broker was caught red handed while taking bribe for sub-inspector in Hisar police, and case was registered against the sub-inspector and the broker
नशा तस्करी के आरोप में फंसाने की धमकी देकर सब इंस्पेक्टर दलाल के माध्सेयम से मांग रहा था एक लाख रुपए की रिश्वत
Hisar News Today : हिसार में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पुलिस थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर के दलाल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने में सफलता हासिल की है। आरोप है कि सबइंस्पेक्टर दलाल के माध्यम से शिकायतकर्ता से ड्रग केस में फसाने की धमकी देकर 1 लख रुपए की रिश्वत की डिमांड कर रहा था। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने सब इंस्पेक्टर और दलाल के खिलाफ मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
दलाल जिले सिंह मांग रहा था रिश्वत
एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी कि हिसार के एसडीएम थाना में तैनात सब इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ड्रग तस्करी के मामले में फसाने की धमकी देकर दलाल जिले सिंह के माध्यम से उससे एक लाख रुपए की रिश्वत की डिमांड कर रहा है।
शिकायतकर्ता ने एसीबी को बताया कि वह किसी भी ड्रग तस्करी में शामिल नहीं है और बेवजह सब इंस्पेक्टर और दलाल उसे परेशान करने में लगे हुए हैं। पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने तुरंत एक टीम का गठन किया और 70 हजार नोटों के नंबर अंकित कर फोन पर पाउडर लगाकर पीड़ित व्यक्ति को रिश्वत की डिमांड करने वालों को देने के लिए भेज दिया।
शिकायतकर्ता का इशारा मिलते ही एसीबी ने दलाल को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा
पीड़ित व्यक्ति को भेजने के बाद रिश्वत की डिमांड करने वाले सब इंस्पेक्टर और दलाल के चारों तरफ एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने अपना जाल बिछा दिया। जैसे ही शिकायत करता में दलाल जिले सिंह को रिश्वत में मांग रहे पैसे थमाए तो उसने एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम की तरफ इशारा कर दिया और टीम ने तुरंत ही मौके पर सब इंस्पेक्टर के दलाल को रंगने हाथों काबू कर लिया।
सब इंस्पेक्टर और दलाल के खिलाफ मामला दर्ज
एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने हिसार में एचडीएम थाना मेंटेनेंस सब इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह और दलाल जिले सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। आपको बता दें कि पुलिस थानों में दलालों का बड़ा रोब देखने को मिलता है और वो शिकायतकर्ता से उसकी शिकायत पर कार्रवाई करवाने के नाम पर तो किसी को कैसे में फसाने की धमकी देकर पुलिस कर्मियों के लिए रिश्वत की डिमांड करते रहते हैं।
पुलिस उच्च अधिकारियों द्वारा शिकंजा करने के बाद उनके ठिकाने पुलिस थानों के आसपास बने चाय की दुकान व उसके आसपास बैठने वाली जगहों पर यह अक्सर सक्रिय देखे जा सकते हैं। यह अकेला हाल पुलिस थानों का ही नहीं बल्कि तहसील एसडीएम कार्यालय में भी साफ तौर पर देखा जा सकता है। जहां पर एक छोटी सी जमीन की नकल लेने के लिए भी लोगों को रिश्वत देनी पड़ती है। अगर कोई इन दलालों के चक्कर में ना आकर रिश्वत नहीं देता तो उसके काम को लटका दिया जाता है और काफी दिनों तक उसे शक्कर काटने के लिए मजबूर किया जाता है ताकि वह मजबूर होकर कर्मचारियों को रिश्वत दे।
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