Rice Miller defrauds Food and Supplies Department in Haryana of Rs. 1.79 crore in the name of paddy milling
हरियाणा के कैथल में एक राइस मिलर द्वारा धान मिलिंग के नाम पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को 1.79 करोड़ का चूना लगाने का मामला प्रकाश में आया है।पुलिस ने मामले में मिलर सहित 3 आरोपियों को नामजद किया है। इस संबंध में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निरीक्षक दीपक कुमार ने शहर थाने में शिकायत दी कि विभागीय नियमानुसार मैसर्ज हिमांक राइस लैंड मिल को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से वर्ष 2023-24 के मिलिंग एग्रीमेंट के तहत 35595.37 क्विंटल धान मिलिंग कार्य के लिए अलॉट की गई थी। लेकिन अलॉट की गई धान की जांच की गई तो मिल में धान की मात्रा पूरी पाई गई।
विभागीय नीति के अनुसार मिलर को अलॉट धान का 67 प्रतिशत सरकारी चावल भारतीय खाद्य निगम को प्रेषित करना था। मिलर ने तय समय-सीमा में निर्धारित कोटे के अनुसार भारतीय खाद्य निगम को चावल प्रेषित नहीं किया।
जब मिलर को बार-बार नोटिस भेजकर तय सीमा में चावल जमा करवाने के लिए कहा गया तो उसने कम प्रतिशत मात्रा में ही चावल भेजे। जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक ने मिल के प्रोपराइटर अमन मित्तल को नोटिस दिया तो उसने इसका जवाब नहीं दिया।
मिल के गारंटर जय भगवान नोटिस लेने से मना करता रहा और बलदेव ने भी आरोपियों का सहयोग किया। चावल देने की निर्धारित तिथि 30 सितम्बर, 2024 तक थी, लेकिन 1 अक्तूबर सुबह के समय राइस मिल में विभाग के बकाया पड़े स्टॉक की जांच-पड़ताल की गई तो मौके पर न ही धान व न ही कोई चावल पाया गया।
मिल में 6547.92 क्विंटल धान कार्यालय के रिकॉर्ड के मुताबिक खुर्द- बुर्द मिला, जिसका चावल 4387.11 क्विंटल बनता है। इससे सरकार को लगभग 1,79,87, 151 रुपए का नुक्सान हुआ है। इसके अतिरिक्त राइस मिल ने विभाग का सरकारी बारदाना लगभग 17 गांठें, जिनकी सरकारी राशि लगभग 3.91 लाख रुपए बनती है, वह भी नहीं लौटाई।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि मिलर ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर सरकारी धान को खुर्द-बुर्द कर विभाग को करोड़ों रुपए का नुक्सान पहुंचाया है। मामले के जांच अधिकारी थाना शहर प्रभारी बीर सिंह ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है।
गुहला के मिलरों पर भी गिर चुकी गाज
गुहला पुलिस ने 28 अक्तूबर को धान मिलिंग में 5.88 करोड़ की धोखाधड़ी करने के आरोप में एक राइस मिलर और उसके गारंटरों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मामला डी. एम. हैफेड की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक कैथल कार्यालय की अनुशंसा पर दर्ज किया गया था।
डी. एम. ने अपनी शिकायत में बताया कि खरीफ विपणन सीजन 2023-24 के दौरान मैसर्ज गोयल फूड, चीका व मैसर्ज आत्मा राम राइस एंड जनरल मिल, चीका को उपायुक्त कैथल की अध्यक्षता में जिला मिलिंग कमेटी कैथल द्वारा हैफेड, कैथल को कस्टम मिलिंग कार्य के लिए आबंटित किया गया था। पॉलिसी, अनुबंध व सरकार के निर्देशानुसार राइस मिलरों द्वारा चावल का पूर्ण भुगतान एफ. सी.आई. को निम्न अनुसार करना था।
इसमें मैसर्ज गोयल फूड चीका ने 75345.37 में से जून माह में 100 प्रतिशत में से 41, जुलाई में 44, अगस्त में 51, सितम्बर में 54 प्रतिशत नचावल देना था। सरकार द्वारा चावल डिलीवरी की अंतिम विस्तारित
अवधि 30 सितम्बर, 2024 निर्धारित की गई थी, लेकिन 30 सितम्बर 2024 की डिलीवरी रिपोर्ट के अनुसार मैसर्ज गोयल फूड, चीका द्वारा केवल 54 प्रतिशत चावल की डिलीवरी भारतीय खाद्य निगम को दी गई, जोकि लक्ष्य के अनुरूप नहीं थी।
इसे लेकर राइस मिलर को बार-बार अवगत करवाया गया, लेकिन उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। यही नहीं, उसके गारंटरों राम सिंह मैसर्ज परी ग्रेन ट्रेडर अनाज मंडी चीका, श्रीशेष मैसर्ज रिद्धि सिद्धि ग्रेन कुमार व्यापारी अनाज मंडी चीका और मोहित गोयल मैसर्ज मैसर्ज गौतम फूड, चीका एवं रोहित गोयल (अधिकृत व्यक्ति मैसर्ज गोयल फूड चीका) द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आरोप है कि निरीक्षण के दौरान आरोपी राइस मिलर के पास पर्याप्त स्टॉक भी नहीं पाया गया। इस प्रकार से आरोपी राइस मिलर द्वारा धान मिलिंग के नाम पर सरकार के साथ 58872413 रुपए का धान लेते हुए उसके बदले में चावल नहीं दिया गया।
पूरे चावल की रिकवरी की जाएगीः डी.एफ.एस.सी.
डी.एफ.एस.सी. निशांत राठी ने बताया कि जिन राइस मिलर्स को धान दी गई है, उनसे पूरे चावल की रिकवरी की जाएगी। इसके अलावा मिल की नीलामी व गारंटरों की दुकानों को अटैच करने के लिए अलग-अलग विभागों को लिख दिया गया है।
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