Baba Ram Rahim entry in Haryana Election will change the electoral equation, and Election Commission has imposed three conditions,
डेरा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम आज आएगा जेल से बाहर
Haryana News Today : Dera Sacha Sauda Sirsa chief Baba Ram Rahim की 20 दिन की इमरजेंसी पैरोल मंजूर हो गई है। ऐसे में हरियाणा विधानसभा चुनाव में डेरा प्रमुख Sant Gurmeet Ram Rahim Singh insan की एंट्री हो गई है और उनके जेल से बाहर आने पर हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनावी समीकरण बदले बदले नजर आएंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा ने चुनावी फायदा उठाने के लिए बाबा को चुनाव से ठीक पहले जेल से रिहा करवाया। डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम मंगलवार को जेल से बाहर आएंगे उनकी पैरोल सोमवार को चुनाव आयोग द्वारा मंजूर कर ली गई। जेल से बाहर आने पर चुनाव आयोग ने बाबा पर तीन शर्ते लगाई है उन्हें इन शर्तों का पालन करना होगा।
अगस्त 2024 में ही 21 दिन की पैरोल पर बाहर आया था बाबा राम रहीम
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम 13 अगस्त 2024 को ही 21 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आए थे। लेकिन पैरोल अवधि काटने के सवा महीना बाद ही बाबा राम रहीम ने फिर से 20 दिन के लिए पैरोल के लिए जेल प्रशासन को पत्र लिखा तो जेल प्रशासन में उनके पत्र को चुनाव आयोग के पास भेज दिया था।
चुनाव आयोग ने बाबा पर लगाई तीन शर्त
चुनाव आयोग ने सरकार से पूछा था कि कैदी को किन परिस्थितियों में इमरजेंसी पेट्रोल दी जा सकती है और उसके लिए क्या नियम कायदे हैं। सोमवार को बाबा राम रहीम की दरखास्त पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग ने फैसला लिया कि बाबा को पैरोल दी जाए। लेकिन चुनाव आयोग ने बाबा पर तीन शर्ते लगा दी। इन शर्तों का पालन बाबा पहले से ही करता रहा है और इन शर्तों का बाबा की रिहाई पर कोई असर पड़ता हुआ दिखाई नहीं दे रहा।
चुनाव आयोग की बाबा राम रहीम पर शर्त
जेल से रिहा होने के बाद गुरमीत राम रहीम हरियाणा में नहीं रहेगा।
पैरोल अवधि के दौरान बाबा राम रहीम किसी भी चुनाव एक्टिविटी में हिस्सा नहीं लगा।
पैरोल अवधि के दौरान बाबा सोशल मीडिया पर भी चुनाव प्रचार नहीं कर सकता।
आपको बता दें कि सन 2022 के बाद बाबा किसी भी परोलाव जी के दौरान हरियाणा के किसी दर में नहीं रहा है और वह यूपी के बागपत से बना हुआ आश्रम में ही अपनी काट रहा है। बाबा यूपी के आश्रम से ही ऑनलाइन सत्संग करता है और उसका ही सिरसा डेरा मुख्यालय में लाइव प्रसारण दिखाया जाता है।
आपको बता दें कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम ने आज तक किसी भी राजनीतिक गतिविधि में हिस्सा नहीं लिया है और ना ही उन्होंने कभी सोशल मीडिया या अन्य किसी प्लेटफार्म पर चुनाव प्रचार किया है। परंतु उनके कुछ अनुयाई राजनीतिक पार्किन से जुड़े होने के कारण अपने आकों के कहने या अपने निजी फायदे के लिए बाबा के नाम पर राजनीतिक पार्टियों की चुनाव के समय मदद करते रहते हैं। हालांकि डेरा सच्चा सौदा में अलग से राजनीतिक विंग का गठन किया हुआ था। लेकिन पंजाब चुनाव में भाजपा को डेरा सच्चा सौदा का समर्थन मिलने के बाद मिली करारी हार के बाद राजनीति में को भंग कर दिया था लेकिन उसके बावजूद भी डेरा सच्चा सौदा की तरफ से अंदर के अंदर राजनीतिक फैसला डेरा प्रमुख की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत द्वारा बाबा की गैर मौजूदगी में लिए जाते रहे हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव का चुनाव प्रचार अंतिम दौर में पहुंच चुका है। इस चुनाव में कहीं ना कहीं कांग्रेस बढ़त बनाते हुए दिखाई दे रही है और भाजपा अधिकतर सीटों पर पिछड़ती नजर आ रही है।
