Hisar Breaking News: MLA Jindal performed Bhoomi Pujan for the installation of Siddha Mahamrityunjay Yantra
विश्व के सबसे बड़े मेरु पृष्ठाकार सिद्ध महामृत्युंजय यन्त्र होगा स्थापित
Hisar News Today : हिसार की विधायक सावित्री जिंदल ने कहा कि यह केवल हिसार ही नहीं बल्कि हरियाणा प्रदेश व समस्त भारत देश के लिए गौरव का विषय है कि मैयड़ में विश्व के सबसे बड़े व पहले सिद्ध महामृत्युंजय यन्त्र के त्रिआयामी मेरु पृष्ठाकार स्वरूप की स्थापना होने जा रही है।
विख्यात उद्योगपति एवं विधायक सावित्री जिंदल वे शहर से सटे मय्यड़ स्थित अंतर्राष्ट्रीय सिद्ध महामृत्युंजय व ज्योतिष एवं योग अनुसन्धान केंद्र में बनने जा रहे 52 फुट बाई 52 फुट के सिद्ध महामृत्युंजय यन्त्र की स्थापना हेतु भूमि पूजन करने पहुंची। इस अवसर पर अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली मातृशक्ति को नारी शक्ति सम्मान अवार्ड देकर सम्मानित भी किया गया।
समारोह की अध्यक्षता सिद्ध महामृत्युंजय संस्थान की नवनियुक्त चेयर पर्सन एवं अंतर्राष्ट्रीय स्पिरिच्युअल हीलर सदगुरु माँ ऊषा ने की। इस अवसर पर वल्र्ड क्लाईमेट चेंज फाउंडेशन के इंटरनेशनल ब्रांड अम्बेसडर विक्रांत सिंह भी विशेष तौर पर मौजूद रहे। एमएलए सावित्री जिंदल ने कहा कि इस स्थान की सकारात्मक ऊर्जा को देख कर उन्हें लगता है कि आने वाले समय में यह सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र बहुत बड़े तीर्थ का रूप लेगा और देश-विदेश से श्रद्धालु यहाँ पूजा, अनुष्ठान, दर्शन व साधना के लिए पहुंचेंगे।
संस्थान की नवनियुक्त चेयरपर्सन सदगुरु ऊषा ने अपने सम्बोधन में कहा कि महामृत्युंजय साधना व पर्यावरण के लिए अपना जीवन आहूत करने वाले संस्थान के संस्थापक योगी स्वामी सहजानंद का संकल्प था कि हिसार में सरस्वती नदी के स्थान पर विश्व का सबसे बड़ा महामृत्युंजय यंत्र बनना चाहिए। क्योंकि यह वो स्थान है जहां पिछले 26 सालों से लगातार प्रतिदिन अनवरत रुद्राभिषेक चलते हैं। यहाँ लाखों की संख्या में महामृत्युंजय अनुष्ठान हुए हैं और करोड़ों महामृत्युंजय मन्त्रों का अभी तक जाप हो चुका है। रूद्र और महारूद्र यज्ञ हुए हैं इसलिए सकारात्मकता के प्रतीक आलौकिकता से परिपूर्ण इस महादिव्य सुसिद्ध यंत्र की स्थापना से आसपास के समस्त क्षेत्र का आलौकिक होना तय है।
गुरु मां ऊषा ने बताया कि वे स्वयं जिन माँ बगलामुखी की उपासक हैं उन माँ के इष्ट भी भगवान महामृत्युंजय हैं, इसलिए संस्थान की चेयर पर्सन के रूप में यंत्र स्थापना के कार्य से जुडऩा उनके लिए गौरव व असीम आनंद का विषय है।
उन्होंने कहा कि सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र से सनातन संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। हमारे सभी वेद शास्त्रों में महामृत्युंजय यंत्र को अकाल मृत्यु, दुर्घटना, नकारात्मकता, भय व दुर्भाग्य को समाप्त करने वाला बताया गया है। अपनी असीम सकारात्मक ऊर्जा के चलते सिद्ध यंत्र के दर्शन व परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं के दुर्भाग्य का नाश होकर उन्हें लाभ होना निश्चित है। उन्होंने बताया कि सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र के अंदर मैडिटेशन हॉल भी बनाया जाएगा। इसके साथ ही इच्छुक साधक यहाँ महामृत्युंजय साधना भी कर सकेंगे।
गुरु मां ऊषा ने बताया कि विश्व का यह पहला सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र अध्यात्म और पर्यावरण संरक्षण के संगम भी मिसाल बनेगा। सद्गुरु माँ ने कहा वर्तमान परिवेश में मनुष्य बाहय के साथ-साथ मानसिक प्रदूषण से भी पीडि़ है। मानसिक प्रदूषण के कारण ही वह ऐसे कृत्य करता है जिससे बाहय वातावरण में भी प्रदूषण बढ़ता है। कोई भी तीर्थ या सिद्ध स्थल सकरात्मकता को उत्पन्न करता है।
हिसार के बाद देश के अलग-अलग राज्यों और दुनिया के अलग-अलग देशों में भी इसी प्रकार सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र स्थापित किए जाएंगे ताकि लोगों के मानसिक प्रदूषण को समाप्त कर बाहय वातावरण को शुद्ध रखने में मदद मिल सके। सद्गुरु ऊषा मां ने कहा कि महामृत्युंजय संस्थान दुनिया का पहला व एकमात्र ऐसा संस्थान है जो उसके पास किसी भी रूप में आने वाली अपनी समस्त अनुदान राशि को वृक्षारोपण के लिए खर्च करता है। हिसार में बनने वाले इस सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र पर आने वाली सभी दान अथवा अनुदान राशि को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण पर ही खर्च किया जाएगा।
इस अवसर पर गोमती स्कूल की प्रिंसिपल मीना शर्मा, अंतर्राष्ट्रीय सितार वादक डॉ. रेनुका गंभीर, डॉ. बबली चाहर, चेतना कौशिक, डेजी अहलावत, पूनम जोहरा, अर्चना ठकराल, अनुराधा खरे, मोनिका जौहर, सुप्रिया, डॉ. प्रीती, सुमन निम्बल, बबीता गौड़, राधिका चुघ, प्रतिभा शर्मा आदि को नारी शक्ति अवार्ड से श्रीमती सावित्री जिंदल ने सम्मानित किया।
Discover more from Haryana News Today
Subscribe to get the latest posts sent to your email.