elderly woman was beaten up by her son and thrown out of the house in Hisar,neighbours gave her shelter,complaint lodged in CM window
पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट महिला ने सीएम विंडो में लगाई गुहार
Haryana News Today: माता-पिता अपनी औलाद को इसलिए पाल-पलोस कर काबिल बनते हैं ताकि वह बुढ़ापे में उनका सहारा बन सके। लेकिन कलयुग का दौर ऐसा चल रहा है कि आजकल की कुछ औलादें अपने बुजुर्गों को अपने ऊपर बोझ समझने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला हिसार से सामने आया है जहां पर एक बुजुर्ग विधवा महिला को उसके ही बेटे ने पीटकर घर से निकाल दिया। लेकिन आज भी इंसानियत जिंदा है और बेघर हुई इस पीड़ित महिला को पड़ोसियों ने अपने मकान में शरण दी है।
हिसार के 12 क्वार्टर स्थित भगत सिंह नगर निवासी सरस्वती देवी ने बताया कि वह मूल रूप से बालसमंद क्षेत्र के रहने वाली है और उसके पति ने कड़ी मेहनत कर हिसार के भगत सिंह नगर में एक मकान बनाया हुआ है और इसी मकान में वह अपने बेटे बलराम के साथ रह रही थी। महिला ने बताया कि उसकी तीन बेटियां और दो बेटे हैं। तीनों बेटियां शादीशुदा हैं और उसका दूसरा बेटा कृष्ण चंदन नगर में किराए के मकान में रहता है।
महिला सरस्वती देवी ने आरोप लगाते हुए बताया कि करीब 20 दिन पहले उसके बेटे बलराम ने उसकी पीट कर घर से निकाल दिया था तो उसने इसकी शिकायत 12 क्वार्टर पुलिस चौकी में की। लेकिन पुलिस ने 20 दिन भी जाने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं थी। उम्र के आखिरी पड़ाव में वो घर से बेघर हो गई। परंतु पड़ोसियों ने उसे सहारा देते हुए अपने मकान में शरण दी और अब वह 20 दिनों से पड़ोसियों के मकान में रह रही है।
महिला ने पुलिस कार्य प्रणाली और बेटे के जुल्मों से तंग आकर अब इसकी शिकायत सीएम विंडो में की है और गुहार लगाई है कि जिस मकान से उसके बेटे ने उसे घर से निकला है वह मकान उसके पति का बनाया हुआ है और मकान उसके पति के नाम पर ही है जबकि उसके पति की मौत हो चुकी है। ऐसे में मकान पर सबसे पहला हक उसका बनता है इसलिए उसे मकान को उसके बेटे बलराम से खाली करवा कर उसके हवाले किया जाए।
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