आपको बता दें कि हरियाणा में चुनाव का ऐलान होते हैं डेरा सच्चा सौदा के राजनीतिक से जुड़े कुछ लोग एक्टिव हो जाते हैं और वह नाम चर्चाओं में जाकर अपनी समर्थित पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास करते हैं। ताकि डेरा सच्चा सौदा के नाम पर उसे पार्टी को चुनावी फायदा पहुंचाया जा सके। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान बाबा राम रहीम की पैरोल मंजूर नहीं हुई थी और भाजपा को 5 सिम गंवानी पड़ी थी। ऐसे में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि भाजपा बाबा का चुनाव फायदा उठाने के लिए ही शायद जेल से बाहर निकाल कर ला रही है। अगर बाबा राम रहीम ऐसे समय में जेल से बाहर निकल रहे हैं और अंदर ही अंदर किसी राजनीतिक पार्टी की तरफ इशारा करते हैं तो हरियाणा की प्रत्येक विधानसभा सीट पर 5 से 15 हजार वोटो का फायदा समर्थन मिलने वाली राजनीतिक पार्टी को मिल सकता है। क्योंकि बाबा का जनाधार हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों की अधिकतर विधानसभा सीटों पर देखने को पहले भी मिलता रहा है।
कहीं भाजपा पर उल्टा ना पड़ जाए बाबा को बाहर निकालना
पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान भी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर निकाल कर गुरुग्राम स्थित आश्रम में रहे थे और बताया जाता है कि बाबा से मिलने के लिए यहां बड़े-बड़े नेता पहुंचे थे और बाबा के सहारे पर डेरा समर्थकों ने भाजपा का समर्थन किया था। जैसे ही इस बात का पता पंजाब के लोगों को चला तो रातों-रात इलेक्शन का माहौल पलट गया और भाजपा को हराने के लिए लोग एकजुट हो गए। जब चुनावी परिणाम आए तो भाजपा के ढोल में केवल डेरा प्रेमियों के ही वोट मिले और पंजाब से भाजपा का सुपड़ा साफ हो गया।
अगर ऐसा ही हल हरियाणा में हो जाए तो कोई ताजु की बात नहीं है क्योंकि इस समय भी हरियाणा और पंजाब में किसान आंदोलन की चिंगारी सुलग रही है। साथी हरियाणा में भी भाजपा एंटी विरोधी लहर दौड़ रही है। सुनो प्रकार के दौरान भाजपा के कई प्रत्याशियों को भारी विरोध का सामना करना पड़ा है।
जाने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां कब कब जेल से बाहर निकला
पहली बार 24 अक्टूबर 2020 को एक दिन की पैरोल मिली। तब राम रहीम बीमार मां से मिलने आया।
दूसरी बार 21 मई 2021 को एक दिन की पैरोल मिली। राम रहीम दोबारा बीमार मां से मिलने आया।
तीसरी बार 7 फरवरी 2022 को 21 दिनों की पैरोल ।
चौथी बार जून 2022 में एक महीने की पैरोल ।
पांचवीं बार अक्टूबर 2022 में 40 दिनों की पैरोल ।
छठी बार 21 जनवरी 2023 को 40 दिन की पैरोल ।
7वीं बार 20 जुलाई 2023 को 30 दिन की पैरोल ।
8वीं बार नवंबर 2023 में 29 दिन की फरलो।
9वीं बार 19 जनवरी 2024 को 60 दिन की पैरोल ।
10वीं बार 12 अगस्त को 21 दिन की फरलो।
11 वीं बार 1 अक्टूबर 2024 को जेल से बाहर आने की चर्चाएं
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