HAU driver son Vikas’s death case :
एचएयू चालक के बेटे विकास की मौत मामले में आरोपियों को बचा रहा पुलिस प्रशासन
विकास की मां के साथ पत्रकारों से बातचीत करते मनोज राठी। |
एएसपी की जांच में दोषी पाने व केस दर्ज करने के बावजूद कैंसिल कर दी एफआईआर-
हरियाणा न्यूज हिसार: आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज राठी ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक दबाव के तहत पुलिस प्रशासन एचएयू में चालक पद पर कार्यरत सुनील हुड्डा के बेटे विकास की मौत के जिम्मेवार लोगों को बचाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि डिप्रेशन से हुई मौत के इस मामले में पुलिस व एचएयू के कुछ अधिकारी जिम्मेवार है और पीड़ित परिवार पांच साल से न्याय के लिए दर—दर की ठोकरें खा रहा है।
अपने कार्यालय में मृतक विकास हुड्डा की माता के साथ पत्रकारों से बातचीत करते हुए मनोज राठी ने पुलिस प्रशासन पर जमकर गंभीर आरोप लगाए वहीं राज्य के डिप्टी सीएम पर भी इस मामले में आरोपियों को बचाने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह मामला एचएयू के एक चालक के बेटे विकास का है। उसको एक बड़े षड्यंत्र के तहत एक चोरी के झूठे केस में फंसाया और फिर मरने पर मजबूर किया। विकास एक वकील था, उसकी स्कूटी पर यूनिवर्सिटी का एंट्री गेट नहीं लगे होने के कारण इस बात को लेकर एक अधिकारी से झगड़ा हो गया था। उस अधिकारी ने एक षड्यंत्र रचा। इसी दौरान एचएयू के कर्मचारी की एक गाड़ी चोरी हो गई। उस गाड़ी चोरी का आरोप विकास पर लगाया जबकि एचएयू में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। आज तक एक भी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज सामने नहीं आई। उस अधिकारी ने पुलिस चौकी के अधिकारियों से सेटिंग कर यह आरोप विकास पर लगवा दिया और विकास को पुलिस से उठवा दिया।
मनोज राठी ने कहा कि विकास की मौत मामले में उसके पिताजी को पता चला कि इसके पीटने से व एक बड़े षड्यंत्र के कारण उसका बेटा मरा है, तो उसने पुलिस से इस केस की जांच करने के बारे में लिखा। फिर एक दरखास्त विकास के पिता ने सीएम विंडो पर लगाई और आखिर में 6 अगस्त 2021 को पुलिस अधिकारियों ने दो पुलिस अधिकारियों को दोषी मानते हुए और एक मुकदमा दर्ज किया जिसमें धाराएं 166ए, 193, 196, 220, 342 व 120बी जोड़ी गई। फिर इसकी जांच एएसपी फतेहाबाद की ओर से की गई और इन पुलिस अधिकारियों को दोषी माना गया लेकिन इन लोगों ने एक बड़े नेता को माल पानी देकर डीएसपी से दोबारा जांच करवा कर इस मामले को कैंसिल करवाया। फिर विकास के पिता हाईकोर्ट गए, हाईकोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन एडीजीपी श्रीकांत यादव, एसपी व डीएसपी को हाईकोर्ट में तलब किया। इनको फटकार लगाते हुए पूछा कि उन्होंने इस केस को कैसे रद्द किया।
हरियाणा न्यूज पर खबर और विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें: – हैड आफिस इंचार्ज, सुनील कोहाड़ पत्रकार, हिसार। हरियाणा , 7015156567
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