Gurukul Kalwa: Reading Ashtadhyayi makes your intellect and brain sharp – Swami Vedrakshanand
आचार्य बलदेव की स्मृति में गुरुकुल कालवा में हुई अष्टाध्याई प्रतियोगिता
कालवा/ पिल्लुखेडा/ जींद : अष्टाध्याई, व्याकरण के सूत्र याद करने से मनुष्य के बुद्धि और मस्तिष्क का विकास होता है । इसलिए जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए छात्र-छात्राओं को अष्टाध्याई का अध्ययन जरूर करना चाहिए। यह बात स्वामी वेदरक्षानंद सरस्वती ने गुरुकुल कालवा में आयोजित अष्टाध्याई प्रतियोगिता के अवसर पर कही। स्वामी जी ने कहा कि अष्टाध्याई, वेदों की कुंजी है और वेद के पठन-पाठन से ही मनुष्य का सर्वांगीण विकास हो सकता है।
हरियाणा राज्य गौशाला संघ के प्रदेशाध्यक्ष शमशेर आर्य ने कहा बताया कि संस्कृत सबसे सरल भाषा और मनुष्य जीवन के लिए स्वाभाविक भाषा है। कार्यक्रम में बताओ मुख्य अतिथि बृजपाल सिंह दिल्ली ने शिरक्त की तथा गुरुकुल में हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया। इस अवसर पर एडवोकेट वेदपाल, महात्मा धर्ममुनि, आचार्य भीमदेव आदि ने भी अपने विचार रखें।
150 छात्र छात्राएं ले रहे प्रतियोगिता में भाग
प्रथम विजेता को मिलेंगे ₹10,000 नगद इनाम
अष्टाध्याई प्रतियोगिता में 100% अंक प्राप्त करने वालों को ₹10000 का नकद नाम दिया जाएगा। इसके अलावा 70% से अधिक अंक प्राप्त करने वालों को 7500 तथा 50% से अधिक अंक प्राप्त करने वालों को 5100 का पुरस्कार दिया जाएगा। इस परीक्षा में 80 नंबर की लिखित परीक्षा तथा 20 अंक मौखिक परीक्षा की रखे गए हैं। इस अवसर पर स्वामी चेतन देव, स्वामी नित्यानंद, आचार्य गौतम जी, जय नारायण फौजी, कपूर सिंह आदि सहित विभिन्न गुरुकुलों के आचार्य व आचार्या उपस्थित रही।
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