BJP government failed in providing DAP fertilizer to farmers, Narnaund MLA Jassi Petwar
किसानों को समय पर DAP खाद उपलब्ध नहीं होने पर विधायक जस्सी पेटवाड़ ने जताई चिंता
हरियाणा की BJP Government द्वारा किसानों को परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। फिलहाल किसानों की धान की कटाई चल रही है और किसान गेहूं की बिजाई की भी तैयारी साथ में कर रहे हैं लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा जानबूझकर किसानों के सामने DAP खाद की किल्लत पैदा कर एक बहुत बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। DAP fertilizer लेने पहुंचे किसानों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया जाता है जो बहुत निंदनीय है। यह बात नारनौंद से कांग्रेस विधायक जस्सी पेटवाड़ ( Narnaund MLA Jassi Petwar) ने जारी बयान में कही।
उन्होंने कहा कि फिलहाल Haryana BJP government द्वारा नारनौंद सहित पूरे प्रदेश में DAP fertilizer की जानबूझकर किल्लत पैदा की हुई है। फिलहाल किसान सरसों, गेहूं और कुछ अन्य फसलों की बिजाई के लिए जरूरी डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) खाद की कमी के कारण किसानों को लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है और फिर भी उन्हें अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त मात्रा में DAP खाद नहीं मिल पा रही है। पर्याप्त DAP खाद न मिलने के कारण उन्हें घंटों इंतजार के बाद भी किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। डीएपी की कमी और सीमित आपूर्ति के चलते स्थिति तनावपूर्ण होती जा रही है। कई जगहों पर स्थिति गंभीर हो गई है और किसानों को विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
किसान चिंतित हैं कि गेहूं की बिजाई के समय उन्हें DAP खाद नहीं मिल पाएगा, जिससे उनकी फसलों पर बुरा असर पड़ सकता है। जहां पर भी थोड़ा बहुत DAP खाद पहुंचता है वहां पर डीएपी खाद के साथ नैनो यूरिया, बीज व अन्य दवाइयां किसानों को दी जा रही है। क्योंकि BJP government का मकसद कृषि और किसान को घाटे में धकेलना है। अपने वादे को तोड़ना भाजपा की पुरानी आदत बन गई है। एक बार फिर भाजपा सरकार किसानों को एमएसपी और समय पर खाद देने में नाकाम साबित हुई है।
नारनौंद सहित पूरे प्रदेश में पुलिस के पहरे में डीएपी खाद बंट रहा है। डीएपी खाद के लिए महिलाओं को भी कई कई घंटों तक लाइनों में लगना पड़ रहा है। नारनौंद क्षेत्र में ज्यादातर गेहूं की बिजाई होती है। अगर किसान को इस समय पर डीएपी खाद नहीं मिला तो गेहूं की बिजाई लेट हो जाएगी और गेहूं की फसल की पैदावार पर भी बहुत ज्यादा असर पड़ेगा।
वहीं प्रदेश की मंडियों में धान की सुचारू खरीद नहीं होने के चलते किसान एमएसपी से 200-300 रुपये कम रेट में फसल बेचने को मजबूर हैं। भाजपा ने चुनाव में किसानों को धान की खरीद 3100 रुपये के रेट पर देने का वादा किया था लेकिन हमेशा की तरह भाजपा का यह वादा भी झूठा साबित हुआ।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय किसानों को कभी भी अपनी फसल बेचने में कोई दिक्कत पेश नहीं आती थी। जे फॉर्म काटने के बाद तीन दिन के भीतर उनका पूरा भुगतान हो जाता था लेकिन अब किसानों को फसल का भुगतान मिलने में कई-कई दिन और कई-कई महीने तक लग जाते हैं। पूरे प्रदेश की मंडियां धान से अटी पड़ी हैं। किसानों को अपनी फसल रखने के लिए स्थान तक नहीं मिल रहा। मजबूरी में उन्हें अपनी फसल सड़क पर डालनी पड़ रही है।
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