New twist in Bhatla social boycott case, Supreme Court orders reinvestigation
Haryana News Today : हिसार जिले का भाटला सामाजिक बहिष्कार प्रकरण मामले में उस समय नया मोड़ आ गया ( New twist in Bhatla social boycott case ) जब सुप्रीम कोर्ट ने जांच दोबारा करवाने का फैसला सुना दिया। सुनवाई में भाटला सामाजिक बहिष्कार के पीड़ितों की तरफ से सीनियर अधिवक्ता कोलिन गोंसाल्वेस व रजत कल्सन पेश हुए थे। पीड़ितों की तरफ से वकीलों ने पुलिस और आरोपित पक्ष पर संगीन आरोप लगाए वहीं सरकारी वकील ने कहा कि गांव में पूर्ण रूप से शांति बनी हुई है और कुछ लोग इस प्रकरण को जिंदा रखने की फिराक में है।
पीड़ित पक्ष के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भाटला सामाजिक बहिष्कार के मामले में दर्ज मुकदमे में पुलिस ने सीधे-सीधे आरोपियों की मदद करने का काम किया है तथा सामाजिक बहिष्कार के पीड़ितों को मुकदमे में गवाह बनाने की बजाय आरोपियों को ही मुकदमे का गवाह बना दिया। दूसरी तरफ हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि भाटला में अब शांति बनी हुई है तथा कुछ लोग जानबूझकर मामले को जिंदा करने का प्रयास कर रहे हैं।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के बेंच के जस्टिस एमएम सुंदरेश व जस्टिस अरविंद कुमार ने कहा कि भाटला सामाजिक बहिष्कार प्रकरण मामले में पीड़ित पक्ष की तरफ से नामित दो रिटायर्ड पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारियों विक्रम चंदर गोयल व कमलेंद्र प्रसाद दोनों पूर्व डीजीपी उत्तर प्रदेश से जांच कराई जाएगी। जिस पर हरियाणा सरकार के वकील ने भी कोई आपत्ति नहीं की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जांच कमेटी तीन महीने में रिपोर्ट पेश करेगी।
15 जून 2017 को गांव भाटला में नलके पर पानी भरने के विवाद को लेकर गांव में एक समुदाय के लड़कों ने दलित समाज के युवाओं के साथ मारपीट की थी। इस मामले में पीड़ितों ने दर्ज कराए मुकदमे में पीड़ितों की ओर से समझौता न करने पर गांव की भाईचारा कमेटी ने गांव के पूरे दलित समुदाय का सामाजिक बहिष्कार कर दिया था।
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