- Fake bills of treatment with fake seal: Computer operator revealed the secrets in police remand
फर्जी मोहर बनाकर तैयार कर चुके थे आठ मेडिकल बिल आपरेटर न्यायिक हिरासत में
Hisar News
महिला सफाई कर्मी के इलाज के नाम पर तैयार किए गए फर्जी मेडिकल मामले में दो दिन के पुलिस रिमांड के दौरान कंप्यूटर आपरेटर जोनी ने कई राज उगले है। पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपित जोनी बिल को तैयार करने की पूरी प्रोसेस करता था। आरोपितों के पास एक फर्जी मोहर थी। जिसका प्रयोग फर्जी मेडिकल बिल बनाने में किया जाता था। अब तक आरोपित आठ फर्जी मेडिकल बिल बना चुके हैं। पुलिस ने रिमांड पूरा होने के बाद आरोपित जोनी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।
एएसआइ सुरेंद्र मोर के अनुसार मामले में अलसी मास्टरमाइंड हायक सफाई निरीक्षक सुरेन्द्र हुड्डा और सुनील बेलदार है। दोनों की गिरफ्तारी के बाद मामले में कई नए खुलासे हो सकते हैं। इनकी तलाश में पुलिस की टीम ने कार्यालय से जानकारी जुटाई तो दोनों गैर हाजिर मिले। इसके अलावा आरोपितों की तलाश में पुलिस की टीमों ने उनके मकानों पर छापेमारी की तो कहीं पर कोई सुराग नहीं लगा। मामले में पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में जांच टीम की गई थी गठित की टीम हर एंगल पर जांच में लगी हुई है।
बता दें कि महिला सफाई कर्मी पूनम के इलाज के नाम का एक फर्जी मेडिकल बिल निगम में जमा हुआ। उसमें पूनम के हार्ट का इलाज बताया गया। बिल में जो तिथि इलाज की दर्शाई, उसी तिथि में पूनम की ड्यूटी पर भी उपस्थिति श्री। यानि हाजिरी भी लगी हुई है। पूनम और उसके पति दलविंद्र से जब इस मेडिकल बिल के बारे में निगम स्टाफ ने पूछा तो पूनम ने कहा कि मैं तो कभी बीमार ही नहीं हुई। ऐसे में मेडिकल बिल के फर्जीवाड़े का खेल उजागर हुआ और उप-निगम आयुक्त के नेतृत्व में गठित जांच टीम ने मामले में जांच पूरी कर दोषियों के नाम दस्तावेज पर अंकित कर दिए। इसके बाद मामला आगामी जांच और कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस को भेज दिया था।
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