Ruckus in Ambala, farmers and BJP supporters came face to face in Anil Vij program, former Home Minister left the program midway, Ambala News,
Haryana News Today : हरियाणा विधानसभा चुनाव ( Haryana assembly election 2024 ) के दौरान भाजपा और जजपा प्रत्याशियों को इन दिनों विरोध का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ तो किसान 13 महीने दिल्ली की सड़कों पर बैठने से पहले ही भाजपा से खबर है और दूसरी तरफ जब किसानों को दिल्ली जाने से रोका गया तो किसानों का गुस्सा और बढ़ गया। रविवार के शाम को जब अंबाला कैंट से भाजपा उम्मीदवार एवं पूर्व गृहमंत्री अनिल विज ( जो की गब्बर मंत्री के नाम से मशहूर हैं ) चुनाव प्रचार करने के लिए गांव में पहुंचे तो किसान संगठनों से जुड़े लोगों ने विरोध करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी तो भाजपा समर्थक भी नारेबाजी करने लगे और ऐसे में वहां पर जमकर हंगामा हुआ. हंगामा बढ़ता देख पूर्व गृहमंत्री अनिल विज कार्यक्रम को बीच में छोड़कर वहां से रवाना हो गए। किसान चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवारों सहित बरवाला विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला का विरोध कर रहे हैं। नहीं बीते दिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें उकलाना विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अनूप धानक भावुक होते हुए दिखाई दे रहे हैं।
चीन कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर किसान संगठनों से जुड़े लोग 13 महीना से ज्यादा समय तक दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे रहे थे और 750 सौ किसानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया था और किसानों को उनकी फसल एमएसपी गारंटी कानून लागू करने का भी आश्वासन दिया था लेकिन काफी समय बीत जाने के बावजूद भी एमएसपी पर कानून नहीं बना तो 13 फरवरी 2024 को लोकसभा चुनाव से पहले किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया था।
जब पंजाब और हरियाणा के किस दिल्ली के लिए रवाना हो रहे थे तो पंजाब के किसानों को हरियाणा में प्रवेश करने से रोकने के लिए हरियाणा की तत्कालीन भाजपा जजपा गठबंधन की मनोहर लाल सरकार ने हरियाणा पंजाब के बॉर्डरों को सील कर दिया था। इस दौरान किसानों और वहां पर मौजूद पुलिस बल के बीच काफी बहसबाजी भी हुई और खनोरी बॉर्डर पर पुलिस की गोली लगने से एक युवा किसान शुभकरण की मौत हो गई थी। करीब 7 महीने भी जाने के बावजूद भी हरियाणा पंजाब के कई बॉर्डर अब तक भी नहीं खोले गए हैं।
इसके विरोध में किसान संगठनों ने शांतिपूर्वक तरीके से भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी सहित किसान आंदोलन और किसानों से जुड़े मुद्दों पर चुप्पी साधने वाले नेताओं से गांव में पहुंचने पर सवाल जवाब करने का सिलसिला जोर पकड़ता जा रहा है। इसी कड़ी में अंबाला कैंट से भाजपा प्रत्याशी अनिल विज जब रविवार देर शाम चुनाव प्रचार करने के लिए शाहपुर और जलबेड़ा गांव पहुंचने की खबर किसान संगठनों को लग गई और वह मौके पर पहुंच गए। किसानों ने अपने झंडे लहराते हुए उनका विरोध किया तो भाजपा समर्थित कार्यकर्ताओं ने अनिल जिंदाबाद, बीजेपी जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। इसके बाद मामला गर्माने लगा तो पूर्व गृहमंत्री अनिल विज कार्यक्रम को बीच में छोड़कर वहां से रवाना हो गए।
हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री अनिल विज का विरोध करने पहुंचे भारतीय किसान यूनियन भगत सिंह गुटके सदस्य उनसे सवाल जवाब करने और अपना विरोध कर दर्ज करने पहुंचे थे। लेकिन किसान यूनियन और भाजपा समर्थक आमने-सामने होने से हंगामा होने के आसार बढ़ गए ऐसे में पूर्व गृहमंत्री ने वहां से निकलना ही उचित समझा।
आपको बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में पूर्व डिप्टी सीएम एवं जननायक जनता पार्टी के उचाना से उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला, उकलाना विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अनूप धानक, नरवाना से भाजपा उम्मीदवार कृष्ण बेदी, बरवाला विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला, हांसी विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार विनोद भयाना सहित अनेक भाजपा और जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवारों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। भारी विरोध के चलते उकलाना विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अनुप धानक का आरोप है कि उन्हें गांव की चौपाल में नहीं घुसने दिया जा रहा है और उनके गांव में पहुंचने से पहले ही चौपाल पर ताला लगा दिया जाता है ऐसे में वह अपना चुनाव प्रचार कैसे करें।
अनूप धानक ने एक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में कहा कि वह एससी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं इसलिए उनका विरोध किया जा रहा है जबकि उकलाना विधानसभा सीट आरक्षित सीट है और इस सीट से कांग्रेस की टिकट पर पूर्व विधायक नरेश सेलवाल चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं और उनका गांव गांव जोरदार स्वागत हो रहा है। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी का यह आरोप लगाना की अनुसूचित जाति का होने के कारण उनका विरोध किया जा रहा है इसको लेकर उकलाना विधानसभा क्षेत्र के लोगों का कहना है कि उन्होंने अपने 10 साल के कार्यकाल के दौरान हल्के में कोई विकास कार्य नहीं करवाया और उन्हें का हिसाब किताब मांगा जा रहा है।
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