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Bank Employees Strike : बैंक कर्मचारियों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल; कर लें पहले ये काम

 Bank Employees Strike in March 2025

पांच दिवसीय कार्य सप्ताह और भर्ती की मांग को लेकर बैंक कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

Hisar News :  पांच दिवसीय कार्य सप्ताह, कर्मचारियों की भर्ती सहित विभिन्न मांगों को लेकर बैंक कर्मचारियों ने जाट कॉलेज रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक.  (SBI Bank Hisar) की मुख्य शाखा के समक्ष नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया तथा अगले महीने मार्च में हड़ताल करने की घोषणा की। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यू. एफ. बी. यू.) के बैनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में ग्राहक सेवा और कर्मचारी कल्याण दोनों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से प्रमुख मांगों पर प्रकाश डाला गया।



24 और 25 मार्च को करेंगे दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल
  प्रदर्शन एक व्यापक आंदोलन कार्यक्रम का हिस्सा है जिसमें 03 मार्च 2025 को दिल्ली में धरना और 24 और 25 मार्च को दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल शामिल है। यूनियन नेताओं ने कहा कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे आने वाले हफ्तों में अपने विरोध प्रदर्शन को तेज करेंगे।  
इस अवसर पर राज कुमार पूनिया, आशीष पंघाल, कुलजीत बैनीवाल, सुरेश जांगड़ा, सीमा खटकड़, ऊषा यादव, विनोद कुमार, ममता सहित अनेक बैंक कर्मचारी मौजूद थे।

बैंक कर्मचारियों की मुख्य मांगे- 

यूनियनों की एक मुख्य मांग बैंकिंग उद्योग में 5-दिवसीय कार्य सप्ताह की शुरुआत है। यूनियन नेताओं ने बताया कि मार्च 2024 के द्विपक्षीय समझौते और संयुक्त नोट के दौरान, भारतीय बैंक संघ (आई. बी. ए.) और यूनियनों ने 5-दिवसीय सप्ताह को लागू करने के लिए एक समझौता किया था और एक औपचारिक सिफारिश को मंजूरी के लिए सरकार को भेज दिया गया। लगभग एक साल बीत चुका है और सरकार ने अभी तक इस बदलाव को अधिसूचित नहीं किया है। यू. एफ. बी. यू. के प्रवक्ता ने कहा, 24 गुणा 7 डिजिटल बैंकिंग सेवाएं पहले से ही उपलब्ध हैं और अधिकांश सरकारी और कोऑपरेटिव कार्यालय सप्ताह में पांच दिन काम करते हैं, इसलिए बैंकिंग क्षेत्र में इसे तुरंत प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए। इससे ग्राहक सेवा और उत्पादकता में बढ़ोतरी ही होगी।




उन्होंने कई अन्य चिंताओं को भी उजागर किया जिसमें कर्मचारियों की कमी के कारण शाखाओं में बढ़ते कार्यभार को संबोधित करने की तत्काल आवश्यकता, पदोन्नति, स्थानांतरण और कर्मचारी कल्याण के संबंध में निष्पक्ष और पारदर्शी नीतियां सुनिश्चित करना और बैंकिंग क्षेत्र में अनुचित श्रम प्रथाओं और आगे निजीकरण के किसी भी प्रयास का विरोध करना शामिल है।



यूनियनों द्वारा उठाया गया एक और महत्वपूर्ण मुद्दा सभी संवर्गों में स्थायी भर्ती की आवश्यकता है। यूनियन नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि एक मजबूत कार्यबल न केवल बेहतर ग्राहक सेवा सुनिश्चित करता है बल्कि मौजूदा कर्मचारियों पर काम का दबाव भी कम करता है, जिससे अंततः बैंकिंग परिचालन की गुणवत्ता में सुधार होता है।

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