Construction work cannot be done in these villages of Haryana without permission of the department
दिल्ली-कटरा सुपर एक्सप्रेस व महेंद्रगढ़-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे 152 डी के साथ लगते है आधा दर्जन गांव
Haryana News Today : हरियाणा के जींद जिले के पिल्लूखेड़ा और उसके आसपास के आधा दर्जन गांवों में कृषि योग्य भूमि तथा हाइवे के साथ लगती जमीन को नियंत्रित क्षेत्र घोषित करते हुए बिना अनुमति निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है। जिन गांव की कृषि योग्य जमीन पर निर्माण कार्यो पर रोक लगाई गई है। वह कृषि योग्य जमीन दिल्ली-कटरा सुपर एक्सप्रेस वे तथा महेंद्रगढ़-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे 152डी, जींद-पानीपत हाइवे तथा जींद-पानीपत रेलवे लाइन भी यहां से गुजरती है। इस इलाके से कुछ दूरी पर जींद-सोनीपत ग्रीन फिल्ड हाइवे तथा जींद-सोनीपत रेलवे लाइन भी गुजरती है।
पिल्लूखेड़ा तथा आसपास के छह गांवों की जमीन नियंत्रित क्षेत्र घोषित
बड़े हाइवे तथा रेलवे लाइनों के बने जाल के बीच पिल्लू खेड़ा मंडी विशेष जोन बन कर उभर रहा है। जिसके लिए इस इलाके की जमीन महत्वपूर्ण हो गई है। यहां पर निर्माण कार्य भी शुरू हो गए हैं। जिसके चलते हरियाणा सरकार ने बड़े हाइवे वाले इन इलाकों में जमीन पर अनाधिकृत निर्माण कार्य को रोकने के लिए अधिसूचना जारी की है।
हरियाणा सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन, बिना अनुमति के निर्माण कार्य पर रोक
अधिसूचना में कहा गया है कि इन गांवों की जमीन भविष्य में औद्योगिक वाणिज्यिक अथवा संस्थागत कार्यों के लिए उपयोग के लिए संभव है। इसलिए सरकार सड़क तथा नियंत्रित क्षेत्र अनियमित विकास निर्बंधन अधिनियम के अंतर्गत इस क्षेत्र को नियंत्रित क्षेत्र के रूप में घोषित किया जाता है।
सड़कों तथा रेलवे के जाल को देखते हुए महत्वपूर्ण फैसला
काबिलेगौर है कि पिछले दिनों सरकार ने इस इलाके मे आईएमटी की स्थापना के लिए लगभग चार हजार एकड़ जमीन में भूमि पोर्टल पर जमीन की मांग की थी। लगभग दो हजार एकड़ जमीन के प्रस्ताव भी सरकार को मिल चुके थे। सफीदों के कांग्रेस से पूर्व विधायक सुभाष गांगोली ने इस इलाके में आईएमटी बनाने को लेकर काफी प्रयास किए थे। वह अपने कार्यकाल में इसे सिरे नहीं चढ़ा पाए। उन्होंने चुनाव में मुद्दा भी बनाया था।
छह गांवों की जमीन को किया नियंत्रित क्षेत्र घोषित
जिन गांवों की कृषि योग्य जमीन को नियंत्रित क्षेत्र में घोषित किया गया है वह गांव बड़े हाईवे के साथ लगते हैं। जिनमें गांव जामनी, खरक गागर, रिटोली, कालवा, पिल्लूखेड़ा, ढाठरथ, अमरावली खेड़ा, तलौडा शामिल हैं। सरकार द्वारा जारी की गई इस अधिसूचना के बाद अब इन गांवों के लोग कंट्रोल्ड एरिया में आने वाली जमीन पर बिना सरकार की पूर्व अनुमति के कोई निर्माण कार्य नहीं कर पाएंगे।
जिला नगर योजनाकार गुंजन वर्मा ने कहा कि दोनों हाइवे के आसपास बड़ी संख्या में निर्माण कार्य चल रहे थे। दो हाइवे के बीच में होने से यह जमीन काफी महत्वपूर्ण हो गई है। भविष्य में जमीन किसी सरकारी प्रयोजन के लिए आवश्यक हो सकती है। इन सब बातों को देखते हुए इसे कंट्रोल्ड एरिया घोषित किया गया है। अब यहां पर निर्माण कार्य से पहले विभाग से मंजूरी लेनी होगी। जिसके लिए जमीन पर सीएलयू करवा कर ही कोई निर्माण कार्य किया जा सकता है। इससे सरकार को यहां निर्माण कार्य होने पर राजस्व भी मिलेगा।
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