CMO bribery case update : Departmental investigation started in CMO bribery case, ACB sent voice matching samples to FSL.
हरियाणा न्यूज हिसार : जिला स्वास्थ्य विभाग में चार माह से सिविल सर्जन की कुर्सी खाली कुसार है। अभी तक किसी अधिकारी की स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है। पीएमओ को सिविल सर्जन का अतिरिक्त कार्यभार दिया हुआ है। ऐसे में विभागीय कामों की गति धीमी है। दरअसल, 14 अगस्त को तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. नरेश वर्मा के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था। इन्हें सिविल सर्जन नियुक्त हुए सिर्फ एक माह पूरा हुआ था।
हेल्थ अफसरों ने मामले में जीरो टोलरेंस नीति के तहत संज्ञान लेकर तुरंत मुख्यालय में ट्रांसफर आदेश जारी किए थे। तभी से कुर्सी खाली है, जिस पर बतौर सिविल सर्जन किसी अधिकारी के बैठने का इंतजार है। इस मामले में अब स्वास्थ्य मुख्यालय ने हेल्थ
अफसर डॉ. मनीष बंसल के नेतृत्व में जांच के लिए कमेटी का गठन किया है जो मामले से जुड़े तमाम डॉक्टर्स व शिकायतकर्ता के बयान दर्ज करेगी। डॉ. वर्मा पर आरोप साबित होते हैं तो विभागीय कार्रवाई से नहीं बच सकेंगे। वहीं, उन्हें गिरफ्तार करने का एंटी करप्शन ब्यूरो पर दबाव रहेगा। कमेटी ने शिकायतकर्ता हांसी शहर के श्री बालाजी अस्पताल के संचालक डॉ. साहिल बामल को मुख्यालय बुलाया था। परंतु किन्हीं कारणों से डॉ. बामल के बयान दर्ज नहीं हो सके।
इस प्रकरण में डॉ. वर्मा व डॉ. बामल के बीच रुपयों के लेन-देन संबंधित कॉल रिकॉडिंग वायरल हुई थी। रिकॉर्डिंग में आवाज सही है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो ने वॉयस सैंपल लिए हैं। इनकी एफएसएल में जांच होगी, जिसकी रिपोर्ट भी आगामी कार्रवाई की दिशा तय करेगी।
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