Armenia instead of Germany : जर्मनी की बजाए अर्मेनिया भेज नौ लाख रुपये हड़पे,पिता-पुत्र के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज, / Haryana News Today
Armenia instead of Germany : जर्मनी की बजाए अर्मेनिया भेज नौ लाख रुपये हड़पे,पिता-पुत्र के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज,

Armenia instead of Germany : जर्मनी की बजाए अर्मेनिया भेज नौ लाख रुपये हड़पे,पिता-पुत्र के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज,

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Nine lakh rupees were robbed by sending them to Armenia instead of Germany, case of fraud registered against father and son,

Haryana News Today : जींद में सोनीपत जिले के खेड़ी दमकन गांव के युवक को जर्मनी भेजने का झांसा देकर अर्मेनिया भेजने और नौ लाख रुपये हड़पने का मामला सामने आया है। विदेश भेजने के नाम पर आए दिन लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं और प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे जागरुकता अभियान के बाद भी लोग ठगों के जाल में फंसकर अपनी जमा पूंजी को ठगों के हवाले कर रहे हैं । इस मामले में पुलिस ने पिता- पुत्र के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।

सोनीपत जिले के खेड़ी दमकन निवासी अमित ने पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका छोटा भाई मनीष गांव मोरखी निवासी रमेश के माध्यम से जामनी निवासी विकास और उसके पिता सतप्रकाश से मिला था। सतप्रकाश ने बताया कि उसका बेटा विकास चंडीगढ़ वर्ल्ड हेल्पलाइन इमीग्रेशन सेक्टर 22 में पार्टनरशिप में कार्य कर रहा है। वह स्पेशल वर्क परमिट लगवाने का काम करता है। 20 अगस्त 2023 को आरोपित पिल्लूखेड़ा में एक दुकान पर आए। जहां पर जर्मनी का वीजा लगवाने के लिए 14 लाख रुपये में सौदा तय हो गया।

उन्होंने असली दस्तावेज विकास और उसके पिता सतप्रकाश‌ को सौंप दिए। 29 सितंबर को विकास ने खाते में 90 हजार रुपये डलवाए। इसके बाद तीन लाख 80 हजार रुपये नकद दिए। 12 नवंबर को एक लाख 30 हजार रुपये आरटीजीएस के माध्यम ट्रांसफर किए गए।

फ्लाइट से पहले दुबई:  छह अक्टूबर को आरोपित उनसे तीन लाख रुपये नकद ले गए। आरोपितों ने नौ लाख रुपये उससे ले लिए। आठ अक्टूबर को विकास ने उसके छोटे भाई मनीष को दुबई की फ्लाइट में बैठाकर दुबई भेज दिया। वहां से आरोपित ने 10 अक्टूबर को मनीष को फ्लाइट से फर्जी तरीके से आर्मेनिया देश में भेज दिया। आर्मेनिया में एक महीना तक उसके भाई को बंधक बनाकर सुनसान जगह पर रखा गया।

रुपये वापस मांगे तो जान से मारने की धमकी दी

जब वह पूछते तो विकास और सतप्रकाश बताते कि मनीष अर्मेनिया पुलिस की कस्टडी में है। यदि उसे अर्मेनिया से जर्मनी भेजना है तो 10 लाख रुपये और देने होंगे। शिकायतकर्ता अमित ने बताया कि उसका जानकार प्रवीन डांगी अर्मेनिया में था। उसने प्रवीन की सहायता लेकर मनीष को उनके चंगुल से निकाला और वापस भारत लाया गया। यहां आने के बाद उसके भाई मनीष ने उसके साथ हुई घटना के बारे में बताया। उन्होंने आरोपितों से रुपये वापस मांगे तो कुछ समय मांगा। बार-बार समय देने के बाद भी उन्हें रुपये नहीं दिए जा रहे। अब विकास और उसका पिता उन्हें धमकी दे रहे हैं। पुलिस ने दोनों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।


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