हिसार जिले के नारनौंद नगरपालिका चुनाव का महासंग्राम जैसे जैसे चुनाव नजदीक आता जा रहा है वैसे ही नारनौंद का चुनावी पारा चढ़ता जा रहा है। उम्मीदवारों के परिजनों सहित परिवार के तमाम सदस्य इस चुनावी दंगल में उतर चुके हैं और अपने अपने उम्मीदवार को मजबूत बता रहे हैं। लेकिन इस चुनाव में दिलचस्प बात ये है कि चेयरमैंन पद के सभी उम्मीदवार केवल एक उम्मीदवार से अपना मुकाबला होने की बात कर रहे हैं। हालांकि ये तस्वीर तो मतगणना के बाद ही साफ हो पाएगी कि किसका मुकाबला किससे है और कौन इस चुनाव में किसको मात देता है।
नारनौंद नगरपालिका चुनाव के चेयरमैंन पद के लिए मुख्यत समाज सेवी शमशेर लोहान उर्फ कुकन, पूर्व एमसी एवं समाज सेवी कुलदीप गौतम, भाजपा के सफीदों से विधायक के चचेरे भाई भीम सैन गौतम सहित पूर्व में एमसी रहे सुरेश एमसी इस चुनावी दंगल में चेयरमैंन पद के लिए ताल ठोके हुए हैं। सफीदों से विधायक और भाजपा नेता एवं चेयरमैंन पद के उम्मीदवार कुलदीप गौतम के बीच छतीस का आकड़ा है। इसी को देखते हुए भाजपा ने नारनौंद नगरपालिका का चुनाव सिंबल पर ना करवाकर खुला करवाने का फैसला लिया था। जबकि सुरेश एमसी भी अपने आपको भाजपा समर्थित बता रहा है। वहीं शमशेर लोहान उर्फ कुकन जनता के प्रतिनिधिी के रूप में उभरकर सामने आ रहे हैं।
जब भी उपरोक्त कोई भी उम्मीदवार से कोई सवाल पूछता है तो वो केवल शमशेर लोहान उर्फ कुकन से ही अपनी चुनावी फाइट बता रहे हैं। मोनू लोहान, सोनू, सूर्या, संदीप काजल, प्रदीप, कपिल, मंजीत, राजपाल, दिनेश इत्यादि स्थानीय मतदाताओं का कहना है कि शमशेर लोहान उर्फ कुकन छतीस बिरादरी का उम्मीदवार है और हर किसी के सुख दुख का साथी रहा है। जबकि पहले एमसी रहे उम्मीदवार जो चुनावी मौसम में ही अपने आपको जनता का हितैषी होने का दिखावा करते हैं। वो चुनाव जीतने के बाद केवल अपने निजी हित देखते हैं और नारनौंद के मतदाता पिछली बार हुए चुनाव में इसके परिणाम देख चुके हैं कि कैसे एक एमसी के घर से लाखों रूपए मिलते हैं और वो चेयरमैंन के लिए अपना वोट ना बेचने का ड्रामा कर रहे हैं।
ऐसे में अगर कस्बावासियों की बात को मानें तो इस समय नारनौंद के इस चुनावी महासंग्राम में शमशेर कुकन से चेयरमैंन पद के सभी उम्मीदवार अपना मुकाबला बता रहे हैं। अगर इस बात में जरा सी भी सच्चाई है तो निश्चित रूप से शमशेर कुकन इस समय अन्य उम्मीदवारों पर भारी पड़ रहे हैं। हालांकि ये तो मतदान के बाद जम ईवीएम मशीन खुलेगी और चुनावी परिणाम बाहर आएगें तब ही सच्चाई लोगों के सामने आ पाएगी। लेकिन इस चुनावी रण में जो लोग कुलदीप गौतम को कमजोर आंक रहे हैं वो कहीं ना कहीं इतने कमजोर दिखाई नहीं पड़ रहे। क्योंकि उनका अपना एक विशेष जनाधार है और पूर्व वित्तमंत्री के काफी नजदीकी भी हैं।
भले ही विधायक का चचेरा भाई इस चुनावी दंगल में कूदे हुए हैं। जबकि इस चुनावी रण में इस बार ऐसा भी देखने को मिल सकता है कि जो उम्मीदवार अपने आपको फाईट में बता रहे हैं उनके लिए अपनी जमानत तक बचाना मुश्कील हो सकता है। क्योंकि उनके साथ जो लोगों की भीड़ दिखाई पड़ रही है वो अब तक वोटों में तबदील होती हुई नजर नहीं आ रही। क्योंकि उनके प्रति लोगों में गुस्सा अब तक कायम है। ऐसे में शमशेर कुक न और कुलदीप गौतम सहित भीम सैन गौतम के बीच ही इस चुनाव को कांटेदार माना जा रहा है।
Share this content:
Discover more from KPS Haryana News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.