Day care centers should be opened soon Due to the rapid increase in cancer patients in Sirsa and Fatehabad districts:- Kumari Selja
कैंसर को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के जवाब पर सांसद सैलजा ने जताई आपत्ति
Haryana News Today : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने सिरसा संसदीय क्षेत्र घग्गर नदी के प्रदूषित पानी के कारण कैंसर से अधिक प्रभावित हैं, इन कैंसर रोगियों के उपचार के लिए कोई योजना है को लेकर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव के जवाब पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र सरकार देश के सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर खोलने जा रही है, उन्हें जल्द से जल्द सिरसा, फतेहाबाद जिला में खोला जाए ताकि कैंसर पीड़ितों को उपचार के लिए इधर उधर न भटकना पड़े।
सिरसा और फतेहाबाद जिला में तेजी से बढ़ रहे कैंसर रोगियों को देखते हुए जल्द खोले जाए डे केयर सेंटर
कुमारी सैलजा ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री से सवाल किया था कि हरियाणा में कैंसर पीड़ितों की जांच और उपचार के लिए कितने डे केयर सेंटर स्थापित किए जाने है, क्या यह सच है कि हरियाणा के टोहाना, रतिया, सिरसा, रानियां और ऐलनाबाद क्षेत्र तथा सिरसा संसदीय क्षेत्र घग्गर नदी के प्रदूषित पानी के कारण कैंसर से अधिक प्रभावित हैं, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है, क्या सरकार के पास उक्त क्षेत्र में कैंसर रोगियों के उपचार के लिए कोई योजना है, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? इन सवालों का जवाब केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने सांसद को भेजा है। जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय बजट 2025-26 की घोषणा के अनुसार, सरकार का लक्ष्य भारत भर के जिला अस्पतालों में 200 डे केयर कैंसर सेंटर (डीसीसीसी) स्थापित करना है। वर्तमान में, जिला अस्पतालों में 372 डीसीसीसी पहले से ही कार्यात्मक हैं। हरियाणा सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वर्तमान में हरियाणा के 05 जिलों (अंबाला, फरीदाबाद, पंचकूला, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर) में डीसीसीसी स्थापित हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, पंजाब और हरियाणा राज्यों में घग्गर नदी पर एक प्रदूषित खंड पाया जाता है। हरियाणा सरकार ने सूचित किया है कि टोहाना, रतिया, सिरसा, रानियां और ऐलनाबाद क्षेत्र सिरसा और फतेहाबाद जिले के अंतर्गत आते हैं। हरियाणा कैंसर एटलस परियोजना के तहत विभिन्न जिलों में राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान और अनुसंधान केंद्र (एनसीडीआईआर) पोर्टल पर पंजीकृत कैंसर के मामलों की संख्या यह नहीं बताती है कि सिरसा या फतेहाबाद जिले अन्य जिलों की तुलना में कैंसर से अधिक प्रभावित हैं। जिला अस्पतालों में कैंसर देखभाल के बुनियादी ढांचे, चिकित्सा कर्मचारियों और आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता का आकलन करने के लिए एक व्यापक अंतर विश्लेषण शुरू किया गया है। इस विश्लेषण के आधार पर, मंत्रालय राज्य सरकार के परामर्श से उच्च कैंसर के बोझ और कैंसर देखभाल सेवाओं तक अपर्याप्त पहुंच वाले जिलों में 200 डीसीसीसी स्थापित करने की योजना बना रहा है।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि काफी समय से घग्घर नदी का पानी सबसे ज्यादा प्रदूषित है और इस पानी को पीने लायक तो दूर फसलों की सिंचाई के लिए भी अच्छा नहीं माना गया है, फैक्टरी द्वारा नदी में डाले जा रहे केमिकल्स और फसलों पर प्रयोग किए जा रहे अंधाधुंध कीटनाशकों के प्रयोग के चलते ही घग्घर नदी का पानी काफी दूषित हुआ है। घग्घर बेल्ट में आने वाले गांवों में कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है, केंद्र सरकार कहती है उसके पास कैंसर पीड़ितों के आंकड़े नहीं है, यह कहकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती। सिरसा, फतेहाबाद जिला के गांवों में कैंसर तेजी से बढ़ रहा है सरकार को इस दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाना होगा और केंद्र सरकार देश भर में जो डे केयर सेंटर खोलने जा रही है सिरसा और फतेहाबाद जिला में उन्हें जल्द से जल्द खोला जाए ताकि कैंसर पीड़ितों को उपचार और जांच के लिए इधर उधर न भटकना न पड़े।
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