महापंचायत में धरने को खेड़ी चोपटा पर ही चलाने का हुआ फैसला, 29 फरवरी को लेंगे बड़ा निर्णय
खेड़ी चोपटा से जाने वाले सभी सड़क मार्गों पर लगाए बैरिकेट्स, पुलिस का कड़ा पहरा
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किसानों के धरने स्तर पर आंसू गैस के गोलों का धुआं उठता हुआ। |
नारनौंद, : खेड़ी चोपटा पक्का मोर्चा पर किसानों की महापंचायत हुई जिसमें 29 फरवरी तक धरना यही जारी रखने का फैसला हुआ। उसके बाद बड़ा फैसला लेकर आंदोलन को तेज किया जाएगा। सुरक्षा के लिहाज से धरने के चारों तरफ भारी पुलिस बल तैनात की गई है। सभी सड़क मार्गों पर बैरिकेट्स लगाकर नाकों पर भी पुलिस को तैनात किया गया। किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दी की बेवजह से परेशान ना किया जाए किसान शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। शुक्रवार की घटना के बाद किसानों में पुलिस के प्रति रोष बढ़ गया शुक्रवार को सुबह से ही खेड़ी चोपटा पर भारी पुलिस बल तैनात की गई है। पूरे दिन पुलिस अधीक्षक मकसूद अहमद खेड़ी चौकी में बैठकर पल-पल की खबर लेते रहे। पुलिस ने वाटर कैनन की गाड़ी भी चौकी के बाहर तैनात रखी।
पुलिस की गाड़ी पर की गई तोड़फोड़।
किसान नेता विकास सीसर, सुरेश कोथ, शमशेर नंबरदार इत्यादि ने बताया कि शांतिपूर्वक धरना दे रहे किसानों को पुलिस बेवजह से ही परेशान कर रही है। पुलिस के डीएसपी की वजह से शुक्रवार को पूरा घटनाक्रम हुआ जिसमें दर्जनों किसानों को चोट लगी हुई है। इसको लेकर धरने पर कमेटी की एक बैठक हुई जिसमें फैसला लिया कि धरने को सुचारू रूप से खेड़ी चोपटा पर ही चलाया जाएगा। किसान शांतिपूर्वक तरीके से अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं पुलिस के अधिकारी किसानों को बेवजह से परेशान ना करें ताकि कोई भी अप्रिय घटना ना घटे। बॉर्डर पर बैठे किसान नेताओं ने घोषणा की है कि 29 फरवरी तक किसान दिल्ली कुच नहीं करेंगे खेड़ी चोपटा धरने पर भी 29 फरवरी तक कहीं कुच नहीं किया जाएगा। उसके बाद किसान नेताओं का जो फैसला होगा उसके अनुसार मीटिंग करके किसान फैसला लेंगे। पुलिस प्रशासन भी संयम से काम करते किसान शांति पूर्वक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं क्षेत्र में किसी प्रकार की अशांति ना पहले इसके लिए किसानों को भी शांति बनाए रखने की अपील की गई है।
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धरने पर किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता। |
संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता इंदरजीत, दिलबाग हुड्डा, राजेंद्र, सतबीर लाडवा ने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों पर जो पथराव किया गया है। वह निंदनीय है। प्रदेश के मुख्यमंत्री को पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना चाहिए। सरकार किसान संगठनों में फूट डालना चाहती है लेकिन सभी किसान संगठन एकजुट है। सभी किसान संगठनों की एक ही मांग है और किसान इसको पूरा करवा कर ही घर लौटने का काम करेंगे।
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खेड़ी चोपटा पर तैनात किए गए पुलिसकर्मी। |
पुलिस प्रशासन की तरफ से करीब 450 पुलिसकर्मी खेड़ी चोपटा पर तैनात किए गए हैं। जो किसानों की पल-पल की घटना पर नजर बनाए हुए हैं। खेड़ी चोपटा से जाने वाले सभी सड़क मार्गों पर लोहे हुए पत्थर के बैरिकेट्स लगाए गए है और प्रत्येक नाके पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है। किसान यहां से कहीं आगे ना जा सके।
खेड़ी चोपटा से किसान खनोरी बॉर्डर पर कुच करने लगे तो पुलिस और किसानों में हुई मुठभेड़ दो डीएसपी सहित सैकड़ो पुलिसकर्मी और किसान घायल
पुलिस की गाड़ी और किसानों के ट्रैक्टर भी हुए क्षतीग्रस्त
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घायल किसान संदीप हॉस्पिटल में इलाज करवाते हुए। |
नारनौंद : किसान आंदोलन को लेकर किसानों ने खेड़ी चोपटा के मोर्चे से खनोरी बॉर्डर जाने का ऐलान किया हुआ था इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने पहले ही सभी रास्तों बैरिकेट्स लगाकर बंद कर दिया था। किसान जाने लगे तो पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गई। जिसमें दो डीएसपी, एसएचओ नारनौंद, खेड़ी चौकी प्रभारी समेत दर्जनों पुलिसकर्मियों सहित दर्जनों किसान भी गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए अलग अलग अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। माहौल में गर्मा गर्मी है। पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। पुलिस अधीक्षक मकसूद अहमद ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
पिछले 6 दिनों से किसान खेड़ी चोपटा पर पक्का मोर्चा लगाकर धरना दे रही थे। किसानों ने ऐलान किया था कि वह शुक्रवार को दो बजे खनोरी बॉर्डर के लिए कुच कर देंगे। किसानों के ऐलान के बाद पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हुए थे। भारी पुलिस बल तैनात किया गया था और सभी रास्तों पर बैरिकेट्स लगाकर बंद कर दिया गया। किसान धरने से खनोरी बॉर्डर की तरफ कूच करने लगे तो जींद बरवाला मार्ग पर ही पुलिस ने उनको रोकना चाहा जब किसान नहीं रुके तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया तो किसानों ने भी पुलिस पर पत्थर फैंकने शुरू कर दिए।
इस मुठभेड़ में डीएसपी रविंद्र सांगवान, डीएसपी राज सिंह लालका, थाना प्रभारी चंद्रभान समेत दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हो गए वहीं दूसरी ओर बयाना खेड़ा के किसान संदीप सहित अन्य किसानों को भी काफी छोटे आई हैं। सभी घायलों को अलग-अलग हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है। स्थिति बेकाबू होते देखकर पुलिस ने किसानों को खरीदने के लिए आंसू गैस के गोले चलाए तो किसान सड़क मार्ग से वापस धरना स्थल स्थल पर जमा हो गए। किसानों ने पुलिस की बस एक बोलेरो और फायर ब्रिगेड की गाड़ी पर तोड़फोड़ की वहीं पुलिस ने भी किसानों के ट्रैक्टरों की हवा निकाल कर हवा भरने वाली बॉल को तोड़ दिया। पुलिस ने किसान नेता सुरेश कोथ, कुलदीप खरड़ समेत दर्जनों किसानों को हिरासत में लिया है।
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