Harappan Knowledge Center will become center of attraction for tourists
राखीगढ़ी में बनेगा हड़प्पन नॉलेज सेंटर, हड़प्पा कालीन सभ्यता से लोगों जोड़ने का काम करेगा हड़प्पन नॉलेज सेंटर
Haryana News Today : दुनिया में हड़प्पा कालीन सभ्यता का सबसे बड़ा केंद्र राखी गढ़ी ( Rakhi Garhi is the biggest center of Harappan civilization ) को देखने के लिए दुनिया भर से हजारों पर्यटक यहां पर पहुंचते हैं। इस गांव में भारत सरकार ( Government of India ) द्वारा हड़प्पन नॉलेज सेंटर (Harappan Knowledge Center) बनाया जाएगा। ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक हड़प्पा कालीन सभ्यता से रूबरू हो सके। क्योंकि खोदाई के सभी साइटों को बंद कर दिया जाता हैं। और पर्यटकों को बिना कुछ देखे ही निराश होकर वापस लौटना पड़ता था। इसके लिए विज्ञान एवं तकनीकी विभाग द्वारा पूरा रोड मैप तैयार कर लिया गया है। दिसंबर महीने में इसका शुभारंभ करवाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को लाने की तैयारी की जा रही है।
गांव राखी गढ़ी में करीब 8 हजार वर्ष पुरानी सभ्यता के अवशेष मिल चुके हैं। खोदाई के दौरान काफी अहम जानकारियां सामने आती हैं। खोदाई के बाद उस साइट को मिट्टी डालकर बंद कर दिया जाता है।ताकि वो साइट नष्ट ना हो। खोदाई के बाद जब भी पर्यटक इस गांव में पहुंचते हैं तो देखने के लिए उन्हें कुछ नहीं मिल पाता। ऐसे में वो निराश होकर लौटते हैं। इसी को लेकर भारत सरकार के मंत्रालय विज्ञान एवं तकनीकी विभाग द्वारा गांव में ही साइट के पास हड़प्पन नॉलेज सेंटर ( Harappan Knowledge Center ) बनाया जाएगा।
इस केंद्र में सभी नौ टीलों की जानकारी Harappan Knowledge Center में फोटो सहित डिस्पले की जाएगी। किस टीलें पर क्या क्या अवशेष मिले थे उसकी भी पूरी जानकारी दी जाएगी। एक कमरे में अब तक जो भी अवशेष मिले हैं। उनकी फोटो भी लगाई जाएगी। सभी टीलों का मानचित्र भी देखने को मिलेगा। टीला नंबर सात पर मिले कंकालों के चित्रों को भी पूरी जानकारी के साथ दिखाया जाएगा। एक लाइब्रेरी भी बनाई जाएगी जिसमें हड़प्पा कालीन संबंधी पुस्तक पढ़ने को मिलेगी।
डेक्कन यूनिवर्सिटी के पूर्व वॉइस चांसलर प्रोफेसर वसंत सिंधे ने बताया कि यह भारत सरकार का प्रोपोजल है। यहां पर आने वाले लोगों को पूरी जानकारी इस केंद्र में मिल पाएगी। बाहर से आने वाले पर्यटकों को यहां के लोगों की हिस्ट्री से भी अवगत कराया जाएगा। हड़प्पा कालीन सभ्यता कि लोगों की जो टेक्नोलॉजी थी वह काफी उच्च स्तर की थी। जैसे कि मिट्टी के बर्तन बनाना। अगर हम इस तकनीक से मिट्टी के बर्तन बनाए तो वह काफी उपयोगी साबित होंगे। और यहां के लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान होंगे। दिसंबर में प्रदेश के मुख्यमंत्री से इसका शुभारंभ करने की योजना पर भी काम किया जा रहा है।
करोड़ों रुपए की लागत से गांव में म्यूजियम के निर्माण का कार्य भी पिछले सात सालों से शुरू है। किन्ही कारणों से अभी तक यह अधूरा पड़ा हुआ है। म्यूजियम में भी सभी अवशेष रखने की योजना है।
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