Farmers protested in Hisar and burnt effigies of Amit Shah and Ramchandra Jangra
Hisar News: हिसार लघु सचिवालय के सामने किसने और मजदूर संगठनों ने विरोध करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा डॉ भीमराव अंबेडकर के प्रति की गई टिप्पणी और राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगरा द्वारा किसानों पर की गई टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए दोनों का पुतला फूंका। इस दौरान किसान और मजदूर संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा कि हम किसान मजदूर बीजेपी की केंद्र सरकार का लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन न करने का कड़ा विरोध करते हैं और उन सभी किसान संगठनों और मंचों से, जो वास्तविक मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं के साथ वार्ता करने की मांग करते हैं। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से किसानों के साथ विचार-विमर्श करने के लिए कहा है।
हम आपसे दृढ़तापूर्वक मांग करते हैं कि आप केंद्र सरकार को किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान बचाने, दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर दमन और आंसू गैस के गोले दागने को रोकने, गत दिनों से गौतम बुद्ध नगर की लुक्सर जेल में बंद सभी किसानों को रिहा करने, उन पर हत्या के प्रयास सहित झूठे लगाए गए मामलों को वापस लेने और साजिश के लिए जिम्मेदार पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और अन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
साथ ही राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति, डिजिटल कृषि मिशन और राष्ट्रीय सहयोग नीति को वापस लेने और संघर्ष कर रहे सभी किसान संगठनों के साथ तुरंत चर्चा करने और एमएसपी, ऋण माफी, बिजली के निजीकरण और एलएआरआर अधिनियम 2013 के कार्यान्वयन पर किसानों की लंबे समय से लंबित वास्तविक मांगों को स्वीकार करने का निर्देश दें।
बीजेपी सरकार तानाशाही रवैया अपना कर निहत्थे किसानों पर आंसू गैस के गोले, रबर की गोलियां, पानी की बौछारों का इस्तेमाल करके और शांतिपूर्ण प्रदर्शन और धरना करने के लिए सैकड़ों किसानों को जेल में डालकर क्रूरता से दबाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
संसद के अंदर बाबा साहेब अम्बेडकर का अपमान करने की निंदनीय घटना है। रामचन्द्र जांगड़ा ने किसानों पर गलत टिप्पणी की किसानों पर बेबुनियाद आरोप लगाने पर दोनों बीजेपी के नेताओं के इस्तीफे की मांग कर आज 23 दिसंबर 2024 को लघु सचिवालय हिसार के मुख्य गेट के सामने विरोध प्रदर्शन कर अमित शाह और रामचंद्र जांगड़ा का पुतला फूंका और अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
संयुक्त किसान मोर्चा की मुख्य मांगें:-
- किसान संगठनों के साथ बातचीत करें और किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान बचाएं।
- दिल्ली कूच करने वाले किसानों पर दमन बंद करें।
- नोएडा-ग्रेटर नोएडा के सभी किसानों को लुक्सर जेल से रिहा करें।
- राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति को वापस लें।
- सभी किसान संगठनों के साथ तत्काल चर्चा करें और 9 दिसंबर, 2021 के पत्र में सहमति के अनुसार सभी लंबित मुद्दों का समाधान करें।
इस विरोध प्रदर्शन में शमशेर सिंह नम्बरदार, रणबीर मलिक, डॉ. करतार सिवाच, राजुभगत सरसौद, कृष्ण बूरा, जसवीर सूरा, अनिल गोरछी, सतबीर धायल, राजीव मलिक, कुलदीप खरड़, सोमबीर चौधरीवास, दिलबाग सिंह हुड्डा, कपूर बगला, कैलाश मलिक, सरदानन्द राजली, ईश्वर वर्मा, दिनेश सिवाच, कुलदीप पुनिया, नशीब सातरोड़, राजसिंह धारीवाल, कृष्ण पाली, बलराज सिंह, दलबीर खरड़, कर्ण सिंह बूरा, चन्द्र बधावड़, मास्टर देशराज, सतबीर, रोहिल, मुकेश घणघस, रामबीर न्योली आदि शामिल रहे।
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