Narnaund Election: Abhimanyu trapped in Jassi Chakravyuh, will Jassi Petwad be able to break Captain Abhimanyu trap?
Haryana Election में हॉट सीट कैसे बनी नारनौंद
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में हिसार जिले की नारनौंद विधानसभा सीट ( narnaund assembly election 2024 ) पूरे प्रदेश में हॉट सीट बनी हुई है। एक तरफ हरियाणा प्रदेश की 89 विधानसभा सीटें हैं और एक तरफ नारनौंद विधानसभा चुनाव का जिक्र पूरे प्रदेश में सुर्खियां बटोर रहा है। लोगों में चर्चा है कि युवा नेता एवं कांग्रेस प्रत्याशी जस्सी पेटवाड़ ने ऐसा चक्रव्यूह रचा कि भाजपा प्रत्याशी अभिमन्यु जस्सी के चक्रव्यूह में फंस गए। अब देखने वाली बात यह होगी कि कांग्रेस प्रत्याशी जस्सी पेटवाड़ कैप्टन अभिमन्यु के बुने जाल से बाहर निकलते भी हैं या उसके अंदर ही तड़पते रहेंगे। क्योंकि कौरव पांडवों की लड़ाई में अर्जुन का बेटा अभिमन्यु भी चक्रव्यूह को भेदते हुए उसके अंदर दाखिल तो हो गए थे लेकिन बाहर निकालने के लिए वह चक्रव्यूह को तोड़ नहीं पाए थे। ऐसा ही एक चक्रव्यूह दोनों नेताओं ने एक दूसरे के लिए बनाया हुआ है अब यह तो आने वाली 8 अक्टूबर को ही तस्वीर साफ हो पाएगी थी कौन किसके चक्रव्यूह को भेद कर बाहर निकल पाता है।
हालांकि मतदान से पहले भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों ने चुनाव जीतने के लिए और जनता को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए पूरा जोर लगाया हुआ था और दोनों ही पार्टियों के स्टार प्रचारक प्रचार करने के लिए नारनौंद की अनाज मंडी में रैली कर चुके हैं। भाजपा प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 30 सितंबर को रैली करने नारनौंद पहुंचे थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी जस्सी पेटवाड़ के लिए रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा 3 अक्टूबर को रैली करने के लिए पहुंचे थे। दोनों ही पार्टियों के समर्थकों द्वारा अपनी अपनी रैलियों को कामयाब बताया गया। लेकिन इसका फैसला 5 अक्टूबर को नारनौंद हल्के के मतदाता ईवीएम मशीन में कैद कर देंगे और इसका चुनावी परिणाम 8 अक्टूबर को आएगा कि कौन किसके चक्रव्यूह में फंसा है और कौन किसके चक्रव्यूह को भेदने में कामयाब होता है।
हरियाणा न्यूज़ टुडे किसी भी पार्टी या प्रत्याशी का समर्थन नहीं करता और ना ही किसी मतदाता को किसी प्रत्याशी या पार्टी के पक्ष में मतदान करने की अपील करता है बल्कि Haryana News Today की तरफ से सभी मतदाताओं से अपील की जाती है कि वह लोकतंत्र के इस महापर्व में ज्यादा से ज्यादा हिस्सा लेकर अपने मताधिकार का प्रयोग करें और अपने गांव शहर मोहल्ले का भाईचारा शांति से बनाए रखें।
आपको बता दें कि जनता का कहना है कि पिछले 52 सालों में नारनौंद विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी जीत की दहलीज तक तो पहुंचना टक्कर देने की स्थिति में नहीं दिखाई दी। कुछ इलेक्शनों में तो कांग्रेस प्रत्याशियों की यहां से जमानत जप्त भी हुई है। लेकिन Haryana assembly election 2024 का चुनाव इस बार इतिहास बदलते हुए दिखाई दे रहा है और यहां पर 52 साल बाद कांग्रेस की लहर देखने को मिल रही है। क्योंकि लोकसभा चुनाव में नारनौंद विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश उर्फ जेपी को भारी मतों से विजयी बनाया गया था।
लोगों का कहना है कि कांग्रेस प्रत्याशी जस्सी पेटवाड़ ने पिछले सालों से हल्के में काफी मेहनत कर अपनी मजबूत टीम खड़ी कर ली थी और आज उसी की बदौलत वह है भाजपा के कद्दावर नेता एवं भाजपा प्रत्याशी पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के पसीने छूटाए हुए हैं। एक तरफ भाजपा प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली की थी और भारी भीड़ जुटाने का दावा किया था, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी जस्सी पेटवाड़ द्वारा चुनाव से 2 दिन पहले प्रचार खत्म होने वाले दिन रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा की रैली करके नारनौंद के इतिहास में सबसे बड़ी रैली करने का नाम अपने नाम दर्ज कर लिया है।
जस्सी पेटवाड़ की रैली की खास बात यह है कि इस रैली में जितनी भीड़ महिलाओं की थी उससे कम ही भीड़ हर कोई नेता जुटा पाता है। लोगों का कहना है कि इस रैली को देखकर भाजपा प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु अपने आप को जस्सी के चक्रव्यूह में फंसा हुआ देख रहे हैं।
आरोप लगाया जा रहा है कि जब जस्सी पेटवाड़ की रैली में शामिल होने के लिए लोग आ रहे थे तो उनको रोकने के लिए भाजपा प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु और उनके समर्थ कौन है औछी हरकतें भी की है और जब सांसद दीपेंद्र हुड्डा आ रहे थे तो कैप्टन के समर्थकों ने और कैप्टन अभिमन्यु ने उनके काफिले के बीच में अपनी बाइक रैली घुसा दी। जिससे उनके यहां से निकालना काफी कठिन हो गया। लेकिन इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि कैप्टन अभिमन्यु के 33 साल के युवा नेता ने नाक रगड़वा दी है।
जस्सी पेटवाड़ को किसानों, मजदूरों पर हुए अत्याचार, कर्मचारियों का शोषण, महिलाओं पर जुल्म और रोजगार के मुद्दे को लेकर लोगों का समर्थन मिलता हुआ दिखाई पड़ रहा है। वहीं भाजपा प्रत्याशी को किसान आंदोलन खिलाड़ियों का आंदोलन, कर्मचारियों की ओपीएस पैंशन योजना, हल्के के लोगों से जुड़ाव कम होना, उनका पीए कल्चर सहित अनेक फैक्टर उन पर भारी पड़ते हुए देख रहे हैं। वहीं जस्सी पेटवाड़ की भी एक वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर चुनाव से पहले खूब वायरल हो रही है अब इन दोनों बातों में कितनी सच्चाई है और कितने झूठ है यह तो जनता जनार्दन अच्छी तरह से जानती है।
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