नई बहूओं की दिवानगी में पागल गांव के युवा
Love Story In Hindi :
एक छोटे से गांव में तीन भाई रहते थे। बड़े दोनों भाई ज्यादा पढ़े लिखे हुए नहीं थे । परंतु उन दिनों की शादी हुई तो पूरे गांव में रुक्का पाट गया। पाटे भी क्यों ना, बहू इतनी सुन्दर जो आई थी। वो दोनों भी सगी बहनें थीं। उनमें अपने काम दूसरों से करवाने की कसूती अदा थी। चाहे वो गेहूं की लामणी की बात हो या फिर घर में पशुओं की देखभाल करनी हो। उन दोनों बहूओं के जाल में गांव के कई छोरे फंस चुके थे। जो अपने घर में पानी का गिलास खुद लेकर नहीं पीते थे वो उनके पशुओं को पानी पिलाने तालाब पर लेकर पहुंच जाते।
कहानी की शुरुआत
गांव के एक छोटे से घर में अजय अपने दो छोटे भाइयों व माता पिता के साथ रहता था। अजय व उसके बाद वाले उसके छोटे भाई का रिश्ता हो गया। कुछ समय बाद दोनों की शादी भी हो गई। उस समय गांव की महिलाएं पानी लाने के लिए खेतों में एक हैंडपंप पर जाया करती। सुबह शाम हैंडपंप पर पानी लाने वाली नई नई बहूओं का जमघट लग जाता। इन्हें देखने के लिए गांव के युवा भी रास्ते में टोलियां बनाकर बैठ जाते थे।
रेखा और शीखा देखने में बहुत ही सुन्दर लगती थी। जब भी वो पानी लेकर युवाओं के पास से गुजरती तो युवक उन्हें पटाने के लिए बात मारते। कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा और युवक मासूम होकर चुपचाप रहने लगे। क्योंकि रेखा शीखा ने किसी को कोई भाव नहीं दिया था। परंतु युवकों का उन्हें ना देखना व उन दोनों बहनों को नजरअंदाज करना उन्हें पसन्द नहीं आया। क्योंकि युवकों ने उन पर कमेंट करना भी बंद कर दिया था। लेकिन वो चाहती थी कि सब उनकी तारीफ करें, लेकिन यह सिलसिला तो थम चुका था। अब क्या युवक फिर से लाइन मारने के लिए रेखा व शीखा के घर के बाहर खड़े हो जाएंगे । किस पर फिदा हो गई दोनों बहनें।
जब दोनों बहनों को गांव के किसी भी युवक ने नहीं देखा तो घर आकर उन्होंने इस बात को लेकर डिस्कशन किया। दोनों बहनों ने काफी सोच-विचार करने के बाद रणनीति बनाई। ताकि गांव के युवक फिर से उन्हें देखें। अगले दिन जब वो दोनों पानी लाने के लिए गई। जब वो युवकों के पास से गुजर रही थी तो उनमें से एक ने अपनी सलवार को थोड़ा सा ऊपर उठा लिया और फिर नीचे कर दिया। युवकों ने नोटिस नहीं किया। वापस आते समय उन दोनों बहनों ने ऐसी अद्दा दिखाई कि सब युवा उनके फिर से दिवाने हो गए।
दोनों बहनों की चाल कामयाब हो गई तो युवक भी उनको पटाने के लिए उनके घर के चक्कर काटने लगे। किसी ने उनके ज्यादा नजदीक जाने के लिए अजय से दोस्ती कर ली तो किसी ने छोटे भाई से। इस तरह से कुछ युवकों ने उनके घर में प्रवेश कर लिया। वो दोनों बहनें कभी किसी को अपनी पींडी दिखाते हुए लालच देती तो कभी किसी को। गांव के दर्जनों युवा उन दोनों बहूओं के दिवाने हो चुके थे और वो उनके लिए कुछ भी करने के लिए तैयार थे। कुछ युवक तो उनकी भैंसों को नहलाने व चारा तक खुद डालने लगे थे। ताकि उनमें से एक तो पट जाए।
कुछ समय से घर में आए इस बदलाव को उन बहूओं के सास ससुर ने नोट किया तो घर में तरह तरह की बातें होने लगी। लेकिन मानों घर में चल रहे डिस्कशन का उन दोनों बहनों पर कोई असर नहीं हुआ। तब तक उनके आशिकों की लाइन लंबी हो चुकी थी। घर से एक बाहर जाता तो दूसरा अंदर आ जाता। लेकिन अभी तक किसी की खुलकर बातचीत तक नहीं हुई थी और सबको डर संताने लगा था कि कहीं कोई ओर उससे पहले ना उन्हें पटा ले।
नोट: ये कहानी किसी व्यक्ति विशेष पर नहीं है, ये तो बस पुराने जमाने की याद आ गई तो थोड़ा सा अपने शब्दों में ब्यां कर दिया।
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