BJP-Congress rebel leaders joined hands, Jassi petwar spoiled the electoral equation of BJP-INLD in Narnaund, will give tough competition in Hisar, Barwala, Nalwa and Hansi
Haryana News Today : हिसार जिले की सातों सीट पर रोचक मुकाबला हो गया है। सबसे ज्यादा हिसार, नलवा और हांसी की सीट बन गई हैं। कारण है हिसार विधानसभा सीट पर भाजपा के सामने निर्दलीय भाजपाई खड़े हो गए हैं। इस सीट पर पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल और पूर्व मेयर गौतम सरदाना ने भाजपा से बागी होते हुए निर्दलीय नामांकन जमा करवाया है। वहीं कांग्रेस की नारनौंद विधानसभा सीट से टिकट जस्सी पेटवाड़ को देने से भाजपा व इनेलो के समीकरण बिगड़ गए हैं।
हांसी विधानसभा चुनाव में तो बड़ा बवाल उस समय हो गया जब राहुल मक्कड़ को कांग्रेस ने टिकट दी तो टिकट मांगने वाले प्रेम मलिक, नरेश यादव सहित सात उम्मीदवार चुनावी दंगल में कूद गए, जो उनके लिए बड़ी चुनौती देने की संभावना जताई जा रही है। नलवा सीट पर कांग्रेस की टिकट अनिल मान को देने के बाद टिकट के प्रबल दावेदार माने जाने वाले पूर्व वित्तमंत्री प्रो. संपत सिंह ने निर्दलीय नामांकन जमा करा दिया है। वीरवार को नामांकन खत्म होने के साथ ही चुनाव मैदान में 153 प्रत्याशी आ गए हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में हिसार की सातों सीटें चर्चा में हैं। उकलाना और नारनौंद की सीट को सुबह घोषित किया गया। कांग्रेस की सूची देर रात को जारी होने के साथ ही टिकट मांगने वाले काफी नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया और वह दूसरी पार्टियों में भाग गए और कुछ निर्दलीय चुनाव में उतर गए। इन नेताओं के चुनाव मैदान में चुनाव रोचक हो गया है। वह अपने रूठे हुए इन निर्दलीय चुनाव लड़ने वालों से बातचीत कर उनका जमा नामांकन पत्र वापस दिलवाने के लिए प्रयासरत हो गई है।
भाजपा प्रत्याशी से अपने ही फेर रहे मुंह
भाजपा के सामने भाजपा से रूठे निर्दलीय प्रत्याशी के उतरने से हिसार विधानसभा सीट काफी रोचक हो गई है। यहां पर पहले भाजपा और फिर कांग्रेस की टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र भर दिया है। इससे भाजपा प्रत्याशी डा. कमल गुप्ता के सामने बड़ी चुनौती हो सकती है। वहीं भाजपा से बने पूर्व मेयर गौतम
सरदाना ने भी नामांकन पत्र जमा करवाया है। इससे पहले भाजपा के जिला उपाध्यक्ष तरुण जैन विरोध कर चुके हैं। उन्होंने डा. कमल गुप्ता के खिलाफ खुल कर बोला और फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। हालात यह हैं कि भाजपा की तरफ से टिकट दिए जाने के बाद डा. कमल गुप्ता से उनके अपने रूठ रहे हैं जिन्हें मनाने के लिए पार्टी नेता प्रयास कर रहे हैं।
बरवाला-आदमपुर में इनेलो से उतरे दूसरों के बागी प्रत्याशी
बरवाला और आदमपुर में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से निर्दलीय उतरने की तैयारी कर रहे दो नेताओं को अपनी पार्टी से टिकट दी है। बरवाला में संजना सातरोड ने कांग्रेस से टिकट मांगी थी। वह नहीं मिली तो उन्होंने निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया था लेकिन इनेलो के संपर्क में आने के बाद वह अब चुनाव मैदान में दोबारा नामांकन पत्र जमा करवाया है। इसी प्रकार आदमपुर से मास्टर हरि सिंह के लड़के रणदीप लोहचब ने इनेलो से नामांकन जमा करवाया है। रणदीप के पिता मास्टर हरिसिंह प्रदेश के दो मुख्यमंत्रियों के राजनीतिक सलाहकार भी रह चुके हैं।
नलवा विधानसभा सीट
नलवा सीट भी काफी चर्चा में है। इस सीट पर कांग्रेस की टिकट अनिल मान को दिए जाने के बाद उनके सामने पूर्व विधायक एवं पूर्व वित्त मंत्री प्रो. संपत सिंह उतर गए हैं। उनकी तरफ से निर्दलीय नामांकन पत्र जमा करवाया गया है। प्रो. संपत साफ तौर पर खुद को कांग्रेस बता रहे हैं। उनका कहना है कि वह कांग्रेस से बाहर नहीं है। अब जाट समाज से तीन नेताओं के उतरने के बाद चुनावी मैदान में वोट का बंटवारा हो सकता है। वहीं इनेलो ने कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज श्रवण कुमार वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। वर्मा की तरफ से भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाई जा सकती है।
मैंने कांग्रेस से नहीं मांगी टिकट : सावित्री
जासं हिसार : हिसार विधानसभा सीट से नामांकन भरने के बाद पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने कहा कि उनकी तरफ से कांग्रेस से टिकट नहीं मांगी गई थी। इस लिए टिकट कटने का सवाल नहीं होता। वह जनता के कहने पर चुनाव लड़ रही है। वह जनता के लिए विकास करवाने के लिए आगे आई है। उन्होंने कहा कि यह उनका आखिरी चुनाव है। सावित्री ने कहा कि भाजपा की तरफ से काम करवाए गए है लेकिन अभी काफी विकास की कमी है। उसको पूरा करवाना ही उनका मकसद होगा। कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद एवं बेटे नवीन जिंदल के प्रचार पर बोलते हुए सावित्री ने कहा कि वह अपनी पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। हिसार की जनता उनके साथ है वह उनके लिए प्रचार करेगी।
याशी कंपनी के सर्वे का खामियाजा प्रदेश भुगत रहा
पूर्व मेयर गौतम सरदाना ने कहा कि मेरी लड़ाई विधायक की भूमिका के खिलाफ है। जो विधायक की भूमिका होनी चाहिए वह नहीं थी। सीवरेज व्यवस्था का काम विधायक के अंडर था, मेयर के अंडर यह काम नहीं आते थे। उन्होंने कहा कि याशी कंपनी के सर्वे का खामियाजा पूरा प्रदेश भुगत रहा है। गौतम ने कहा कि विधायक की उदासीनता के चलते काफी कालोनी पास नहीं हुई थी। जब डा. कमल गुप्ता से लोग मिलने जाते थे तो वह सही से बातचीत भी नहीं करते थे। जिसको हमने भेजा था वह निराश होकर आया था। उन्होंने कहा कि डा. कमल गुप्ता 13 के बाद सब एक मंच पर आने की बात कहकर मजाक हर रहे हैं। वह ऐसा न करें। उन्होंने कहा कि सर्वे में नकारने के बाद भी उनको टिकट दी गई है।
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