How to plant lemon and guava garden : नींबू व अमरूद का बगीचा कैसे लगाएं ; बाग लगाने से होगी बंपर कमाई / Haryana News Today
How to plant lemon and guava garden : नींबू व अमरूद का बगीचा कैसे लगाएं ; बाग लगाने से होगी बंपर कमाई

How to plant lemon and guava garden : नींबू व अमरूद का बगीचा कैसे लगाएं ; बाग लगाने से होगी बंपर कमाई

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How to plant lemon and guava garden; planting garden will bring bumper income

नींबू व अमरूद का बाग लगाने पर मिलेगा विशेष अनुदान

अगर आप भी अपने खेत में अमरूद या नींबू का बाग लगाने की सोच रहे हैं तो आप सही सोच रहे हैं क्योंकि अमरूद और नींबू का बाग से होने वाली कमाई बंपर कमाई होने वाली है। नींबू और अमरूद का बाग लगाने पर सरकार द्वारा भी किसने को अनुदान देकर आर्थिक सहायता की जा रही है। अमरूद व नींबू का बाग लगाने की एक विशेष विधि है और उनकी कई किस्में उपलब्ध है। आप अपने खेत की मिट्टी और पानी की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए बागवानी विभाग के अधिकारियों से विचार विमर्श कर अपने खेत में बागवानी की खेती कर सकते हैं।


हरियाणा में परंपरागत खेती के जोखिमों को कम करने व फसल विविधिकरण के तहत खेती कर रहे किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए बागवानी विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के बाग लगाने के लिए किसानो को अनुदान राशि दी जा रही है।

हिसार के जिला उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि अनुदान योजना के तहत जिले में नींबू, वर्गीय फल व अमरूद का बाग लगाने वाले किसानों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बागवानी के क्षेत्र को बढ़ाने के लिये विशेष अनुदान योजना लागू की गई है। बागों के लिए (अमरूद, नींबू वर्गीय स्ट्राबेरी आदि) 43 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान राशि का प्रोत्साहन है। एम.आई.डी.एच. स्कीम की गाईड लाईन के तहत पहले साल 23 हजार रुपये व दूसरे व तीसरे साल 10-10 हजार रुपये रख रखाव के लिये अनुदान राशि के रूप में दिए जाएंगे।


उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि बागवानी के लिये किसान पौधे मान्यता प्राप्त नर्सरी व विभाग के उत्कृष्टता केन्द्र व नर्सरीयों से ले सकते हैं। एनएचबी मान्यता प्राप्त नर्सरी की लिस्ट www.nhb.gov.in से प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बताया कि विभागीय स्कीमो का लाभ लेने के लिये किसानो को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर बागवानी फसलो का पंजीकरण करना अनिवार्य है।

बागवानी स्कीम का लाभ उठाने के लिये विभागीय पोर्टल https://hortnet.gov.in पर पंजीकरण व पूर्ण दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। आनलाईन पंजीकरण के माध्यम से पहले आओ व पहले पाओ के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना के तहत एक किसान अधिकतम 10 एकड़ तक अनुदान का लाभ ले सकता है।


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