Hisar Breaking News: Neither DJ will be played in weddings nor funeral feasts will be held, Panchayat took the decision
पंचायत ने शादी में डीजे न बजाने व मृत्यु भोज न करने का खैरी पंचायत ने लिया निर्णय
Hisar News Today : अब ना शादी में डीजे बजेगा और ना ही किसी की मृत्यु होने पर भोजन परोसा जाएगा। क्योंकि शादी में डीजे पर आए दिन लड़ाई झगड़ा दंगे फसाद सामने आते हैं जिसके कारण आपसी भाईचारा तो बिगड़ा ही है और कई बार ऐसी वारदातें हो जाते हैं जिसे सुलझा पाना बड़ा मुश्किल हो जाता है। इससे युवाओं में एक दूसरे के प्रति दुश्मनी बढ़ती जाती है। वही मृत्यु के बाद लड्डू बनाना कढ़ाई चढ़ाकर भोजन का प्रबंध करना यह भी आज से ही बंद करने का पंचायत ने फैसला लिया है।
अब खैरी गांव में शादी समारोह में नहीं बजेगा डीजे
उकलाना हल्के के गांव खैरी में आयोजित पंचायत में फैसला लिया है कि शादी या खुशी के दूसरे मौकों पर डीजे नहीं बजाएंगे। साथ ही मृत्यु भोज पर भी रोक लगा दी है। गांव में लोग शादी समारोह में तेल बान की रस्में शुरू होते ही डीजे बजाने लग जाते हैं, जिससे दूसरे लोगों को दिक्कतों को सामना करना पड़ता है, इसे देखते हुए पंचायत ने ऐसा फैसला किया है कि अब किसी के भी घर शादी में डीजे नहीं बजेगा। इसके अलावा पंचायत ने मृत्युभोज पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
शादी में एक सप्ताह पहले डीजे बजाने का प्रचलन शुरू होने से लोग परेशान
उकलाना क्षेत्र के गांव खैरी में रविवार को ग्रामीणों की बैठक पूर्व पंच माटा राम की अध्यक्षता में हुई। जिसमें गांव में आज से ही DJ Sound बजाने तथा मृत्यु भोज देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का सर्वसम्मति से फैसला लिया गया तथा इस फैसले की अवहेलना करने पर जुर्माना लगाने की भी घोषणा की गई है। सभा के अध्यक्ष पूर्व पंच माटा राम व नरेंद्र खैरी ने बताया कि आज गांव में जो शादी समारोह होते हैं उनमें पूरी-पूरी रात तेज आवाज में डीजे बजाया जाता है। यहां तक की अब तो यह चलन बन चुका है कि शादी से एक सप्ताह पहले से ही घरों में डीजे बजाना शुरू हो जाता है। जिस कारण सभी ग्रामीण परेशान हो जाते हैं।
कर्ज लेकर मृत्यु भोज करने को मजबूर लोग
वहीं गांव में किसी बुजुर्ग की मृत्यु होने पर ग्रामीणों द्वारा मृत्यु भोज दिया जाता है। जिसका अब प्रचलन ज्यादा हो गया है। परिवार में शोक में होता है और उसके बावजूद सामाजिक मजबूरी के चलते परिवार को यह मृत्यु भोज करना पड़ता है।जोकि किसी भी प्रकार से सही नहीं है। कई बार तो हालात ये होते हैं कि जिस परिवार में बुजुर्ग की मौत होती है उसकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर होती है लेकिन सामाजिकता के नाते उसे मजबूरन कर्ज उठाकर मृत्यु भोज देना पड़ता है। जो किसी भी मायने से सही नहीं है। इस पर विचार विमर्श करने के बाद ग्रामीणों द्वारा आज से ही गांव खैरी में मृत्यु भोज देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
पंचायत के फैसले की अवहेलना करने वाले को लगाया जाएगा ₹11000 का जमाना
ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि अगर कोई व्यक्ति आज से गांव में डीजे बजाता है या मृत्यु भोज देता है तो उसके ऊपर ग्रामीणों की ओर से 11 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं ग्रामीणों ने बढ़ते नशे को लेकर चिंता जताई। नशे के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए ग्रामीणों ने इस पंचायत में चिंता जताई और इस मौके पर नारकोटिक्स विभाग की ओर से जारी किया का नंबर सभी ग्रामीणों को बताया गया।
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