Ghost on the border of two villages, electrician encounters ghost
खेत में भूत, भूत देख बिजली कर्मचारी की पजामी हुई गिल्ली
Hindi Story : यह कहानी एक छोटे से गांव की है, उस गांव में एक बिजली मिस्त्री हुआ करता था उसका नाम पृर्थी था। एक दिन पृर्थी मिस्त्री रात को दो गांव की सीमा पर खेत में गया था कि उसने वहां पर भूत देख लिया। जिससे उसकी पजामी गिल्ली हो गई। उस दिन के बाद वो ऐसा डरा कि खेतों की तरफ जाना तो दूर ठीक तरह से चार पाई से भी नहीं खड़ा हो पाया। क्योंकिउस समय में वो पूरे गांव में अकेला ही मिस्त्री था और उस जमाने में लोगों को बिजली के बारे में ज्यादा ज्ञान भी नहीं था। पृर्थी लोगों को जैसे कहदेता लोग वैसे ही मान जाते थे।
बाहर की लाईट अंदर से और अंदर की लाइट बाहर से
गांव के एक व्यक्ति ने गांव से बाहर मकान बनाया और उसमें बिजली की फिटिंग करने का काम पृर्थी को दे दिया। पृर्थी ने इस मकान की फिटिंग करने में करीब दस दिन का समय लगा दिया। जब पृर्थी का काम पूरा हुआ और चैक किया तो सभी चौंक गए। क्योंकि अंदर की लाईट बाहर लगे बटनों से जल रही थी और पंखें भी बाहर लगे स्विच से ही चल रहे थे जबकि अंदर लगे बटनों व स्विच से बाहर की लाइट जल रही थी। जब इस बारे में कहा तो पृर्थी ने कहा कि उसने ये नया आविष्कार किया है।
कुछ समय के बाद गांव के ही एक छोटे किसान के खेत में बिजली की मोटर व स्टाटर खराब हो गया। किसान ने मोटर व स्टाटर को पृर्थी मिस्त्री को ठीक करने के लिए दे दिया। सर्दी का समय था और जनवरी का ही महीना था। किसान को अपने खेत में गेहूं की फसल की सिंचाई करनी थी। कई दिन आगे पीछे पृर्थी मिस्त्री के आगे पीछे घुमकर मोटर को ठीक करवाया और खेत में रख दी।
खेत में रखने के बाद किन्हीं कारणों से मोटर नहीं चली तो किसान ने ये समस्या फिर से पृर्थी मिस्त्री को बताई। उस समय खेतों की लाइट रात को पूरी तीनों फेसों में आती थी तो किसान के साथ मोटर चैक करने के लिए पृर्थी मिस्त्री उनके डाबर वाले खेत में चला गया। जोकि दूसरे गांव की सीम पर था। रात करीब दस बजे जब बिजली आई तो मोटर चैक करने लगे। जैसे ही मोटर चालू कर कोठड़े से बाहर आने लगे तो पृर्थी को एक कुत्ता दिखाई दिया। जब वो उसके पास जाता तो एक दम से कुत्ता गुम हो जाता।
ये सिलसिला पृर्थी और छोटे किसान के साथ आधी रात तक चलता रहा। क्योंकि उस दिन उन्होंने एक एकड़ गेहूं के खेत में पानी की सिंचाई करनी थी। इसलिए उन्हें खेत में ही रूकना पड़ा। जब वो रास्ते पर एक जाल के पेड़ के पास आए तो वो कुत्ता जाल के पेड़ से दूर दूर रहता। लेकिन जब भी उसके नजदीक किसान जाता तो उसे आग जलती हुई दिखाई देती और पृर्थी आगे कदम बढाता तो नजारा उल्टा हो जाता।
कुछ समय बाद वो दोनों पानी संभालने के लिए गेहूं के उस किले के पास गए। वो किला सीम पर था। जब वो वहां पर पहुंचे तो दूसरे गांव की सीम पर कभी काले कपड़ों में तो कभी सफेद कपड़ों में आदमी दिखाई देता। जब आवाज लगाते तो वो आदमी गुम हो जाता। कभी तो वो इतना नजदीक से दिखाई देता। लेकिन रात का अंधेरा होने के कारण और बैटरी ठीक तरीके से काम नहीं करने की वजह से पहचान नहीं पा रहे थे।
बीच रास्ते अर्थी छोड़ भागे लोग, पांच घंटे तक सुनसान जगह पर पड़ी रही अर्थी,
काफी देर ये सिलसिला चलता रहा। पृर्थी मिस्त्री बड़ा ही आशीक मिजाज व्यक्ति था उसके अंदर सैक्स की भावना जाने कब उठ खडी होती। कुछ समय के बाद उन्हें एक औरत दिखाई दी और जब उसके पास अपनी हवस शांत करने के लिए जाने लगे तो ये देखकर पृर्थी मिस्त्री की पजामी गिल्ली हो गई। क्योंकि वो औरत आम महिला नहीं बल्कि भूत प्रेत था। उन्होंने पृर्थी मिस्त्री का इतना बूरा हाल किया कि एक महीने तक उसका डर के मारे बुखार नहीं उतरा। उसके बाद पृर्थी मिस्त्री कभी किसी के खेत में रात को काम करने के लिए नहीं गया और कुछ समय के बाद इतना कंडम हो गया कि वो चलने फिरने में असमर्थ हो गया और बिमारी के चलते उसकी मौत हो गई।
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