Haryana Paryatak Sthal : big mystery can be solved from the script written on the seal found during Rakhigarhi excavation
पहले मिली दर्जनों सील से अलग है यह सील
![]() |
राखी गढ़ी के टीलें पर खोदाई में मिली सील।
|
हरियाणा न्यूज टूडे / सुनील कोहाड़।
नारनौंद की खबर: राखी गढ़ी में हो रही खोदाई से आठ हजार वर्ष पुरानी हड़प्पा कालीन सभ्यता के रहस्य उजागर रहे हैं। खोदाई के दौरान टीले पर एक सील मिली है। सील पर जो लिपि अंकित है। उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जो विद्वान इस लिपि को पढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हें काफी मदद मिलेगी। क्योंकि सील खोदाई में पूरी मिली है और उसे पर जो लिपि अंकित है वह स्पष्ट तरीके से दिखाई दे रही है। सील पर एक पशु का चित्र भी उकेरा गया है। वह लोग सील का प्रयोग व्यापारिक गतिविधियों के लिए करते थे। ( Indus valley civilization site in rakhigadhi)
![]() |
राखी गढ़ी में खोदाई के दौरान मिली हुई सील। |
राखी गढ़ी के टीलें एक पर खोदाई के दौरान सील पाई गई है। जिस पर उस समय की लिपि और एक पशु का चित्र बिल्कुल साफ तरीके से दिखाई देता है। वैसे तो अलग-अलग सीजन के दौरान दर्जनों सील मिल चुकी है लेकिन काफी सारी सील टूटी हुई पाई गई थी। जिनकी कड़ी जोड़ने के लिए काफी प्रयास किया जा रहे हैं। अबकी बार मिली ये सिल पूरी तरह से ठीक है। सील के सभी किनारे स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। और इस पर एक हुक भी लगा हुआ है। शायद उसे समय की यह एक महत्वपूर्ण सील हो हुक में कोई चीज डालकर इसको गले में डाला जाता होगा ताकि इसको संभाल कर रखा जा सके। पहले जो सील अब तक मिल चुकी है। उन पर भी अलग-अलग प्रकार के पशु व मानव के चित्र अंकित हैं। खोदाई के दौरान मिली सील, पाटरी, बड़े बर्तन, मिट्टी पर छाप इत्यादि काफी जगह पर उसे समय की लिपि लिखी हुई मिली है। लेकिन अब तक उसको पढ़ा नहीं जा सका। इस सील पर लिखी लिपि से विद्वानों की कड़ी जुड़ गई तो बड़ी सफलता मिलेगी और काफी रहस्य से और भी पर्दा उठ सकेगा। ( Harappan sabhyata ke gaon )
सील को सबसे पहले बड़ी बारीकी से एसीटोन केमिकल से साफ किया जाएगा। यह सील करीब दो इंच लंबी और दो इंच चौड़ी हैं। इसको बनाने के लिए चुना व पत्थर का प्रयोग भी किया गया है। सील पर जो पशु का चित्र बनाया गया है उसके काफी लंबे सींग है।
सील का प्रयोग वो लोग व्यापारिक गतिविधियों के लिए करते थे क्योंकि टीलों पर मिले मनके इसका पुख्ता प्रमाण है। क्योंकि यहां पर पत्थर होने का अब तक कोई भी प्रमाण नहीं मिला है। और खुदाई की दौरान यहां पर काफी मनके मिल चुके हैं। यहां पर खेती-बाड़ी बड़े पैमाने पर होती थी और वह लोग इसका भी दूसरी जगह व्यापार करते थे। जिसमें सिल का इस्तेमाल किया जाता होगा।
वह लोग सेल का प्रयोग व्यापारिक गतिविधियों के लिए करते थे इसके प्रमाण मिल चुके हैं। जो सील मिली है इस पर लिखी लिपि से विद्वानों को पढ़ने में काफी सहायता मिल सकती है। लेकिन अब तक उसे समय की लिपि को कोई भी विद्वान नहीं पढ़ पाया है।
संजय कुमार मंजुल अपर महानिदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, नई दिल्ली
अन्य जिलों की खबरें पढ़ने के लिए नीचे जिला वार पेज के लिंक दिए गए हैं उन लिंक पर क्लिक करें और शेयर करें:_
Hisar News Today, Jind News Today, Rohtak News Today, Haryana News Today, Fatehabad News Today, Bhiwani News Today, Jhajjar News Today, Panipat News Today, Karnal News Today, Kurukshetra News Today, Yamunanagar News Today, Ambala News Today, Panchkula News Today, Kaithal News Today, Gurgaon News Today, Faridabad News Today, Palwal News Today, Rewari News Today, Charkhi Dadri News Today ,
Share this content:
Discover more from KPS Haryana News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.