित हो। यह नीति राज्य में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और यातायात नियमों के तहत संचालित वाहन सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है।
सुरक्षित स्कूल वाहन नीति का अवलोकन
यह नीति बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उन वाहनों की मानकों की जाँच करती है, जो छात्रों को स्कूल परिवहन के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके तहत सभी स्कूल परिवहन वाहनों को नियमों और कानूनी प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य है।
हायर एजुकेशन हरियाणा के अनुसार, यह नीति बच्चों की यात्रा को सुविधा और सुरक्षा के साथ प्रबंधित करने में मदद करती है।
नीति के प्रमुख तत्व
- वाहन की फिटनेस: सभी स्कूल परिवहन वाहनों की फिटनेस प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।
- प्रशिक्षित ड्राइवर: ड्राइवर को न्यूनतम 5 साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए और उसका रिकॉर्ड साफ होना चाहिए।
- सुरक्षा उपकरण: हर वाहन में अग्निशामक यंत्र और प्राथमिक उपचार किट होना चाहिए।
- अनुपालन की जाँच: नियमित रूप से वाहनों का निरीक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।
स्कूल बस सुरक्षा नियम से संबंधित जानकारी भी इस नीति में शामिल की गई है।
लाभ और महत्व
- बच्चों की सुरक्षा: सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने का प्रयास।
- अभिभावकों का विश्वास: बच्चों की सुरक्षित यात्रा पर अभिभावकों का भरोसा बढ़ता है।
- यातायात नियमों का पालन: वाहन चालकों और स्कूलों में यातायात नियमों की जानकारी बढ़ती है।
नीति के कार्यान्वयन के उपाय
सुरक्षित स्कूल वाहन नीति प्रभावी तब बनेगी जब इसे सटीक तरीके से लागू किया जाए। इसके लिए सरकार और स्कूल प्रशासन के बीच अच्छे समन्वय की आवश्यकता है।
वाहनों का निरीक्षण
प्रत्येक वाहन को नियमित रूप से जाँचने की आवश्यकता होती है। इसके तहत निम्नलिखित जाँच जरूरी है:
- गति सीमा अनुपालन।
- वाहन के ब्रेक और अन्य यांत्रिक उपकरणों की सही स्थिति।
- ड्राइवर और परिचालक का वैध लाइसेंस।
हरियाणा परिवहन विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देश इस प्रक्रिया को सटीक बनाते हैं।
ट्रेनिंग प्रोग्राम
ड्राइवर और स्टाफ के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आवश्यक हैं। इन कार्यक्रमों में उन्हें सुरक्षा प्रोटोकॉल की जानकारी और आपात स्थिति में उठाए जाने वाले कदम सिखाए जाते हैं।
समस्याएँ और समाधान
हर नीति को लागू करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के साथ भी कुछ समस्याएँ आती हैं।
संचार में बाधाएँ
अभिभावकों और स्कूल प्रशासन के बीच उचित संवाद का अभाव अक्सर समस्याएँ उत्पन्न करता है। बेहतर संचार चैनल स्थापित करना आवश्यक है।
आवश्यक संसाधनों की कमी
सभी स्कूलों और वाहनों को मानक तकनीक और उपकरणों से सुसज्जित करना महंगा हो सकता है। इसके लिए सरकार को आर्थिक सहायता प्रदान करनी होगी।
हरियाणा सरकार द्वारा परिवहन सुधार के तहत इन चुनौतियों को हल करने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
निष्कर्ष
सुरक्षित स्कूल वाहन नीति हरियाणा में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नीति केवल नियमों का पालन करने की बाध्यता नहीं, बल्कि बच्चों के लिए एक सुरक्षित, सुविधाजनक और विश्वसनीय परिवहन प्रणाली स्थापित करने का प्रयास है। इसे सही तरीके से लागू करना हरियाणा के भविष्य को सुरक्षित रखने का एक कदम होगा।
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प्राइवेट स्कूल बसों की फिटनेस में कमियां,कैथल में 50 स्कूल संचालकों को नोटिस
Haryana News: प्राइवेट स्कूलों की बसों की फिटनेस की जांच की गई। जिनमें से 105 बसों में से 80 बसों में कमियां पाई गई हैं। इनमें ज्यादातर बसों में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग नहीं मिली। कैमरे लाइव तो मिले, लेकिन पिछले दिनों की रिकार्डिंग देखी तो वो गायब मिली। वहीं स्कूल बसों पर लगाए गए सहायकों के पास लाइसेंस भी नहीं है तो स्कूल बसों के चालक वर्दी में नहीं थे। नियमों को लेकर लापरवाही बरतने वाले करीब 50 स्कूल बसों के संचालकों को नोटिस दिया गया है।
स्कूल बसों से रूट बोर्ड गायब, कईयों के मिले इंडिकेटर खराब
Kaithal RTA विभाग से मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर अनिल सैनी, हरियाणा रोडवेज से हेड मैकेनिकल गुरजंट सिंह, शिक्षा विभाग से खंड कैथल कार्यालय से सुखबीर सिंह सहित नौ हेल्परों की टीम प्राइवेट स्कूल बसों की जांच कर रही है। पहले दिन भी 100 से ज्यादा बसों की जांच की गई थी। दूसरे दिन इंस्पेक्टर अनिल सैनी ने प्राइवेट स्कूल बस, वैन की फिटनेस जांची। एक स्कूल की वैन में रूट बोर्ड नहीं मिला। वहीं लगे हुए कैमरे की रिकार्डिंग भी नहीं मिली। इस पर स्कूल संचालक को नोटिस दिया गया है। इसी तरह से कई बसों का कलर धुंधला मिला व नीली पट्टी कई बसों में नजर नहीं आई। चार से पांच बसों के इंडीकेटर भी खराब मिले।
गुरुवार को राजौंद खंड की बसों की होगी जांच, कमियों को दूर करने का दिया नोटिस
आरटीए विभाग से मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर अनिल सैनी ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों की बसों की फिटनेस को लेकर जांच अभियान चलाया हुआ है। अब तक कलायत व कैथल खंड की बसों की जांच हो चुकी है। वीरवार को राजौंद खंड की बसों की जांच होगी। इस जांच के दौरान कई तरह की खामियां बसों में मिल रही है। बसों में लगे कैमरों की रिकार्डिंग नहीं है। वहीं परिचालकों के पास लाइसेंस नहीं है। इसी तरह से बसों में रूट बोर्डव कलर धुंधला हो रहा है। इस कारण स्कूल का नाम नजर नहीं आता। इन कमियों को दूर करने बारे स्कूल संचालकों को निर्देश जारी किए गए हैं।
गुहला खंड के स्कूल बसों की जांच शुक्रवार को
वीरवार को भी टीम प्राइवेट स्कूल बसों की जांच करेगी। राजौंद खंड में आने वाले प्राइवेट स्कूल बसों की फिटनेस जांची जाएगी। इससे पहले कलायत खंड की बसों की जांच हो चुकी है। शुक्रवार को गुहला इसके बाद सीवन, ढांडव पूंडरी खंड में आने वाले प्राइवेट स्कूलों की बसों की भी जांच की जाएगी।
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