Haryana News Today: Fishes died in the pond, people are in bad condition due to foul smell
लोगों ने जोहड़ पर नहीं मवेशियों को ले जाना किया बंद
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जोहड़ किनारे मरीं मछलियां। (ग्रामीण) |
हरियाणा न्यूज/ओढां, राजू : हरियाणा के सिरसा जिले के गांव जलालआना में आबादी के बीच स्थित जोहड़ में अज्ञात कारणों के चलते मरी मछलियों के कारण लोगों का बुरा हाल हो गया है। आस-पड़ोस के लोगों ने बताया कि एक तो फैली दुर्गंध के चलते उनका घरों में रहना दुश्वार हो गया है तो वहीं आवारा कुत्ते भी किनारे से मछलियों को उठाकर इधर-उधर घूम रहे हैं। इस गांव का इतिहास डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ है।
ग्रामीण गुरदीप सिंह, सेवक सिंह, अमरजीत सिंह, लखवीर सिंह, होशियार सिंह, गुरमेज सिंह, अमृतपाल व जगसीर सिंह आदि ने बताया कि बीते रविवार सुबह से अज्ञात कारणों के चलते जोहड़ की मछलियां मरनी शुरू हो गईं थी। देर सायं जोहड़ की सभी मछलियां मरकर किनारे पर आ गईं। जिसके चलते दुर्गंध फैल गई। ऐसे में आस-पड़ोस के घरों में लोगों को खाना खाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं जोहड़ के साथ सटे स्कूल में भी विद्यार्थियों व अध्यापकों को दिनभर दुर्गंध में रहना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में 2 जोहड़ हैं। जिसमें से एक की खुदाई चल रही है। ऐसे मेें उक्त जोहड़ ही मवेशियों के लिए पानी पिलाने हेतु बचा है। लेकिन इस जोहड़ में मछलियां मरने के चलते अपने मवेशियों को इस जोहड़ पर ला भी नहीं सकते। लोगों ने कहा कि गंदे पानी व मछलियों की दुर्गंध के चलते आम लोगों के साथ-साथ पशुओं को भी बीमार होने का खतरा है। वहीं लोग इस समस्या को लेकर ग्राम सरपंच के पास भी गए।
ग्राम सरपंच अंग्रेज सिंह ने कहा कि ठेकेदार का पिछले करीब 3-4 माह से ठेका खत्म हो गया है। लोग मछलियां मरने की समस्या को लेकर उनके पास आए थे। उन्होंने जाल लगाकर मछलियां निकालने वालों के लिएइधर-उधर कई जगह पता किया, लेकिन कोई मिला नहीं। सरसा में संपर्क हुआ है, वो लोग जल्द ही पहुंचकर मछलियां निकाल देंगे। वैसे हमने सफाई कर्मियों को लगा भी रखा है।
आपको बता दें कि दे सिरसा जिले का गांव जलालआना अपने आप में एक खास गांव की खासियत रखता है। क्योंकि डेरा सच्चा सौदा के दूसरे पास चाहिए परमपिता शास्त्र सिंह जी महाराज का अवतार इसी गांव की पावन धरा पर हुआ था और उनका बचपन और जवानी के कुछ पल इसी गांव की जमीन पर बीता था। जब डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक साईं शाह मस्ताना जी महाराज कहीं पर जा रहे थे तो शास्त्र सिंह जी के पांव के निशान को देखकर कहा था कि देखो यह रख दी पग है। परमपिता सहस्त्रनाम सिंह जी महाराज का बचपन का नाम हरबंस लाल था जिन्हें साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने बदलकर शाह सतनाम रख दिया था।
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