Former Chief Minister Om Prakash Chautala is no more, breathed his last in Gurugram at the age of 89
Haryana News live today : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का शुक्रवार की दोपहर को गुरुग्राम में देहांत हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लेकर्दन लड़के हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित अनेक राजनेताओं समाजसेवी लोगों ने शोक प्रकट किया है। उन्होंने 82 साल की उम्र में ही हरियाणा से 10वीं और 12वीं पास की थी। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला जेबीटी भर्ती घोटाले में जेल भी काट चुके थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला इन दोनों गुरुग्राम स्थित अपने आवास पर रुके हुए थे। शुक्रवार की सुबह करीब 11:15 बजे उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा तो उन्हें गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में लाया गया जहां पर डॉक्टर ने उनका उपचार शुरू किया तो उपचार के दौरान करीब 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के निधन की सूचना मिलते ही हरियाणा में शोक की लहर दौड़ गई। भले ही आज ओमप्रकाश चौटाला की सरकार को गए हुए 20 साल से ज्यादा का समय बीत गया हो लेकिन उन्हें चाहने वाले आज भी हरियाणा में काफी तादात में लोग शामिल हैं। क्योंकि ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनका अपना एक जन आधार हरियाणा में कायम है।
पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का पार्थिव शरीर शुक्रवार की शाम तक सिरसा जिला स्थित उनके पैतृक गांव चौटाला में लाने की संभावना जताई जा रही है। शनिवार की सुबह उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए चौटाला गांव स्थित उनके फार्म हाउस पर रखा जाएगा और दोपहर बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो के वरिष्ठ नेता चौ. ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि श्री ओपी चौटाला के निधन से हरियाणा की राजनीति के एक अध्याय का अंत हो गया है। उनकी कमी को पूरा कर पाना मुश्किल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चौटाला का व्यक्तित्व सादगी और संघर्ष का प्रतीक था। वे एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने ग्रामीण विकास, शिक्षा और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई योजनाएं चलाईं। हरियाणा की राजनीति में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके निधन से न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे प्रदेश को गहरा आघात लगा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस दुख की घड़ी में धैर्य और संबल दें।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री श्री ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि चौटाला एक अनुभवी राजनीतिज्ञ और दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने अपना जीवन हरियाणा के लोगों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा के विकास में ओम प्रकाश चौटाला के योगदान और यहां के लोगों, विशेषकर किसानों के कल्याण के लिए उनकी प्रतिबद्धता को हमेशा याद किया जाएगा। उनका निधन राज्य और यहां के लोगों के लिए बहुत बड़ी क्षति है।
पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय कैबिनेट मंत्री मनोहर लाल ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि यह हरियाणा के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनके कार्यकाल में हरियाणा में अनेक विकास कार्य हुए जिनकी बदौलत उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने अपने कार्यकाल में हरियाणा को विकास की पटरी पर लाने का काम किया था और उन्होंने देश व सामाजिक में अनेक कार्य किया जिनकी पूर्ति करना संभव नहीं है उनकी मौत की सूचना मिलकर उन्हें बहुत गहरा दुख हुआ। हरियाणा के बिजली एवं परिवहन मंत्री अनिल विजय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एक बहुत अच्छे मुख्यमंत्री रहे हैं और उनसे एक बार जो मिल लेता था वह उसे कभी नहीं बोलते थे और इस उम्र में भी उनकी याददाश्त आजकल के लोगों की तुलना में काफी अच्छी थी उनकी मौत की सूचना दुख देने वाली है। विधायक एवं रेसलर विनेश फोगाट ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को हरियाणा हमेशा विकास पुरुष के नाम से याद रखेगा। क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन प्रदेश की जनता और प्रदेश के विकास में समर्पित किया हुआ था।
पूर्व उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल के सबसे बड़े पुत्र ओम प्रकाश चौटाला ने अपनी पढ़ाई शुरुआत में ही छोड़ दी थी और जब वह जेबीटी भर्ती घोटाले में जेल की सजा काट रहे थे तो उन्होंने 82 साल की उम्र में सन् 2013 में 10वीं और 12वीं कक्षा पास की थी। वहीं रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा नेवी पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि उनका जीवन देश और प्रदेश के विकास के लिए समर्पित था और इसकी क्षति देश व प्रदेश की जनता को हमेशा खलती रहेगी।
आपको बता दे की पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश टिटवाला ने अपने राजनीतिक जीवन का सफर सन 1968 के चुनाव से ऐलनाबाद विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरकर किया था। ओम प्रकाश चौटाला पहली बार सन 1989 में हरियाणा के मुख्यमंत्री बने जब उनके पिता स्वर्गीय चौधरी देवीलाल केंद्रीय नेतृत्व में चले गए और वह उप प्रधानमंत्री बने थे। लेकिन देवीलाल की परंपरागत सीट महम मैं उपचुनाव के दौरान हिस्सा भड़क गई और इस हिंसा में करीब 10 लोगों की मौत हो गई थी जिसके बाद ओमप्रकाश चौटाला को पहली बार में करीब साढ़े 5 महीने बाद ही मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ गया था। लेकिन दूसरी बार वह केवल 5 दिन ही मुख्यमंत्री रह पाए। इसके बाद ओमप्रकाश चौटाला तीसरी बार 1991 में हरियाणा के मुख्यमंत्री बने लेकिन विधायकों की नाराजगी के चलते उनकी 15 दिन में ही सरकार गिर गई थी। ऐसे में ओमप्रकाश चौटाला डेढ़ साल के दौरान तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और तीनों ही बार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
सन 1996 में बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी और भाजपा की गठबंधन की सरकार बन गई लेकिन यह सरकार अपना पूरे कार्यकाल करने की वजह दोनों में मतभेद के चलते उनका गठबंधन टूट गया और बंसीलाल ने कांग्रेस के साथ समर्थ गठबंधन की सरकार बना ली। लेकिन गठबंधन के दौरान तय हुआ था कि बंसीलाल अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लेंगे लेकिन उसमें भी मतभेद के चलते उनका गठबंधन लंबा नहीं चला और कांग्रेस ने अपना समर्थन वापस ले लिया। जिससे बंसीलाल की सरकार गिर गई।
सन 1999 में इनेलो और भाजपा का गठबंधन होने के बाद ओमप्रकाश चौटाला चौथी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। लेकिन उन्होंने किसानों से उनके बिजली बिल माफ करने और बैंक के कर्ज माफ करने का वादा किया और कुछ समय पहले बनी उनकी पार्टी पहली बार चुनाव में 47 सिम जीतने में सफल हुई और वह पांचवीं बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने।
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