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Hansi Problem:  हांसी की समस्या; अपनी बदहाली के आंसू रो रहा है शहर का इकलौता स्टेडियम

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Hansi problem : The only stadium of the city is crying tears of its misery

 

शहीद स्टेडियम में फैला कूड़ा कचा खिलाड़ी और छात्र खेलने को तरसे

हिसार चुंगी स्थित गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति सीनियर सेकंडरी स्कूल के खेल मैदान का बुरा हाल है। जिसके कारण सैकड़ों विद्यार्थी व शहर के युवा यहां खेलने को भी तरस रहे हैं। शहीद स्टेडियम हांसी का इकलौता खेल मैदान है। लेकिन मैदान में हर तरफ गंदगी व कचरा फैला हुआ है। मैदान के मेन गेट के पास मलबा भी डाला जा रहा है। स्टेडियम की पिछली साइड में बैठकर कई लोग नशा करते हैं।

प्रशासनिक कार्यक्रम के बाद नहीं होती सफाई, अधिकारी गाड़ी खड़ी कर रहे

मैदान में कांच की बोतलें फोड़ रखी हैं। मैदान हर जगह से उबड़-खाबड़ हो गया है। मैदान की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि यहां खेलते वक्त विद्यार्थियों व खिलाड़ियों को चोट तक लग सकती है। शहीद स्टेडियम नाम होने के बाद भी हांसी प्रशासन इस खेल मैदान की दुर्दशा सुधारने की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है। हैरानी की बात यह भी है कि मैदान के पास ही शिक्षा विभाग का कार्यालय है। जहां पर दो खंड शिक्षा अधिकारी बैठते हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की गाड़ियां भी मैदान में ही पार्क होती हैं।

बता दें कि इसी शहीद स्टेडियम में हांसी प्रशासन पहले 26 जनवरी व 15 अगस्त भी मनाता था। स्टेडियम की हालत खराब होने के बाद जो अब हांसी गवर्नमेंट कॉलेज के खेल मैदान में मनानी शुरू हो गई है।

शहर का इकलौता खेल स्टेडियम है

शहीद स्टेडियम हांसी शहर का इकलौता खेल स्टेडियम है। जो आमजन के लिए खुला रहता है। वैसे गवर्नमेंट कॉलेज में भी खेल मैदान है लेकिन वह आमजन के लिए खुला नहीं रहता। सुबह व शाम को कॉलेज के दोनों गेट बंद कर दिए जाते हैं। लेकिन शहीद स्टेडियम में ऐसा नहीं है। शहीद स्टेडियम के मौजूदा हालातों के कारण यहां शहरवासी आने से भी परहेज कर रहे हैं। भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए प्रैक्टिस करने व दौड़ लगाने के लिए भी जगह नहीं है। लोगों ने प्रशासन से जल्द इस समस्या के समाधान की मांग की है।

 

हालात खराब होने के ये हैं मुख्य कारण

नाम न छापने की शर्त पर शिक्षा विभाग के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि इस मैदान में हांसी प्रशासन की ओर से दिवाली त्योहार पर पटाखों की स्टॉल लगवाई जाती हैं। करीब 20 स्टॉल तीन दिन तक लगी रहती हैं। स्टॉल संचालक अपना टेंट लगाने के लिए मैदान में गड्ढे खोदते हैं। जिसके कारण मैदान की हालत खराब होती है व तीन दिन स्टॉल लगने के कारण मैदान में कचरे के ढेर लग जाते हैं। स्टॉल हटने के बाद यहां प्रशासन सफाई तक नहीं करवाता है। भारी संख्या में पॉलीथिन, डिस्पोजल, पानी की खाली बोतलें, पटाखों के खाली रैपर, लोहे की कीलें आदि बिखर जाती हैं। वहीं प्रशासन की अनुमति से ही मैदान में दशहरा पर रावण दहन भी होता है। इसके अलावा सरकारी विभागों के खेल कार्यक्रम सहित कई कार्यक्रम होते हैं। जिसके कारण मैदान की हालात खराब हुई है। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मैदान की हालात सुधारने में ज्यादा रूचि नहीं दिखा रहे हैं।

 

खुद स्टेडियम का निरीक्षण करूंगाः एसडीएम

मैं खुद शहीद खेल स्टेडियम का मौका निरीक्षण करूंगा। स्टेडियम के हालात सुधारने के लिए संबंधित विभाग को आदेश दिए जाएंगे। भविष्य में स्टेडियम के हालात ऐसे न हो इस बारे में भी विचार विमर्श किए जाएगा।” –राजेश खौथ, एसडीएम, हांसी।

हमारे खेल मैदान में पटाखों की स्टॉल लगी थी, स्टाल हटने के बाद उन्होंने सफाई नहीं की। सरकारी विभागों के कई कार्यक्रम होते हैं। कार्यक्रम के बाद वे भी सफाई नहीं करवाते। इस कारण मैदान की हालात खराब हो रही है। इस बारे में उचित कार्रवाई की जाएगी।” – जिले सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी, हांसी प्रथम।

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