Layers of corruption case will be peeled off, documents will be scrutinized
नगर निगम हिसार की गृहकर बैलेंस सीट शून्य कर भ्रष्टाचार के मामले की जांच फिर ठंडे बस्ते से बाहर आने की उम्मीदें लगने लगी हैं। करीब 11 हजार बैलेंस सीट शून्य मामले में निगम अधिकारियों के बीच मंथन हुआ है। इस मामले से संबंधित कुछ कागजी कार्रवाई शुरू हो गई है। ऐसे में करीब 11 हजार बैलेंस सीट शून्य कर सरकार को करोड़ों का भ्रष्टाचार कर चूना लगाने के खेल की कुछ परतें उखड़ने की संभावनाएं बनती हुई नजर आ रही हैं।
एक तरफ जहां आठ साल बाद तक भ्रष्टाचार करने वाले जांच की आंच से बचे हुए हैं वहीं अब फिर से दस्तावेज खंगाले जाएंगे। इस बारे में अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है जबकि सूत्रों की मानें तो कागजी औपचारिकताएं शुरू हो गई है। जिससे नगर निगम में धांधली करने वाले अधिकारियों सहित अन्य की नींद हराम हो गई है।
ये है मामला : गृहकर के बकायेदारों की पांच हजार बैलेंस सीट को 15 सितंबर 2016 को निगम की ओर से निजी कंपनी को जारी पत्र के आधार पर शून्य कर भ्रष्टाचार किया गया। भ्रष्टाचार की पोल खुलने के बाद 22 जनवरी 2021 को निगम की मीटिंग में कमेटी का गठन कर जांच शुरू की गई। मीटिंग में निगम का तर्क है कि 4155 बैलेंस सीट चैक की। जिसमें 13 करोड़ 11 लाख 98 हजार 491 रुपये की रिकवरी बनती थी। कंपनी प्रतिनिधि को बुलाकर जांच बढ़ाई तो पता चला कि करीब 11 हजार बैलेंस सीट शून्य की गई। यानी मामला कहीं अधिक राशि का है। जिसकी जांच निवर्तमान सीनियर डिप्टी मेयर अनिल सैनी की अध्यक्षता वाली कमेटी को सौंपी थी। कार्यकाल समाप्ति के बाद जांच ठंडे बस्ते में चली गई।
मामले में जांच को लेकर बैठक होनी थी परंतु नहीं हुई। क्योंकि अभी तक जांच पूरी नहीं हुई। अनिल मानी, निवर्तमान – सीनियर डिप्टी मेयर, हिसार।
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