Burglary in Dushyant Chautala fort: big leader of Hisar district will bid goodbye to JJP on Friday.
हरियाण न्यूज टूडे/सुनील कोहाड़।
हिसार की ताजा खबर: हिसार जिले में ही नहीं बल्कि जेजेपी पूरे हरियाणा में हिचकोले खा रही है और डूबती नैया पर सवार होने से अच्छा होता है कि समय रहते छलांग लगा दें। ऐसा ही नजारा जेजेपी पार्टी के साथ देखने को मिल रहा है। ना जाने दुष्यंत चौटाला के गढ़ में किसने सेंधमारी की है। हिसार जिले से संबंध रखने वाले एक बड़े नेता शुक्रवार को जेजेपी पार्टी से अलविदा कहने वाले हैं। हरियाणा न्यूज टूडे से खास बातचीत में उन्होंने इसका खुलासा किया है। लोकसभा चुनाव के ऐन वक्त पर जहां पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की मां एवं विधायक नैना चौटाला हिसार से जेजेपी की प्रत्याशी है। ऐसे में बड़े नेता के पार्टी छोडऩे से उनके साथ कती माड़ी बनी वाली कहावत कहीं न कहीं चितार्थ होती हुई नजर आ रही है।
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इनेलो से अलग होकर जैसे ही जींद की धरती से दुष्यंत चौटाला ने जेजेपी का गठन किया तो इनेलो ही नहीं बल्कि अन्य पार्टियों के नेता भी जेजेपी में शामिल होने लगे थे और प्रदेश की जनता ने भी सिर आंखों पर बैठाया था। क्योंकि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला ने नारा दिया था कि खट्टर सरकार अबकी बार यमुना पार। इसी की बदौलत जेजेपी के गठन के कुछ ही महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में दस विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की। परंतु दुष्यंत चौटाला सत्ता सुख भोगने के लिए जिसके खिलाफ वोट मांगकर विधानसभा तक पहुंचे थे उन्हीें की गोद में बैठ गए और जेजेपी के नेताओं ने करीब साढे चार साल तक खुब मलाई खाई। इस बात का आरोप नारनौंद से जेजेपी के विधायक रामकुमार गौतम कई दफा लगा चुके हैं।
जैसे ही भाजपा-जजपा गठबंध टूटा तो जेजेपी पार्टी को छोडऩे वालों में मानों बाहर सी आ गई। इससे यही कयास लगाए जा रहे हैं कि वो नेता व कार्यकर्ता सरकार में रहने तक ही चुप चाप बैठे हुए थे और समय आने का इंतजार कर रहे थे। गठबंधन टूटने के बाद जेजेपी की विधायक दल की बैठक में नारनौंद के विधायक रामकुमार गौतम, बरवाला के विधायक जोगीराम सिहाग, टोहाना के विधायक एवं पूर्व पंचायत मंत्री देवेन्द्र सिंह बबली सहित कई नेता नहीं पहुंचे।
अब इस बात का खुलासा तो कल ही हो पाएगा कि हिसार जिले का ऐसा वो कौन सा चेहरा है जो शुक्रवार की दोपहर तक जेजेपी पार्टी को अलविदा कह देगा। नारनौंद को दुष्यंत चौटाला का गढ़ कहा जाता है और उनके गढ़ में ही किस नेता या पार्टी ने सेंधमारी कर उनके किले को ढहाने की कौशिश की है। ये तो आने वाला समय ही बताएगा।
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