हरियाणा का छोरा बना ऑस्ट्रेलिया में डॉक्टर, बाबू लगातार दो योजना से है काउंसलर / Haryana News Today
हरियाणा का छोरा बना ऑस्ट्रेलिया में डॉक्टर, बाबू लगातार दो योजना से है काउंसलर

हरियाणा का छोरा बना ऑस्ट्रेलिया में डॉक्टर, बाबू लगातार दो योजना से है काउंसलर

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Haryana’s boy becomes a doctor in Australia, Babu is a counselor for two consecutive schemes

कौन कहता है आसमाँ में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों, यहीं चरितार्थ कर दिखाया है ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड शहर में रह रहे जीन्द ज़िले के गाँव जाजवान निवासी सुरेंद्र चहल और उनके बेटे निशान चहल ने।  साउथ ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो बार काउन्सिलर का चुनाव जीतने वाले पहले भारतीय सुरेंद्र चहल के बड़े बेटे निशान चहल ने लगातार छह साल फ़्लिंडर्स विश्वविध्दालय से High Distinction (उच्च विशिष्टता) के साथ Bachelor of Clinical Sciences and Doctor of Medicine कि डिग्री हासिल की है । इस दौरान निशान को लगातार छह साल छात्रवृति प्राप्त हुई यानी उसकी कुल फ़ीस का 90% माफ हुआ जो तक़रीबन 2 करोड़ रुपये फ़ीस बनती है।

निशान को डिग्री मिलने से एक महीना पहले ही साउथ ऑस्ट्रेलिया स्वास्थ्य विभाग द्वारा  फ़्लिंडर्स पब्लिक हॉस्पिटल में बतौर डॉक्टर जॉब का नियुक्ति पत्र मिल चुका है, जहाँ वो बतौर डॉक्टर 6 जनवरी से कार्य प्रारंभ करेगा। निशान ने अपनी ज़्यादातर प्लेसमेंट इसी हॉस्पिटल से कम्पलीट कि है । इसके साथ ही सिटी ऑफ़ वेस्ट टोरेंस मेघावी छात्रों को दी जाने वाली MAX AND BETTE MENDELSON FOUNDATION द्वारा Mendelson Scholar के ख़िताब से लगातार चार साल नवाज़ा गया जिसमें उसको हर साल चार हज़ार डॉलर (तक़रीबन 10 लाख रुपये) और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया ।

ऑस्ट्रेलिया में रह रहे 10 लाख से अधिक भारतीयों में सुरेंद्र चहल का परिवार (धर्मपत्नी नीलम चहल, बेटे डॉ निशान चहल और छौटा बेटा समर्थ चहल) पहला भारतीय परिवार है जिसमें बाबू-बेटा काउंसिलर और डॉक्टर हैं । ग़ौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया में सबसे होनहार ज़्यादातर बच्चों का सबसे बड़ा सपना डॉक्टर बनना होता है और इसी कोर्स में सबसे ज़्यादा मैरिट (More than 99%) वालों का ही दाख़िला संभव है । ठीक उसी तरह जिस तरह भारत में हर बच्चे का सबसे बड़ा सपना I.A.S. बनना होता है। पिछले छः साल में निशान चहल भारतीय समुदाय के साथ-साथ दूसरे समुदायों के 500 से अधिक बच्चों कि निःशुल्क सेमिनारों एवम् व्यक्तिगत तौर पर सब्जेक्ट काउंसिलिंग में मदद कर चुका है जिसमें बहुत से बच्चों को विषय चुनने में कोई दिक़्क़त नहीं आई और आज तक बहुत सारे बच्चे उसके परामर्श से लाभान्वित हो चुके हैं।

चहल ने इस उपलब्धि के लिए जी-तोड़ मेहनत, ईमानदारी, परिवार का आपसी ताल-मेल और अपने लक्ष्य पर अडिग रहना बताया ! चहल कि इस उपलब्धि पर सिटी ऑफ़ वेस्ट टॉरेंस के मेयर माइकल कॉक्सन, काउंसिलर जॉर्ज डेमेट्रीयो, काउंसिलर लाना गैलोनेजी, एडिलेड से सांसद स्टीव जीओरजानास, रसेल वॉर्टली मेम्बर लेजिस्लेटिव काउंसिल, रिटाइर्ड राज्य सभा सदस्य लेफ़्टिनेंट जरनल रिटायर्ड डॉ डी.पी.वत्स, आयुक्त जगदीप सिंह आई.ए.एस, जयवन्ती शियोकंद आई.ए.एस, के साथ -साथ बहुत सारे गणमान्य हस्तियों ने शुभकामनाएं दी। 

इसके साथ ही आज हमारे एडिलेड से सांसद होनरेबल स्टीव जौरजानास ने अपने कार्यालय में निशान को उपहार देकर सम्मानित किया। भारतीय समुदाय के लोगों में चहल परिवार कि इस उपलब्धि पर ख़ुशी का माहौल है और बधाई देने वालों का ताँता लगा हुआ है। निशान चहल के दादा अजायब सिंह चहल वेटेरन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर 30 से अधिक पदक प्राप्त कर चुके हैं।

17 साल पहले जब मैंने कड़वे मन के साथ अपनी जन्मभूमि को छोड़ने का फ़ैसला किया और ऑस्ट्रेलिया कि उड़ान भरी तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था की सात समुंदर पार जाकर मेरा परिवार ये मुक़ाम हासिल कर पाएगा। आज मैं प्रफुल्लित हृदय के साथ कह सकता हूँ कि वो निर्णय मेरी ज़िंदगी का सबसे अहम निर्णय था ! कर्मभूमि ने अब तक जो दिया उम्मीद से बहुत ज़्यादा दिया और अब जो भी हासिल होगा वो अब बोनस ही होगा । 


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