Nayab government fulfilled another promise, job security for temporary employees, freedom from HKRN
Haryana News Today : Haryana Nayab government ने हरियाणा के 1.20 लाख कच्चे कर्मचारियों को नायब तौहफा देकर चुनाव में किएअपने एक ओर वादे को पूरा कर दिया। हरियाणा विधानसभा सत्र के तीसरे दिन हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक, 2024 को पारित किया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसे युवाओं के लिए ऐतिहासिक दिन करार देते हुए अपने वादों को पूरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से 1,20,000 कच्चे कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा दी जा रही है। इसके अलावा, मासिक आय 50,000 रुपये से अधिक वाले कर्मचारियों के लिए भी सेवा सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में बिल लाया जाएगा। विश्वविद्यालय कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा पर भी सरकार सकारात्मक कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 1 अप्रैल 2022 को लागू हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) ने युवाओं को ठेकेदारी प्रथा से मुक्ति दिलाई है। पारदर्शी चयन प्रक्रिया के लिए परिवार की आय, आयु और कौशल योग्यता को आधार बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि HKRN के तहत अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के कर्मचारियों की भागीदारी को भी प्रमुखता दी गई है। सरकार ने न्यूनतम वेतन 14,000 रुपये सुनिश्चित किया है। इसके अलावा, 2 लाख नौकरियां बिना किसी भ्रष्टाचार के प्रदान की जाएंगी।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने डीएपी से संबंधित ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का ज़वाब देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार राज्य में सभी प्रकार के खाद की व्यवस्था करने तथा किसानों की आवश्यकताओं के अनुसार उनके उचित वितरण के लिए प्रशासनिक रूप से सक्षम है।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष रबी सीजन में डीएपी की बिक्री 2 लाख 30 हजार मीट्रिक टन थी और चालू रबी सीजन 2024-25 में भी इतनी ही बिक्री होने की उम्मीद है। भारत सरकार ने चालू रबी सीजन 2024-25 के लिए 2 लाख 60 हजार मीट्रिक टन डीएपी आवंटित किया है।
डीएपी का अक्टूबर और नवंबर 2024 का आवंटन 2 लाख 25 हजार मीट्रिक टन है। इस वर्ष रबी सीजन की शुरुआत में राज्य के पास 54,000 मीट्रिक टन का स्टॉक था और 16 नवंबर 2024 तक एक लाख 52 हजार मीट्रिक टन डीएपी भारत सरकार से प्राप्त हुई है।
इस प्रकार, राज्य के लिए अब तक 2 लाख 6 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद उपलब्ध कराया गया है जिसमें से 15 नवंबर 2024 तक एक लाख 86 हजार मीट्रिक टन की खपत हो चुकी है। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 1 लाख 65 हजार मीट्रिक टन डीएपी की खपत हुई थी। जिलों में अभी भी 21,000 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है।
Discover more from Haryana News Today
Subscribe to get the latest posts sent to your email.