Prem Katha Ka dardnak ant, ek dusre ko gale Laga Di Jaan
अक्सर युवा अपने रास्ते से भटक कर प्रेम जाल में ऐसे फंस जाते हैं कि उसे बाहर निकलना उनके लिए उसे समय मुश्किल हो जाता है। जब दोनों के परिजन सामाजिक बंधनों के कारण या किसी अन्य कारण से उनके रिश्ते को मंजूर नहीं करते। जिसकी वजह से कोई प्रेमी जोड़ा घर से भाग जाता है। तो कोई अपनी जिंदगी का ही अंत कर लेता है। ऐसा ही ममला हिसार जिले के नारनौंद क्षेत्र के गांव मोठ में हुआ है। जहां पर जींद जिले के एक प्रेमी जोड़े ने घर से भाग कर एक दूसरे को गले लगा कर जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
प्रेम और समाज के बंधनों के बीच दो जिंदगियों का अंत
हिसार के नारनौंद के मोठ गांव में शुक्रवार सुबह खेतों में एक प्रेमी जोड़े के शव मिलने से इलाके में दिन भर चर्चा का विषय बना रहा कि आखिरकार इन्होंने अपने घर से भागने के बाद सुसाइड का रास्ता क्यों अपनाया। यह दुखद घटना सिर्फ दो जिंदगियों का अंत नहीं, बल्कि समाज में उन युवाओं को सबक सिखाने वाली भी हो सकती है। जो प्रेम जाल में फसकरज अपने परिजनों को दगा देकर घर से भाग कर अपने प्रेमी के साथ जीवन यापन करना चाहते हैं। लेकिन उन जटिलताओं को भी उजागर करती है, जहां प्रेम संबंध अब भी सामाजिक बंधनों और परंपराओं के बीच दम तोड़ देता है।
खेतों में मिले दो प्रेमियों के शव
शुक्रवार को जब किसान अपने खेतों की ओर बढ़े, तो वहां एक अजीब-सी खामोशी पसरी हुई मिली। गाँव मोठ के एडवोकेट प्रदीप के भाई ने सबसे पहले यह भयावह दृश्य देखा तो उसके पांव तले से जमीन ही खिसक गई। क्योंकि उसके खेत में एक युवक और युवती के मृत शरीर एक-दूसरे के करीब पड़े हुए थे। यह कोई आम दुर्घटना नहीं थी; यह एक प्रेम कहानी का ऐसा अंत था, जिसे शायद उन्होंने खुद चुना था।
गले मिलकर दुनिया को अलविदा कहा
जांच में सामने आया कि युवक और युवती ने एक-दूसरे को गले लगाकर जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड कर लिया। उनके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया तो उनकी प्रेम कहानी के तार उनकी पहचान से जुड़ने लगे। मृतक युवक प्रवेश (25) सफीदों के कारखाना गांव का था और मजदूरी करता था। युवती रीना (21) नगूरां गांव की रहने वाली थी और जींद के कॉलेज से एमए की पढ़ाई कर रही थी। दोनों अनुसूचित जाति से थे और एक-दूसरे के परिवार से जुड़े हुए थे—प्रवेश, रीना की मौसेरी बहन का देवर लगता था।
गुरुवार शाम से लापता थे दोनों
प्रवेश और रीना गुरुवार की शाम को अज्ञात परिस्थितियों में अपने घर से लापता हो गए थे। दोनों ही परिवार इस बात से अनजान थे कि रीना और प्रवेश एक साथ कहीं गए होंगे इसलिए उनके परिवार अपने-अपने बच्चों की तलाश के लिए अलग-अलग जगह पर तलाश करने में लगे हुए थे और किसी को इसका शक नहीं था कि उन दोनों के बीच प्रेम प्रसंग इतना परवान चढ़ चुका है कि दोनों घर से भाग कर सुसाइड कर लेंगे। वे अलग-अलग उनकी तलाश कर रहे थे, इसी दौरान शुक्रवार सुबह जैसे ही ये समाचार उनके परिजनों तक पहुंचा तो सबके पैरों तले जमीन खिसका देने वाली थी।
प्रेम की राह में सामाजिक दीवारें
प्रेम एक ऐसा अहसास है, जो जाति, धर्म और समाज के बनाए नियमों को तार तार कर देता है। वह अच्छे बुरे की पहचान किए बिना वो एक दूसरे को ही सब कुछ मानते हुए तमाम उन रिश्तों को तोड़ देते हैं जिनमें उनकेबजुर्ग माता-पिता सहित परिवार के अन्य सदस्यों की भावनाएं भी जुड़ी हुई होती हैं। कई बार देखने में आया है कि लड़कियां प्रेम जाल में फंसकर साड़ियां तो कर लेती हैं लेकिन बाद में जब लड़के के अपराध व उसकी बुरी आदतों से उसका जीवन नासूर बन जाता है। परंतु जब प्रेम सामाजिक दायरों को लांघने लगे, तो यह अक्सर विवाद और मुश्किलों का कारण बन जाता है। प्रवेश और रीना के साथ भी ऐसा ही हुआ होगा। उनकी जाति एक थी, फिर भी पारिवारिक रिश्तों की जटिलता और सामाजिक मान्यताएं उनके प्रेम के रास्ते में दीवार बन गईं।
प्रवेश का अतीत: हत्या के मामले में जेल जा चुका था
इस कहानी में एक और पहलू था। चार महीने पहले तक प्रवेश जेल में था। 2020 में हिसार के सुरेंद्र उर्फ सिकंदर की हत्या के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था। वह हाल ही में जमानत पर बाहर आया था और विवाह समारोहों में चाट की स्टॉल लगाने का काम कर रहा था। समाज के लिए वह एक अपराधी था, लेकिन रीना के लिए शायद वह सिर्फ प्रवेश था—वही युवक जिससे वह बेइंतहा प्यार करती थी।
क्या प्यार की सजा मौत है?
प्रेम कहानियां हमेशा सुखद अंत की गारंटी नहीं देतीं। कभी वे परिवार की स्वीकृति पाकर शादी में बदल जाती हैं, तो कभी समाज की बंदिशों में घुटकर दम तोड़ देती हैं। प्रवेश और रीना की कहानी भी ऐसी ही थी—एक ऐसी प्रेम गाथा, जिसे समाज ने शायद अपनाने से इनकार कर दिया।
समाज के लिए एक सवाल
यह घटना सिर्फ एक अपराध दर्ज करके भुला दी जाएगी, या फिर यह हमारे समाज के लिए एक आईना बनेगी? क्यों अब भी प्रेम को सामाजिक बंधनों में जकड़कर देखा जाता है? क्यों दो इंसानों की खुशी परिवार और समाज की रजामंदी पर निर्भर करती है?
प्रवेश और रीना अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी कहानी समाज को सोचने पर मजबूर कर देती है। शायद किसी और प्रवेश और रीना को ऐसी नियति न झेलनी पड़े। शायद अगली बार प्रेम को जीने की आजादी मिले, मरने की नहीं।
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