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जींद फर्जी वीजा घोटाला: 15 लाख रुपये की ठगी, पीड़ितों को धमकियां

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Jind fake visa scam: Rs 15 lakh duped

Jind Haryana News : हरियाणा के जींद जिले में एक बड़ा फर्जी वीजा घोटाला सामने आया है, जिसमें एक परिवार ने 15 लाख रुपये की ठगी का शिकार होने का आरोप लगाया है। पीड़ितों का कहना है कि चंडीगढ़ की एक कंपनी ई.एस.एस. ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों ने उनसे पैसे लेकर फर्जी वीजा जारी किया। जब उन्होंने इस धोखाधड़ी का विरोध किया, तो उन्हें धमकियां दी गईं और अपशब्द कहे गए।

आज के समय में विदेश जाने का सपना हर युवा देखता है, लेकिन जब कोई इस सपने को साकार करने के लिए मेहनत से कमाई गई पूंजी लगाता है और फिर ठगी का शिकार हो जाता है, तो यह बेहद दुखद होता है। इसी प्रकार जींद जिले के अमन पुत्र श्री मेहर सिंह और उनकी पत्नी निशा के साथ हुआ, जिन्होंने विदेश यात्रा के लिए वीजा बनवाने हेतु चंडीगढ़ स्थित ई.एस.एस. ग्लोबल प्रा. लि. के वीजा काउंसलर जसप्रीत सिंह और अन्य सहयोगियों को 15 लाख रुपये का भुगतान किया था।

कैसे हुई ठगी?

अमन और निशा ने अपने सपने को पूरा करने के लिए जसप्रीत सिंह और उनकी टीम पर भरोसा किया और अपने पासपोर्ट नंबर X4567860 और V4148534 के लिए वीजा प्राप्त करने हेतु राशि दी।

  • 4.75 लाख रुपये यूपीआई के जरिए ट्रांसफर किए गए।
  • 10.25 लाख रुपये नकद दिए गए।
  • यह राशि पासपोर्ट पर सही तरीके से वीजा लगाने के लिए ली गई थी।

कुछ समय बाद जब उन्होंने अपने दस्तावेजों की जांच करवाई, तो यह सामने आया कि उन्हें जो वीजा दिया गया है, वह नकली और फर्जी है। यह सुनकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।

पीड़ितों को दिया गया झूठा आश्वासन

जब अमन और निशा को इस धोखाधड़ी के बारे में पता चला, तो उन्होंने तुरंत जसप्रीत सिंह और उसकी टीम से संपर्क किया। शुरुआत में उन्होंने इस गलती को स्वीकारने से इनकार कर दिया, लेकिन जब पीड़ितों ने पुलिस में जाने की धमकी दी, तो उन्हें झूठा आश्वासन दिया गया कि 10 दिसंबर 2024 तक उनकी पूरी राशि लौटा दी जाएगी।

लेकिन 10 दिसंबर बीतने के बावजूद भी कोई पैसा वापस नहीं किया गया और न ही उनके ओरिजनल दस्तावेज लौटाए गए। इसके बाद जब पीड़ितों ने दोबारा संपर्क किया, तो उन्हें धमकियां मिलने लगीं।

धमकियां और बदसलूकी

जब अमन और निशा ने जसप्रीत सिंह और उसके साथियों से पैसे वापस मांगे, तो उन्हें बार-बार अलग-अलग नंबरों से धमकियां मिलने लगीं। पीड़ितों ने इन नंबरों को साझा किया:

  • 8360806265
  • 7206690017

इन नंबरों से उन्हें जान से मारने की धमकियां दी गईं और साथ ही अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया।

सिक्योरिटी के नाम पर गाड़ी की चाबी रखी, फिर चोरी से उठा ले गया गाड़ी

इस पूरे मामले में एक और हैरान कर देने वाला मोड़ तब आया जब जसप्रीत सिंह ने अमन और निशा के घर आकर चाय-नाश्ता किया और सिक्योरिटी के तौर पर गाड़ी नंबर PB65BG4108 की चाबी देकर आश्वासन दिया कि वह जल्द ही पैसे लौटा देगा।

लेकिन बाद में उसी रात 01:00 बजे, उसने दूसरी चाबी से गाड़ी लेकर फरार हो गया। हालांकि, दूसरी चाबी अब भी पीड़ितों के पास मौजूद है।

कंपनी के नाम पर चल रहा था बड़ा फर्जीवाड़ा

ई.एस.एस. ग्लोबल प्रा. लि. एक नामी कंपनी होने का दावा करती है, लेकिन इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि इसके कर्मचारी लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठग रहे हैं।

  • 24 मई 2024 को जसप्रीत सिंह ने अमन और निशा से फाइल प्रोसेसिंग के नाम पर 10,000 रुपये भी जमा करवाए थे।
  • इसके बाद अलग-अलग बहानों से और अधिक पैसे मांगे गए।
  • लेकिन जब वीजा देने की बारी आई, तो उन्हें नकली दस्तावेज सौंप दिए गए।

फर्जी वीजा घोटाले का बढ़ता जाल

भारत में हर साल हजारों युवा विदेश जाने की कोशिश करते हैं, जिनमें से कई लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। वीजा घोटाले का यह मामला इस बात का सबूत है कि कैसे फर्जी एजेंट भोले-भाले लोगों को ठग रहे हैं।

इस तरह के फर्जी मामलों में अक्सर निम्नलिखित तरीके अपनाए जाते हैं:

  1. सस्ते और जल्दी वीजा का झांसा देना।
  2. नकली दस्तावेज तैयार करना।
  3. लोगों को नकली आश्वासन देना कि वे जल्द ही विदेश जा सकेंगे।
  4. पैसे लेने के बाद संपर्क तोड़ देना।
  5. जब कोई विरोध करता है, तो उसे धमकाना।

पुलिस से की गई शिकायत

इस ठगी के बाद अमन और निशा ने सदर थाना, जींद में शिकायत दर्ज कराई और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। शिकायत में उन्होंने विस्तार से बताया कि किस तरह उनके साथ धोखाधड़ी की गई और जान से मारने की धमकी दी गई।

उन्होंने पुलिस से मांग की कि:

  • उनकी राशि वापस दिलवाई जाए।
  • फर्जी वीजा देने वालों को गिरफ्तार किया जाए।
  • इस तरह के अन्य फर्जी एजेंटों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।

पुलिस का क्या कहना है?

इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि:

  • सभी बैंक ट्रांजैक्शन और नकद लेन-देन की जांच की जाएगी।
  • आरोपियों के कॉल रिकॉर्ड और धमकी भरे मैसेजों की जांच होगी।
  • यदि आरोप साबित होते हैं, तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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