42 करोड रुपए की लागत से बदलेगी नारनौंद की तस्वीर, बढ़ेगा व्यापार
picture of Narnaund will change at a cost of Rs 42 crore, business will increase
राखी गढ़ी में 42 करोड रुपए की लागत से म्यूजियम की बदलेगी सूरत, आने वाले पर्यटकों को मिलेगी सुविधा
Narnaund News : देश का ऐतिहासिक गांव राखी गढ़ी हड़प्पा कालीन सभ्यता को लेकर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। पिछले काफी सालों से बन रहे म्यूजियम के निर्माण कार्य के लिए राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा 42 करोड रुपए जारी किए गए हैं। इससे म्यूजियम की सूरत बदलने का काम किया जाएगा। हालांकि इसके बाद भी इंटीरियर का काम बाकी रह जाएगा।
आईकॉनिक साइट राखीगढ़ी में प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के प्रयासों से 2017 में करीब 13 करोड रुपए की लागत से म्यूजियम बनाने का काम की शुरुआत हुई थी। उसके बाद 11 करोड रुपए ओर जारी किए गए थे। 2023 में सात करोड़ और 2024 में चार करोड रुपए निर्माण कार्य के लिए जारी किए गए थे। अब तक कुल 35 करोड रुपए इसके निर्माण कार्य पर खर्च हो चुके हैं। राज्य पुरातत्व विभाग ने म्यूजियम के निर्माण के लिए 42 करोड रुपए और जारी कर दिए हैं। इस रुपए से म्यूजियम में सड़के, फोटोग्राफी, रुफ फीलिंग, सीसीटीवी कैमरे, फायर अलार्म, स्ट्रांग रूम, लैब, 7 डी थिएटर, रिसेप्शन सहित अनेक चीज तैयार की जाएंगी। राज्य पुरातत्व विभाग ने यह रुपए पीडब्ल्यूडी विभाग को भेज दिए हैं। अब जल्द ही पीडब्ल्यूडी विभाग टेंडर निकालकर म्यूजियम के कार्य को शुरू करवाएगा।
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म्यूजियम में रेस्ट हाउस, गेस्ट हाउस और कैफे बनकर तैयार हैं। जिनका इंटीरियर का काम भी पूरा कर दिया गया है। म्यूजियम की बिल्डिंग पूरी तरह से बनकर तैयार हैं। जल्द ही इंटीरियर का काम शुरू हो जाएगा। उसके बाद यह आने वाले पर्यटकों को वह सभी अवशेष देखने को मिलेंगे। जो कि खोदाई के दौरान यहां मिलें थे। म्यूजियम में कंकाल भी रखे जाएंगे। फिलहाल कंकाल को टीलें एक पर बने एक कमरे में रखा गया हैं।
गांव में म्यूजियम बनाने के लिए ग्राम पंचायत में भारतीय पुरातत्व विभाग को पट्टे पर सवा पांच एकड़ भूमि दी हुई है। म्यूजियम का शिलान्यास तत्कालिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ से किया था। इसमें चार ब्लॉक बनकर तैयार हो गए हैं।
म्यूजियम के निर्माण के लिए राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा 42 करोड रुपए की राशि पीडब्ल्यूडी विभाग को जारी कर दी गई है। जल्द ही टेंडर जारी करके कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।
बनानी भट्टाचार्य, उप निदेशक पुरातत्व विभाग, हरियाणा
राखी गढ़ी के इतिहास में प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते इकलौते मनोहर लाल ही राखीगढ़ी के टीलों पर आ पाए आए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी अपने कार्यकाल में यह का दौरा फिक्स किया था लेकिन किसी करण वंश आखिरी वक्त में कैंसिल हो गया था। राखीगढ़ी महोत्सव में भी मुख्यमंत्री नायब सैनी का दौरा तय हो गया था लेकिन स्वर्गीय ओम प्रकाश चौटाला के निधन के कारण आखिरी वक्त में उनका आना भी कैंसिल हो गया। ऐसे में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ही राखीगढ़ी में इन टीलों को देखने की जिज्ञासा शांत कर चुके हैं।
राखी गढ़ी में पहली बार खोदाई सन 1997-98 से 2000 तक डॉ अमरेंद्र नाथ के नेतृत्व में हुई थी। दूसरी बार 2003 से 2006 तक डेक्कन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर वसंत सिंधे के नेतृव में, तीसरी बार वर्ष 2013 से 2016 तक डेक्कन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर वसंत सिंधे के नेतृव में हुई थी।
चौथी बार वर्ष 2020 से जनवरी तक 2024 तक भारतीय पुरातत्व विभाग दिल्ली के अप्पर महानिदेशक डॉक्टर संजय कुमार मंजुल के नेतृत्व में खोदाई चल रही हैं।
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